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Causes Of Frequent Gas And Acidity: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में न ठीक से सोने के लिए समय रह गया है और न ही खानपान का। इसी वजह से ज्यादातर लोग गैस और एसिडिटी की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। अक्सर लोग इन्हें मामूली मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि लंबे समय तक ऐसा करना सही नहीं है। आपको बता दें कि ऐसा सिर्फ लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियों की वजह से नहीं होता है। कभी-कभी ऐसा गंभीर बीमारी का कारण भी होता है। वैसे तो गैस और एसिडिटी की समस्या सीधे तौर पर आपके रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा होता है। अगर आपकी दिनचर्या असंतुलित है, तो पाचन तंत्र सबसे पहले प्रभावित होता है और गैस-एसिडिटी जैसी परेशानी बार-बार ट्रिगर होती है। बहरहाल, इस लेख में हम जानेंगे कि आपको बार-बार गैस और एसिडिटी की समस्या क्यों होती है? इसका लाइफस्टाइल से क्या संबंध है? इस बारे में जानने के लिए हमने फोर्टिस हॉस्पिटल शालीमार बाग में डायरेक्टर रोबोटिक, बैरिएट्रिक, लैप्रोस्कोपिक एवं जनरल सर्जरी विभाग और रोहिणी स्थित शल्य क्लिनिक के संस्थापक डॉ. पंकज शर्मा से बातचीत की।
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गैस और एसिडिटी होने के लाइफस्टाइल से जुड़े कारण- Lifestyle Factors For Gas And Acidity
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- अनियमित समय पर भोजन करनाः खाने का एक फिक्स समय होना चाहिए, लेकिन ज्यादातर लोगों का खाना खाने का टाइम फिक्स नहीं है। कभी-कभी तो लोग काम के चलते मील स्किप कर देते हैं। ऐसे में गैस या एसिडिटी की समस्या होने लगती है।
- लेट नाइट डिनर करनाः डिनर हमेशा सोने से तीन घंटे पहले कर लेना चाहिए। जो लोग देर रात में डिनर करते हैं, उन्हें एसिड रिफ्लक्स की समस्या बनी रहती है।
- मसालेदार भोजन करनाः सप्ताह में एक बार मसालेदार या तला-भुना खाने में दिक्कत नहीं है। अगर आप नियमित रूप से ऐसा करते हैं, तो इसकी वजह से सीने में जलन और पेट मे गैस बनने जैसी समस्या हो सकती है।
- चाय-कॉफी का सेवन ज्यादा करनाः कई लोगों की आदत होती है कि वे सुबह उठकर चाय पीने से अपने दिन की शुरुआत करते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन अगर आप दिन भर में कई सारी चाय पी लेते हैं, तो एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- नींद की कमीः नींद की कमी भी सीने में जलन और एसिडिटी की समस्याओं को ट्रिगर कर सकती है। आपको बता दें कि नींद की कमी की वजह से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इसका बुरा असर पाचन क्रिया पर पड़ता है।
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किन बीमारियों के कारण एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है?
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डॉ. पंकज शर्मा के शब्दों में, जब गैस और एसिडिटी के साथ नजर आ रहे अन्य लक्षणों की अनदेखी भी न करें, जैसे लगातार सीने में तेज जलन, ठोस खाना निगलने में दिक्कत, उल्टी में खून, काले रंग का स्टूल, बार-बार पेट में तेज दर्द, अचानक वजन कम होना, या रात में खांसी या घुटन महसूस होना। ये संकेत गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, अल्सर, गॉलब्लैडर स्टोन, हायटल हर्निया या पेट के अंदर अन्य संरचनात्मक समस्याओं की ओर इशारा कर सकते हैं। डॉ. पंकज शर्मा आगे बताते हैं, "कई बार पेट फूलने और गैस की समस्या गॉलब्लैडर से भी जुड़ी होती है, खासकर तब जब मरीज दाएं ऊपरी हिस्से में दर्द, भारीपन और असहजता महसूस करते हैं। ऐसे मामलों में अल्ट्रासाउंड या एंडोस्कोपी करवाना जरूरी होता है। वहीं के (GERD) की लंबे समय तक अनदेखी करने की वजह से इसोफेगस में सूजन, अल्सर जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं।"
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एसिडिटी और गैस से बचने के लिए लाइफस्टाइल चेंजेस
डॉ. पंकज शर्मा सलाह देते हैं कि अपनी डेली लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करने से आपकी सेहत में बड़े असर नर आ सकते हैं, जैसे-
- गुनगुना पानी पीने से दिन की शुरुआत करें।
- भोजन हमेशा निर्धारित समय पर लें।
- रात का खाना सोने से 2-3 घंटे पहले ले लें।
- तला-भुना, गरिष्ठदार और मसालेदार भोजन कम करें।
- हर बाइट को अच्छी तरह चबाए।
- दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी
- रोजाना 20-30 मिनट की वॉक या लाइट वर्कआउट करें।
- चाय-कॉफी का सीमित सेवन
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निष्कर्ष
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 60-70 फीसदी लोगों में सिर्फ यहां बताए गए लाइफस्टाइल बदलाव की मदद से एसिडिटी और गैस जैसी समस्या से राहत मिल सकती है। हां, अगर आपको बार-बार गैस और एसिडिटी की समस्या बनी रहती है, तो यह सही नहीं है। यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा करता है। समस्या गंभीर न हो, इसके लिए समय पर एक्सपर्ट से संपर्क करें।
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Dec 05, 2025 13:23 IST
Published By : Meera Tagore