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एक साल तक के शिशुओं को जरूर लगानी चाहिए ये 5 वैक्सीन, कई बीमारियों से होगा बचाव

शिशुओं को HIV, पोलियो या मीजल्स जैसी बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है। आइए जानते हैं 1 साल तक के शिशुओं के लिए जरूरी वैक्सीन कौन-सी है? 
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एक साल तक के शिशुओं को जरूर लगानी चाहिए ये 5 वैक्सीन, कई बीमारियों से होगा बचाव

शिशुओं के जन्म के तुरंत बाद से ही उन्हें कई तरह की वैक्सीन लगाई जाती है। दरअसल, नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है, जिस कारण वे बीमारियों की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। इतना ही नहीं, कम उम्र से ही उन्हें गंभीर बीमारियों जैसे HIV, पोलियो या मीजल्स और रूबेला से बचाव के लिए जन्म के कुछ समय के अंदर ही वैक्सीन लगाई जाती हैं, ताकि शिशुओं में इन इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके। ऐसे में आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही वैक्सीन के बारे में बताएंगे, जिसे हर माता-पिता को अपने शिशुओं का 1 साल पूरा होने से पहले जरूर लगवानी चाहिए। आइए मुंबई स्थित न्यूट्रीबाइट वेलनेस के ओर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा से जानते हैं एक साल तक शिशुओं को कौन-कौन सी वैक्सीन लगाई जाती है?

1 साल तक के शिशुओं को कौन-सी वैक्सीन लगवानी चाहिए? 

बीसीजी वैक्सीन - Bacillus Calmette-Guerin (BCG) Vaccine

बीसीजी वैक्सीन, तपेदिक (टीबी) नाम के संक्रमण से बचाव में मदद करती है। यह वैक्सीन, टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया का कमजोर रूप होता है। हर शिशु को 1 साल पूरा होने से पहले यह वैक्सीन लगाई जाती है। इस वैक्सीन को खास तौर पर बच्चों में टीबी की बीमारी के रोकथाम के लिए बनाई गई है। इसे जन्म के तुरंत बाद ही बच्चों को लगाया जाता है, ताकि उनमें टीबी की रोकथाम को बढ़ावा दिया जा सके। 

हेपेटाइटिस बी - Hepatitis B Vaccine 

हेपेटाइटिस बी वैक्सीन शिशुओं में हेपेटाइटिस बी वायरस (एचपीवी) को होने से रोकने में मदद करता है। यह एक रिकॉम्बिनेंट इंजेक्शन है, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करती है। हेपेटाइटिस बी वैक्सीन जन्म के तुरंत बाद 24 घंटे के अंदर बच्चों को लगाया जाता है। 

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ओरल पोलियो वैक्सीन - Oral Polio Vaccine

लोगों में बढ़ते पोलियो के मामले की रोकथाम के लिए नवजात शिशुओं को जन्म के 15 दिनों के अंदर ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) लगाई जाती है। इसके बाद 5 साल की उम्र तक उन्हें अन्य खुराक समय-समय पर दी जाती है। यह वैक्सीन, बच्चों को पोलियो वायरस से बचाने के लिए दी जाती है। पोलियो एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो नर्वस सिस्टम पर हमला करती है और व्यक्ति के अपाहिज बनने का कारण बन सकती है।

पेंटावेलेंट वैक्सीन - Pentavalent Vaccine

पेंटावेलेंट वैक्सीन, शिशुओं को डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हिब जैसी बीमारियों से बचाल के लिए दी जाती है। इस वैक्सीन को शिशु के जन्म के 6 हफ्ते में, फिर 10 सप्ताह और 14 सप्ताह में अलग-अलग खुराक में दी जाती है। अगर किसी कारण बच्चे को यह वैक्सीन लगाना भूल जाए या न लगवा पाए तो 1 साल की उम्र तक शिशु को ये वैक्सीन लगाई जा सकती है। 

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मीजल्स-रूबेला वैक्सीन - Measles-Rubella Vaccine 

 
 
 
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मीजल्स-रूबेला वैक्सीन, शिशुओं को मीजल्स और रूबेला दोनों इंफेक्शन से बचाव के लिए दी जाती है। इस वैक्सीन की पहली खुराक 9 महीने से 1 वर्ष के बीच दी जानी चाहिए और अगर छूट जाए, तो इसे 5 साल की उम्र तक बच्चों को लगवाया जा सकता है। शिशुओं के लिए यह वैक्सीन बहुत सुरक्षित और प्रभावी होती है।

Image Credit: Freepik 

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