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पीसीओडी-थायराइड के बावजूद मिताली जैन ने इस एक ट्रिक से डेढ़ महीने में किया 8 किलो वजन कम, जानें उनकी जर्नी

weight loss fat loss transformation mitali jain in hindi: मिताली जैन ने सिर्फ डेढ़ महीने में अपना 8 किलो वजन किया, जबकि उन्हें पीसीओडी-थायराइड जैसी मेडिकल कंडीशंस हैं। उन्हें माइग्रेन भी है, जिससे उन्हें हैवी वर्कआउट करने में दिक्कत आती है। तो फिर उन्होंने अपना वेट लॉस कैसे किया? जानें, मिताली जैन की जर्नी के बारे में-
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पीसीओडी-थायराइड के बावजूद मिताली जैन ने इस एक ट्रिक से डेढ़ महीने में किया 8 किलो वजन कम, जानें उनकी जर्नी


मोटापा अपने आप में एक गंभीर समस्या है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की मानें, तो मौजूदा समय में हमारे देश में कुल आबादी में 24 फीसदी महिलाएं और 23 फीसदी पुरुष मोटापा यानी ओबेसिटी का शिकार हैं। मोटापा बढ़ने से कई तरह की समस्याएं भी होने लगती हैं, जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, महिलाओं में पीसीओडी आदि। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम अपने वजन को संतुलित रखें, ताकि हेल्थ में सुधार हो सके। साथ ही, किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से बचा जा सके। ऐसा नहीं है कि लोग अपने वजन को कम करने का प्रयास नहीं करते हैं। लेकिन, रेगुलर रूटीन को फॉलो करना और कंसिस्टेंसी को मेंटेन करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसी तरह की तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए पीसीओडी और थायराइड से पीड़ित मिताली जैन ने अपनी वेट लॉस जर्नी शुरू की। आइए जानते हैं कि उन्होंने अपने फैट ट्रांसफॉर्मेशन जर्नी की शुरुआत कैसे की और इस सफर में उन्हें किस किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

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हेल्दी रखी दिन की शुरुआत

वेट लॉस के लिए दिन की शुरुआत अच्छी होनी चाहिए। मिताली ने भी इस बात की अनदेखी नहीं। वह बताती हैं, "मैंने अपने वेट लॉस जर्नी में सबसे पहले इसी बात का ध्यान रखा कि वॉटर इनटेक सही हो। मैं पूरे दिन में कम से कम साढ़े तीन लीटर पानी जरूर पीती हूं। हेल्दी ब्रेकफास्ट करती हूं। ब्रेकफास्ट में मैं चीला जैसी चीजें शामिल करती हूं। इसमें पनीर की स्टफिंग करने से यह और भी न्यूट्रिशियस हो जाता है। ऐसा करके मैं अपने डेली पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर लेती हूं। मैं नाश्ता हमेशा वर्कआउट के बाद ही करती हूं।"

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डाइट में अपने फूड हैबिट्स का रखा ध्यान

वेट लॉस जर्नी के दौरान मिताली जैन ने अपनी डाइट में कुछ चेंजेस किए। हालांकि, मिताली कहती हैं, "मैं एक वर्किंग वूमन हूं और मेरे लिए अलग-अलग तरह की रेसिपीज बनाना आसान नहीं होता है। यह बात मैं पहले से ही जानती थी। इसलिए, मैंने अपनी फूड हैबिट्स को ध्यान में रखते हुए डाइट को फॉलो किया। यानी जो मेरे लिए बनाना आसान था, जो चीजें हेल्दी थीं और जो मैं पहले से ही खाती थी, उन्हें अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा शामिल किया। इस तरह मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं अपनी रेगुलर डाइट को सस्टेन कर सकूं।" मिताली यह भी बताती हैं, "मैं दिन भर में 5-6 मील लेती हूं। लेकिन हर मील छोटी-छोटी होती है। जैसे मैं कभी स्नैक्स में चने उबालकर खाती हूं। इसके टेस्ट को बेहतर बनाने के लिए इसमें टमाटर, प्याज और नींबू का रस मिक्स करती हूं। इस तरह की चीजें हेल्दी होने के साथ-साथ वेट लॉस में भी मदद करती हैं। मैं कभी-भी ओवर ईटिंग नहीं करती हूं और रात को 7.00 बजे के बाद डिनर करने से बचती हूं। और मैं ग्लूटन फ्री डाइट फॉलो करती हूं। मैं किसी भी तरह की रोटी नहीं खाती हूं।"

