5 Essential Vaccines Every Woman Should Get: वक्त के साथ जैसे-जैसे लोगों की सुविधाएं बढ़ रही हैं, जीवनशैली आसान हो रही है। वैसे-वैसे संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। आज भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। पीरियड्स, हार्मोनल बदलाव, गर्भधारण और खाने में पोषण की कमी की वजह से महिलाओं को संक्रमण और बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रहने के लिए कुछ खास तरह की वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन लगवाने से महिलाओं की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने और बीमारियों से बचाव करने में मदद मिल सकती है। महिलाओं की सेहतमंद रखने के लिए कौन-सी वैक्सीन लगवानी जरूरी है, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
हर महिला को जरूर लगवानी चाहिए ये 5 वैक्सीन- Essential Vaccines Every Woman Should Get in Hindi
डॉ. आस्था दयाल ने हमारे साथ बातचीत में कहा, हर परिवार में खानपान और हर व्यक्ति को सही पोषण मिले, इसकी जिम्मेदारी महिलाओं के कंधे पर होती है। लेकिन जब खुद के पोषण की बात आती है, तो 10 में से 7 महिलाएं इसे इग्नोर कर देती हैं। इसकी वजह से महिलाओं को थायराइड, शुगर, कैंसर और भी कई तरह की संक्रामक बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के वैक्सीनेशन ज्यादा जरूरी है।
1. एचपीवी वैक्सीन- HPV Vaccine
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, हर महिला को एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। एचपीवी का पूरा नाम ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। यह वैक्सीन एचपीवी के तहत आने वाले 9 से ज्यादा वायरस से बचाव करता है। एचपीवी से संक्रमित होने वाले व्यक्ति में किसी खास तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन शरीर के कुछ हिस्सों में मस्से या गांठ जैसे निशान दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर इस तरह के मस्से और गांठ हाथ, पैर और जननांग में नजर आते हैं। एचपीवी संक्रमण का इलाज वक्त रहते न किया जाए, तो यह कैंसर जैसी घातक बीमारी का रूप ले सकती है। 9 से 45 साल की उम्र की लड़कियां और महिलाएं एचपीवी वैक्सीन को बिना किसी डर के लगवा सकती हैं।
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2. एमएमआर वैक्सीन- MMR Vaccine
एमएमआर वैक्सीन महिलाओं के इम्यून सिस्टम को खसरा, कण्ठमाला और रूबेला जैसी बीमारियों से बचाती है। डॉक्टर के अनुसार, महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एमएमआर वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। लड़कियों में एमएमआर वैक्सीन लगवाने की उम्र 12 महीने से 12 साल तक निर्धारित की गई है। किन्हीं कारणों से लड़कियों को 12 साल की उम्र तक एमएमआर वैक्सीन नहीं लग पाती है। वह उम्र बढ़ने पर इसकी दो डोज डॉक्टर की सलाह पर ले सकती हैं।
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3. इन्फ्लूएंजा (फ्लू) वैक्सीन- Influenza (Flu) Vaccine
इन्फ्लूएंजा एक प्रकार का वायरल संक्रमण है जो नाक, गले (गले में खराश के लिए घरेलू उपचार) और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इन्फ्लूएंजा से संक्रमित महिलाओं को शरीर में दर्द, बहती हुई नाक के कारण सांस लेने में कठिनाई, बुखार, गले में खराश, थकान और खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लगवाने से शरीर को फ्लू से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी बनाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
4. टीडीएपी वैक्सीन- Tdap Vaccine
टीडीएपी वैक्सीन तीन गंभीर बीमारियों टेटनस (लॉकजॉ), डिप्थीरिया और पर्टुसिस से लड़ने में मदद करती है। लड़कियों को टीडीएपी की वैक्सीन 11 या 12 साल की उम्र में दी जाती है। डॉक्टर के अनुसार, टीडीएपी की वैक्सीन महिलाओं को डॉक्टरी सलाह पर लगवानी चाहिए।
5. हेपेटाइटिस बी वैक्सीन
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर लिवर संक्रमण है जो हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होता है। यह लिवर डैमेज, सिरोसिस, लिवर कैंसर और कुछ मामलों में मौत तक का कारण बन सकता है। HBV वैक्सीन लगवाकर इस संक्रमण को आसानी से रोका जा सकता है।
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