प्रेग्नेंसी एक महिला के जीवन का बेहद खास समय होता है, इस दौरान महिला का शरीर न केवल शारीरिक बल्कि हार्मोनल रूप से भी कई बड़े बदलावों से गुजरता है। इन बदलावों की वजह से महिला का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो सकता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण प्रेग्नेंट महिला आसानी से बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के संपर्क में आकर बीमार पड़ सकती है। इस लेख में जयपुर के दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता (Dr. shikha gupta, Laparoscopic surgeon and IVF specialist, DIVA hospital and IVF centre) से जानिए, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले सामान्य संक्रमण कौन से हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले सामान्य संक्रमण? - What Are The Most Common Infections In Pregnancy
1. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन - UTI
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन गर्भवती महिलाओं में एक सामान्य संक्रमण है। UTI के लक्षणों में पेशाब के दौरान जलन, बार-बार पेशाब आना, कमर में दर्द या बुखार शामिल हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को इस समस्या से बचने के लिए पानी ज्यादा पीने की सलाह दी जाती है ताकि मूत्राशय खाली हो और बैक्टीरिया को पनपने का मौका न मिले। अगर इंफेक्शन हो, तो डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक्स का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।
इसे भी पढ़ें: क्या महिलाओं को थायराइड होने पर प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी आती है? डॉक्टर से जानें जवाब
2. सर्वाइकल इंफेक्शन - Cervical Infection
प्रेग्नेंसी के दौरान सर्वाइकल इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। यह इंफेक्शन गर्भाशय ग्रीवा (Cervical) के बैक्टीरिया, वायरस या फंगी के कारण हो सकता है। यदि यह संक्रमण समय रहते ठीक नहीं किया जाता, तो यह गर्भावस्था में जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे समय से पहले प्रसव या अन्य समस्याएं। गर्भवती महिलाओं को सफाई बनाए रखने के लिए कहा जाता है। यदि इंफेक्शन की कोई संभावना हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, ताकि सही इलाज किया जा सके।
इसे भी पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी में महुआ का सेवन करना सुरक्षित है? बता रहे हैं डॉक्टर
3. फ्लू और अन्य वायरल इंफेक्शन
प्रेग्नेंसी के दौरान फ्लू और अन्य वायरल इंफेक्शन जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि से बचाव करना जरूरी है। यह इंफेक्शन महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए इन संक्रमणों से बचना और सही समय पर उपचार कराना बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंट महिलाओं को फ्लू के टीके लगवाने की सलाह दी जाती है, ताकि फ्लू से बचा जा सके। इसके अलावा, उचित सफाई बनाए रखना और हाथों को धोना इन इंफेक्शन से बचने का तरीका है।
4. लिस्टेरिया इंफेक्शन - Listeriosis
लिस्टेरिया एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर हो सकता है। यह आमतौर पर संक्रमित भोजन, जैसे पनीर, दूध, समुद्री भोजन आदि से फैल सकता है। इस इंफेक्शन के होने पर गर्भवती महिला में बुखार, मांसपेशियों में दर्द और थकान हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप गर्भपात, समय से पहले प्रसव या बच्चे में जन्मजात दोष हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को लिस्टेरिया से बचने के लिए कच्चे भोजन, पनीर और अन्य असुरक्षित फूड्स से दूर रहना चाहिए। भोजन को ठीक से पकाना और सफाई बनाए रखना इंफेक्शन से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
5. हेपेटाइटिस बी - Hepatitis B
हेपेटाइटिस बी एक वायरस से होने वाला संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा का रंग पीला पड़ना शामिल हो सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाने की सलाह दी जाती है। अगर यह इंफेक्शन पहले से मौजूद हो, तो डॉक्टर द्वारा उचित इलाज और मॉनिटरिंग की जरूरत होती है।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और इसे नजरअंदाज करना महिला और गर्भ में पल रहे भ्रूण दोनों के लिए खतरे का कारण बन सकता है। इस समय में महिलाओं को खासतौर पर सफाई बनाए रखने, उचित डाइट और नियमित डॉक्टर की जांच करवाने की सलाह दी जाती है। इंफेक्शन से बचाव के लिए जागरूकता और समय पर इलाज सबसे जरूरी है। यदि किसी भी प्रकार के इंफेक्शन के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
All Images Credit- Freepik