बच्चों के लिए क्यों जरूरी है डीटीपी वैक्सीन (DTP Vaccine)? डॉक्टर से जानें किन बीमारियों से बचाती है ये

डीटीपी (DTP) वैक्सीन आपके बच्चे को पोलियो, टिटनेस और डिप्थीरिया जैसी घातक बीमारियों से बचाती है। जानें कब लगवानी चाहिए ये वैक्सीन और इसके फायदे-नुकसान
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बच्चों के लिए क्यों जरूरी है डीटीपी वैक्सीन (DTP Vaccine)? डॉक्टर से जानें किन बीमारियों से बचाती है ये


डीटीपी (DTP) दरअसल 3 गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए तैयार की गई एक वैक्सीन है। ये बच्चों को डिप्थीरिया, टिटनस, और पर्टुसिस बीमारियों से बचाता है। ये बीमारियां हर साल ढेरों बच्चों की जान लेती हैं। यह तीन बीमारियां बच्चों में बहुत आम होती है लेकिन यह वैक्सीन बच्चों के बचपन को इन खतरनाक बीमारियों से बचा सकती हैं। अगर बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत नहीं होता है तो भी बच्चों को यह बीमारी हो सकती है। इसलिए अपने बच्चे को डीटीपी वैक्सीन शॉट जरूर ही दिलवाएं। WHO द्वारा इन वैक्सीन की 6 डोज़ तय की गई हैं। इस वैक्सीन शॉट के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की कोलंबिया एशिया अस्पताल में सीनियर पीडियाट्रिशन एंड कंसलटेंट डॉ सुमित गुप्ता से। उन्होंने हमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।

डिप्थीरिया, टिटनेस और पर्टुसिस क्या हैं?

डिप्थीरिया- ये एक गंभीर बीमारी है जो कि इंफेक्शन फैलाती है और यह नाक और गले को प्रभावित करती है। इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और लकवा, हार्ट फेलियर और मृत्यु होने का भी रिस्क शामिल होता है।

टिटनेस- बच्चों में टिटनेस तब होता है जब किसी घाव आदि के अंदर टिटनेस का बैक्टीरिया चला जाता है और संक्रमण फैल जाता है। इस बैक्टीरिया के कारण आस पास की सभी मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं।

पर्टुसिस- पर्टुसिस बच्चों में बहुत जोर से आने वाली खांसी है जिसमें बच्चे से न तो ढंग से खाया जाता है, न ही पिया जाता है और न ही सांस ली जाती है। इससे निमोनिया, सीजर, ब्रेन डैमेज और यहां तक की मृत्यु का भी खतरा होता है।

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dtp vaccine for babies

Image Credit- pixnio

आपके बच्चे को डीटीपी वैक्सीन कब लगनी चाहिए (When To Give DTP)

शिशु के जन्म के बाद अन्य वैक्सीन लगवाते समय आप अपने बच्चे को यह वैक्सीन भी लगवा सकते हैं। आम तौर पर बच्चे को इस वैक्सीन की 6 डोज निम्न महीनों के अंतराल पर दी जाती है।

  • दो महीने
  • चार महीने
  • 6 महीने
  • 12 से 18 महीने
  • 4 से 6 साल।

यह वैक्सीन लगवाने के 10 साल बाद आप के बच्चे को एक बूस्टर शॉट भी दिया जाता है ताकि वह टिटनेस से बच सके। इस बूस्टर शॉट की मदद से टिटनस और डिप्थीरिया जैसी बीमारी के बदलते हुए रूप से भी बच्चे को सुरक्षा मिल सकेगी। इसलिए यह बच्चा 12 साल का हो जाता है आम तौर पर तब ही दिया जाता है।

किन बच्चों को नहीं लेनी चाहिए ये वैक्सीन (Who Should Not Get DTP )

अगर आप के बच्चे को किसी तरह की वैक्सीन लगवाते समय कोई गंभीर रिएक्शन हो जाता है या उसे पहले कोई सीजर होता है या फिर वह गंभीर रूप से बीमार होता है तो आपको वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर को बता जरूर देना चाहिए।

डीटीपी वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट (Side Effects Of DTP Vaccine)

  • थकान
  • बुखार
  • कम भूख लगना
  • जहां पर वैक्सीन लगाई गई वहां पर दर्द होना।
  • उल्टियां आना
  • थोड़े गंभीर साइड इफेक्ट्स
  • तीन घंटे से अधिक रोते रहना
  • अधिक तेज बुखार होना
  • सीजर आदि।

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अधिक गंभीर साइड इफेक्ट्स (Serious Reaction Of Vaccination)

कुछ मामलों में एलर्जी से जुड़े साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं जिसमें सांस लेने में तकलीफ और कोमा जैसे कुछ दिमाग से जुड़े रोग भी देखने को मिल सकते हैं।

साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए आप क्या कर सकते हैं (What Can You Do To Less Side Effects)

अगर आपके बच्चे को अधिक दर्द हो रहा है तो आप उसे कोई पेन किलर या फिर एस्पिरिन आदि दे सकते हैं। अगर उनके किसी बड़े छोटे भाई या बहन को सीजर जैसी समस्या है तो फिर आप को एक बार यह भी कन्फर्म करके डॉक्टर को बता देना चाहिए।

अगर आपके घर में छोटा बच्चा है तो उसका पूरा तरह से टीकाकरण करवाना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। नहीं तो उसे यह बात कुछ सालों बाद परेशान करेगी। आप की छोटी सी लापरवाही भी आप के बच्चे को बहुत भारी पड़ सकती है। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि किसी बच्चे को वैक्सीन लगवाने की वजह से अधिक साइड इफेक्ट देखने को मिलें।

Main Images Credit- public domain images

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