सही पोर्शन पर दिया जोर

वेट लॉस के दौरान आप क्या खा रहे हैं, सिर्फ यह बात मायने नहीं रखती है। यह बात भी इंपॉर्टेंट होती है कि आप कितनी मात्रा में खा रहे हैं। मिताली ने अपनी डाइट में बदलाव करते हुए यह भी ध्यान रखा कि वह जो भी चीजें खा रही हैं, उन्हें सीमित मात्रा में ही लें। उनका कहना है, "जो चीजें मुझे पहले से पसंद हैं, मैंने उन्हें अपनी डाइट पूरी तरह से बाहर नहीं निकाला। जैसे मुझे चीनी और दूध वाली चाय पसंद हैं, तो उसे मैंने पूरी तरह छोड़ने के बजाय, उसके पोर्शन साइज को कम कर दिया। जैसे मैं सिर्फ 150 ml चाय पीती हूं। इसी तरह कुछ भी खाती हूं तो ओवर ईटिंग कभी नहीं करती हूं। हर चीज लिमिट में खाती हूं।"

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लाइट वर्कआउट से मिली मदद

मिताली जैन पीसीओडी और थयराइड जैसी बीमारी से ग्रसित हैं। साथ ही, उन्हें माइग्रेन भी है। ऐसे में उनके लिए हैवी वर्कआउट करना काफी चुनौतिपूर्ण हो जाता है। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और वेट लॉस जर्नी के लिए रेगलुर लाइफस्टाइल में लाइट वर्कआउट को शामिल किया। अपनी जर्नी के बारे में मिताली आगे बताती हैं, "मैं अगर हैवी वर्कआउट या लंबे समय तक कार्डियो करती हूं, तो इससे मेरा माइग्रेन ट्रिगर कर जाता है। इसलिए, मैं हैवी वर्कआउट नहीं कर पाती हूं। लेकिन, वर्कआउट के बिना वेट लॉस करना मुश्किल होता है। ऐसे में मैंने स्ट्रेंथ वर्कआउट को इंपॉर्टेंस दिया। मैं वर्कआउट को रोटेशन में करती हूं, जैसे एक दिन लेग पर फोकस करती हूं, तो अगले दिन शोल्डर वर्कआउट करती हूं। मैं बहुत लाइट कार्डियो करती हूं। और मैं 7 दिनों में से कम से कम 6 दिन वर्कआउट जरूर करती हूं। आमतौर पर मैं सुबह ही वर्कआउट करना पसंद करती हूं।"

पोस्ट वर्कआउट को नहीं किया इग्नोर

आपने अक्सर देखा होगा कि वर्कआउट के दौरान मसल्स इंजुरी जैसी दिक्कतें हो जाती हैं। इनसे रिकवरी के पोस्ट वर्कआउट पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। मिताली ने भी इस बात का ध्यान रखा। वह बताती हैं, "मैं पोस्ट वर्कआउट प्रोटीन शेक और मल्टी विटामिन जरूर लेती हूं।"

कंसिस्टेंसी से किया डेढ़ महीने में 8 किलो वजन कम

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मिताली आगे कहती हैं, ‘मैंने वेट लॉस के लिए किसी तरह का फैंसी डाइट फॉलो नहीं किया। बस इस बात का ध्यान रखा कि हमेशा कंसिस्टेंट रहूं, वर्कआउट करूं और सही फूड हैबिट्स को ही फॉलो करूं। इस तरह अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में चेंजेस करते हुए मैंने महज डेढ़ महीने में 8 किलो वजन कम किया। इसमें भी पहले 30 दिनों में मैंने 6 किलो वजन कम किया था और 2 किलो वजन बाकी के दस दिनों में किया है।" मिताली अपनी बातों में यह भी जोड़ती हैं, "इस वेट लॉस जर्नी में मैंने न सिर्फ अपना वजन कम किया, बल्कि इसकी वजह से मेरी स्किन ग्लोइंग हो गई, हेयर फॉल कम हो गया और मैं पहले से ज्यादा एक्टिव फील करती हूं।"

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