गर्भपात होना महिलाओं के लिए बहुत ही दुखद भरा अनुभव होता है। इस दौरान न सिर्फ मानसिक कष्ट झेलना पड़ता है। बल्कि कई महिलाओं को गर्भपात के दौरान पेट में दर्द, उल्टी और बुखार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भपात होने के बाद भी महिलाएं अपने दर्द से उभर नहीं पाती हैं। गर्भपात के बाद भी महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जी हां, गर्भपात होने के बाद भी महिलाओं को शारीरिक और मानसिक समस्याओं को सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं उन समस्याओं के बारे में-
1. हेवी ब्लीडिंग होना
गर्भपात के बाद सभी महिलाओं को इस तरह की समस्याएं नहीं होती हैं। लेकिन कुछ महिलाओं को गर्भपात के दौरा काफी ज्यादा हेवी ब्लीडिंग की परेशानी होती है। कई बार इस तरह के मामलों में महिलाओं को 3 से 4 सप्ताह तक ब्लीडिंग होती रहती है। हालांकि, यह एक सामान्य समस्या है। लेकिन हेवी ब्लीडिंग के साथ-साथ अगर आपका सिर हल्का लग रहा है, थक्के जम रहे हैं या फिर चक्कर आ रहे हैं, तो इस स्थिति में तुरंत आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है। ध्यान रखें कि इस तरह की समस्याओं का सामना करना पर घरेलू उपचार के बजाय डॉक्टर से संपर्क करना ही आपके लिए बेहतर उपाय हो सकता है।
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2. काफी ज्यादा दर्द होना
गर्भपात के बाद महिलाओं को काफी ज्यादा कष्ट का सामना करना पड़ता है। इस दौरान न सिर्फ बच्चे खोने का गम होता है, बल्कि वह शारीरिक रूप से भी काफी कमजोर होती हैं। गर्भपात से पहसे महिलाओं के गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। ऐसे में इसे सामान्य आकार में आने में वक्त लगता है। हालांकि, धीरे-धीरे यह अपने आकार में आ जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं को इस अवधि में पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में गर्म पानी के थैले से अपने पेट और कमर के आसपास की सिंकाई करें।
3. संक्रमण का खतरा
मिसकैरिज होने के बाद महिलाओं की योनि औप बच्चेदानी में संक्रमण को खतरा काफी ज्यादा रहता है। संक्रमण की वजह से महिलाओं को कई तरह की बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। गर्भपात के बाद संक्रमण होना काफी खतरनाक हो सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए योनि के आसपास रूई का फाहों का इस्तेमाल, स्विमिंग पूल, बाथ टब का इस्तेमाल न करें। संक्रमण होने पर किसी भी तरह की लापरवाही आपके लिए घातक हो सकती है। ऐसे में अपना तुरंत इलाज कराएं।
4. स्ट्रेस बढ़ना
महिलाएं गर्भपात के बाद काफी ज्यादा विचलित हो जाती है। इस कष्ट से उभारना काफी ज्यादा कठिन हो जाता है। बच्चे को खोने के बाद महिलाएं काफी ज्यादा टूट जाती है। ऐसे में कुछ-कुछ महिलाएं मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान होने लगती है। खासतौर पर स्ट्रेस इस तरह की महिलाओं में काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
5. दोबारा गर्भपात का खतरा
कुछ महिलाओं में गर्भपात के दौरान ठीक से सफाई न होने की वजह से बच्चेदानी में कुछ टिश्यूज रह जाते हैं। जिसकी वजह से महिलाओं को डीएंडसी कराने की जरूरत पढ़ सकती हैं।बच्चेदानी में अगर टिश्यू रह जाते हैं, तो महिलाओं में दोबारा गर्भपात होने की सम्भावना होती है। इस स्थिति में डाइलेशन और क्यूरेटेज आवश्यक होता है।
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