What Causes Delay In Period After Miscarriage In Hindi: गर्भपात होने के बाद अक्सर देखने में आता है कि महिला का शरीर पूरी तरह से कमजोर हो जाता है। वह मानसिक रूप से भी थकान और कमजोरी महसूस करने लगती है। यही नहीं, मिसकैरेज के बाद महिलाओं को नॉर्मल लाइफस्टाइल में आने में काफी समय लगता है। यहां तक कि कई महिलाओं को गर्भपात के बाद पहला पीरियड भी देरी से आता है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? इसके क्या कारण हो सकते हैं? क्या ऐसा होना सामान्य है या फिर पीरियड में देरी होने की वजह से महिला को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए? इस संबंध में हमने डॉक्टर से बात की है।
गर्भपात (मिसकैरेज) के बाद पहला पीरियड देर से क्यों आता है?- What Causes Delay In Period After Miscarriage In Hindi
इस संबंध में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "मिसकैरेज के बाद ज्यादातर महिलाओं के पीरियड्स देर से ही शुरू होते हैं। ऐसा होना सामान्य है। इसे कोई गंभीर बीमारी नहीं समझना चाहिए। हां, हर महिला के लिए यह जान लेना जरूरी है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? यह जानकर वे समय से अपना इलाज करवा सकती हैं और जरूरी प्रीकॉशन भी ले सकती हैं।" इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, यहा जान लेना जरूरी है कि आखिर गर्भपात के बाद पहला पीरियड देर से क्यों आता है? डॉ. शोभा गुप्ता आगे बताती हैं, "दरअसल, मिसकैरेज के बाद 4 से 6 सप्ताह के भीतर महिलाओं को फिर से पीरियड शुरू हो सकते हैं। असल में, यह सामान्य सी देरी है। जैसे-जैसे बॉडी मिसकैरेज से रिकवर करती है, वैसे-वैसे शारीरिक हार्मोन सामान्य अवस्था में आ जाते हैं। आपको बता दें, जिन महिलाओं को मिसकैरेज के बाद करीब दो माह तक पीरियड्स न हों, उन्हें बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दरअसल, मिसकैरेज के बाद 4-6 सप्ताह के भीतर मासिक धर्म की शुरुआत न हो, कंसीव करने की ओर इशारा कर सकता है।" विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि महिलाओं को मिसकैरेज के तुरंत बाद कंसीव नहीं करना चाहिए। इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और यह गर्भाशय के लिए भी सही नहीं है। महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी हेल्थ पर पूरा फोकस करे और जब शारीरित-मानसिक रूप से तैयार हो जाए, तभी दोबारा कंसीव करने की कोशिश करें।
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मिसकैरेज के बाद पीरियड् में होने वाले बदलाव- Period Changes After Miscarriage In Hindi
डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, मिसकैरेज के बाद पीरियड्स सामान्य पीरियड के दिनों से अलग होते हैं। गर्भपात के बाद, जब भी महिला को पहले पीरियड होंगे, उसमें महिला को कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे-
- अनियमित महावारी
- पेट में तीव्र दर्द
- रक्त के मोटे थक्के निकलना
- हैवी ब्लीडिंग होना
- औसत से ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग होना
- ब्रेस्ट में टेंडरनेस महसूस होना
मिसकैरेज के बाद पहले पीरियड को मैनेज करने के टिप्स-Tips For Period Changes After Miscarriage In Hindi
यह सच है कि मिसकैरेज के बाद हर महिला इमोशनली टूट जाती है। इन दिनों स्ट्रेस और एंग्जाइटी का स्तर भी बढ़ जाता है। अगर महिला ने अपने इमोशंस और स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल न किया, तो इसका बुरा असर उनकी शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इसलिए, जरूरी है कि आप पीरियड्स के लिए पहले से ही तैयार रहें। जानें, पीरियड्स को मैनेज करने से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स-
- अपने इमोशंस को कंट्रोल करने की कोशिश करें। स्ट्रेस जितना कम लेंगी, हेल्थ में उतनी तेजी से सुधार होगा।
- मिसकैरेज के बाद पहले पीरियड में हैवी फ्लो होगा और पेट दर्द भी हो सकता है। इस कंडीशन से निपटने के लिए हाप हीटिंग पैड रखें या फिर हॉट वॉटर बैग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- पीरियड के दौरान रक्त के थक्के निकल सकते हैं। इसे देखकर घबराए नहीं। यह सामान्य है। अगर आपको लगे कि बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- पीरियड्स सामान्य दिनों से ज्यादा लंबा चल सकता है। इसके लिए पहले से ही मेंटली तैयार रहें।
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