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इन 4 डिजीज को ठीक करने में मदद करते हैं विटामिन और मिनरल्स, एक्सपर्ट से जानें

शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होनी चाहिए। यहां जानिए, विटामिन्स और मिनरल्स किन-किन डिजीज को ठीक करने में सहायक होते हैं?
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इन 4 डिजीज को ठीक करने में मदद करते हैं विटामिन और मिनरल्स, एक्सपर्ट से जानें


वर्तमान समय में तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण शरीर को सही मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स प्राप्त नहीं होते हैं। शरीर को सही पोषण न मिल पाने के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। दरअसल, विटामिन्स और मिनरल्स न केवल हमारे शरीर के अलग-अलग कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते हैं, बल्कि बीमारियों से बचाव और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में भी सहायक होते हैं। बैलेंस डाइट विटामिन और मिनरल्स की कमी को पूरा करने में सहायक होती है। विटामिन और मिनरल्स का सेवन हमारे शरीर की एनर्जी, हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों की कार्यक्षमता और तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से रखने के लिए जरूरी है। इस बारे में जानकारी देते हुए होम्योपैथ और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ स्मिता भोईर पाटिल ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। 

किन-किन डिजीज को ठीक करने के लिए विटामिन्स और मिनरल्स जरूरी हैं?

1. साइटिका

डॉक्टर ने बताया कि विटामिन बी1, बी6 और बी12 तंत्रिका स्वास्थ्य और कार्य के लिए बेहद जरूरी हैं, ये विटामिन्स साइटिका की परेशानी को कम करने और तंत्रिका पुनर्जनन 'Nerve regeneration' को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। शरीर में इसकी कमी से नसों में दर्द और कमजोरी हो सकती है, जिससे साइटिका की समस्या बढ़ सकती है। विटामिन बी12 नसों की मरम्मत में मदद करता है और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है। मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद विटामिन बी12 के अच्छे सोर्स हैं। शाकाहारी लोग डॉक्टर की सलाह पर विटामिन बी12 सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं।

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2. हाइपोथायरायडिज्म संतुलन

आयरन, जिंक और सेलेनियम थायराइड फंक्शन को सपोर्ट करने, हार्मोन उत्पादन और चयापचय विनियमन 'metabolic regulation' में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म को मैनेज करने के लिए आवश्यक हैं। आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन में महत्वपूर्ण होता है और शरीर में इसकी कमी हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकती है। वहीं जिंक थायराइड हार्मोन के उत्पादन और थायराइड ग्रंथि की सामान्य कार्यक्षमता को बनाए रखने में सहायक होता है। मांस, मछली, नट्स, बीज, और साबुत अनाज जिंक के प्रमुख सोर्स हैं।

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3. इंसुलिन प्रतिरोध और डायबिटीज

इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए इनोसिटोल, क्रोमियम और विटामिन डी3 जरूरी है। दरअसल, क्रोमियम ग्लूकोज मेटाबोलिज्म को सुधारता है और इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है तो वहीं विटामिन डी3 इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिलती है। ब्रोकली, अंगूर का रस और साबुत अनाज क्रोमियम के अच्छे सोर्स हैं।

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4. हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रहने के लिए पोटेशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड जरूरी हैं, पोटेशियम सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है और शरीर में हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। इन विटामिन और खनिजों का सही मात्रा में सेवन करने से न केवल बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। केले, संतरे, आलू और पालक पोटेशियम के प्रमुख सोर्स हैं।

विटामिन और खनिज हमारे शरीर के कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं और विभिन्न बीमारियों से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साइटिका, हाइपोथायरायडिज्म, इंसुलिन प्रतिरोध, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए इन पोषक तत्वों का संतुलित सेवन जरूरी है। 

 

 

 

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A post shared by Dr. Smita Bhoir Patil- SKIN | HAIR | HORMONES | WEIGHT LOSS (@dr.smitabhoirpatil)

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