उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सशक्त और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में अब टेलीमेडिसिन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे दूरदराज के लोगों को भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह मिल सकेगी। पहले सिर्फ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर सर्दी, खांसी और अन्य बेसिक बीमारियों का इलाज किया जाता था, लेकिन अब इन केंद्रों पर गर्भवती महिलाएं, एक्स-रे, बेसिक फर्स्ट-ऐड की सुविधा भी दी जाएगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और अन्य उच्च चिकित्सा संस्थानों पर मरीजों का बोझ कम करना और मरीजों को आसानी से सुविधा प्रदान करना है।
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स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को सही इलाज मिल रहा है या नहीं, इसकी निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इस योजना के तहत, प्रत्येक सीएचसी में पांच से छह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो पर्ची काउंटर, दवा काउंटर, आपातकालीन कक्ष, लेबर रूम और ओपीडी जैसे क्षेत्रों को कवर करेंगे। इन कैमरों की निगरानी जिला अधिकारी द्वारा की जाएगी। इससे अधिकारी सीएचसी में मरीजों की आवाजाही, कर्मचारियों के प्रदर्शन और समग्र दक्षता सहित संचालन की निगरानी कर सकेंगे।
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मरीजों के लिए शुरू होगी टेलीमेडिसिन की सेवा
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीएचसी पर टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान करना भी है। इसके जरिए गंभीर बीमारियों के मरीज बिना किसी दूरी को तय किए एक कॉल पर ही डॉक्टर से बात करके परामर्श पा सकेंगे। सरकार ने सीएचसी को चौबीसों घंटे चालू रखने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। अब, इन केंद्रों को जिला अस्पतालों के लिए मौजूदा प्रणाली की तरह ही चलाया जाएगा। इसे HOP (हॉस्पिटल ऑनलाइन परफॉरमेंस इवैल्यूएशन) कहा जाता है। इन दोनों सरकारी योजनाओं को लागू करने का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को सही और समय पर इलाज मुहैया कराना है।
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क्या होता है टेलीमेडिसिन सेंटर?
टेलीमेडिसिन एक ऐसी तकनीक है जिसमें मरीज वीडियो कॉल या डिजिटल माध्यम से डॉक्टर से सलाह ले सकता है। इसमें मरीजों को लंबी या छोटी दूरी तय करके डॉक्टर से पास नहीं जाना पड़ता है। टेलीमेडिसिन सेंटर के जरिए मरीज कंप्यूटर, इंटरनेट और कैमरे के जरिए डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
टेलीमेडिसिन सेंटर से आम लोगों को होने वाले फायदे
उत्तर प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में आज भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। खासकर छोटे गांव और कस्बों के लोगों को आज भी छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए दूर शहरों में जाना पड़ता है। इससे मरीज का समय, पैसा और संसाधन दोनों खर्च होते हैं। कुछ मामलों में मरीज को समय पर इलाज न मिल पाने से मरीज की हालत बिगड़ जाती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को टेलीमेडिसिन तकनीक से जोड़ा जाए, ताकि बिना किसी परेशानी के मरीज को इलाज मिल सके।
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टेलीमेडिसिन सेंटर की मुख्य विशेषताएं
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श
- ई-रेसिपी और ई-डायग्नोसिस की सुविधा
- हेल्थ रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण
- फॉलो-अप इलाज की सुविधा, जिससे बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।