मुल्तानी मिट्टी भारत में सदियों से स्किन और बालों के लिए इस्तेमाल की जा रही है। यह मिट्टी खासतौर पर चेहरे की गहराई से सफाई, मुंहासों को सुखाने, त्वचा की रंगत निखारने और बालों की जड़ों को मजबूत करने के लिए जानी जाती है। गर्मियों के मौसम में तो लोग इसका लेप लगाकर शरीर की गर्मी को भी शांत करते हैं। यह मिट्टी त्वचा के लिए ठंडी और शुद्ध मानी जाती है और आज भी कई लोग इसे अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल करते हैं। लेकिन कुछ लोग, खासकर छोटे मुल्तानी मिट्टी को खाना शुरू कर देते हैं। यह आदत अक्सर चोरी-छिपे शुरू होती है और धीरे-धीरे एक लत का रूप ले सकती है। सोशल मीडिया पर भी कई लोग अपने मुल्तानी मिट्टी खाने के अनुभव साझा करते हैं, जिससे दूसरों में भी इसकी उत्सुकता बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी सवाल यह है कि क्या मुल्तानी मिट्टी को खाना सुरक्षित है? क्या यह शरीर को कोई लाभ देता है या इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
मुल्तानी मिट्टी खाने के नुकसान- What Are The Side Effects of Eating Multani Mitti
कुछ लोगों को मिट्टी, चॉक खाने की आदत होती है। यह एक मानसिक स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति पोषणरहित चीजों को खाने की प्रवृत्ति रखता है। कुछ लोग इसे डिटॉक्स या मिनरल्स के सोर्स के रूप में भी देखने लगते हैं, जो कि पूरी तरह से भ्रम है। यह मिट्टी विशेष रूप से त्वचा की गहराई से सफाई और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जानी जाती है।
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आयुर्वेद में मुल्तानी मिट्टी को बाह्य उपयोग (external use) के लिए मान्यता प्राप्त है। इसे शरीर की गर्मी दूर करने, त्वचा के विकारों को कम करने में उपयोग किया जाता है। लेकिन आंतरिक सेवन का कहीं उल्लेख नहीं मिलता। डॉक्टर इसका सेवन न करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह शरीर में "आम" (toxins) बढ़ा सकता है और वात विकार को जन्म दे सकता है।
1. पाचन तंत्र पर असर
मुल्तानी मिट्टी खाने से सबसे पहला असर पेट और आंतों पर होता है। यह मिट्टी गाढ़ी होती है और पचने योग्य नहीं होती, जिससे कब्ज, पेट फूलना और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लगातार सेवन से आंतों में रुकावट (intestinal blockage) का भी खतरा होता है।
2. हड्डियों में कमजोरी
इसमें मौजूद तत्व और अन्य भारी धातुएं शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे हड्डियों की कमजोरी, जोड़ दर्द और लंबे समय में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या हो सकती है।
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3. जहरीले तत्वों का जोखिम
मुल्तानी मिट्टी में कई बार आर्सेनिक, लेड और अन्य भारी धातुएं पाई जा सकती हैं जो शरीर में जाकर धीरे-धीरे टॉक्सिन्स की तरह काम करती हैं। इससे लिवर, किडनी और ब्रेन तक प्रभावित हो सकते हैं।
4. खून की कमी
लंबे समय तक मुल्तानी मिट्टी खाने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मिट्टी आंतों से पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालती है। इससे एनीमिया यानी खून की कमी हो सकती है।
निष्कर्ष
मुल्तानी मिट्टी त्वचा के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपचार है, लेकिन इसे खाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह पाचन, हड्डियों, खून और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। यदि आपको मिट्टी खाने की इच्छा होती है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी है या कोई मानसिक असंतुलन है। इसलिए बिना देर किए किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह लें और इस आदत से खुद को बचाएं।
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FAQ
मुल्तानी मिट्टी चेहरे पर कब लगानी चाहिए?
मुल्तानी मिट्टी चेहरे पर लगाने का सबसे अच्छा समय शाम को होता है, जब आप दिनभर की धूल, धूप और पसीने से लौटते हैं। यह त्वचा की गहराई से सफाई करती है और त्वचा को ठंडक देती है। आप इसे हफ्ते में 2 से 3 बार गुलाब जल में मिलाकर फेस पैक की तरह लगाएं।मुल्तानी मिट्टी को चेहरे पर लगाने से क्या फायदा होता है?
मुल्तानी मिट्टी को चेहरे पर लगाने से त्वचा को कई फायदे मिलते हैं, यह त्वचा की गहराई से सफाई करती है, धूल-मिट्टी और गंदगी को हटाकर पोर्स को खोलती है। खासकर ऑयली स्किन वालों के लिए मुल्तानी मिट्टी बेहद लाभकारी होती है। इसके ठंडे स्वभाव के कारण यह त्वचा की जलन, टैनिंग और सनबर्न में भी राहत देती है। नियमित उपयोग से चेहरे की रंगत निखरती है। मुल्तानी मिट्टी त्वचा को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करती है और उसे हेल्दी ग्लो देने में मदद करती है।मुल्तानी मिट्टी लगाने के बाद चेहरे पर क्या लगाना चाहिए?
मुल्तानी मिट्टी लगाने और धोने के बाद त्वचा की नमी कम हो जाती है, इसलिए इसके बाद चेहरे पर हल्का मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए। यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और किसी भी तरह की रूखापन या खिंचाव की समस्या से बचाता है। अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो आप नारियल तेल या बादाम तेल की कुछ बूंदें भी चेहरे पर हल्के हाथों से मालिश करके लगा सकते हैं।