
आपने अक्सर लोगों से टिटनेस के बारे में सुना होगा। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि टिटनेस होने पर क्या होता है और इसका इलाज कैसे किया जाता है। बच्चों को बचपन में गिरने से लगने वाली चोट या फिर किसी लोहे कि चीज से चोट लगने पर टिटनेस के फैलने का खतरा होता है जिसके लिए टिटनेस के इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
ज्यादातर लोग टिटनेस को एक आम इंफेक्शन ही समझते हैं जबकि ये शरीर में फैलने से जानलेवा भी साबित हो सकता है। अगर देखा जाए तो ये एक छोटी और गहरी चोट से बहुत ही आसानी से शरीर में फैलता है। इसके लिए सबसे पहले टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना बहुत ही जरूरी हो जाता है। जिससे कि शरीर में इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि टिटनेस में क्या होता है और इसके क्या लक्षण होते हैं।
टिटनेस क्या है?
टिटनेस किसी चोट या घाव में संक्रमण होने पर हो सकता है। टिटनेस एक तरह का संक्रमण है, जो शरीर में फैलने के बाद गंभीर दर्द पैदा करता है, सांस लेने में परेशानी होती है। टिटनेस शारीरिक पेशियों में रुक-रुक कर ऐंठन होने की एक अवस्था को कहा जाता है। टिटनेस के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसको फैलने से रोकने के लिए डॉक्टर सबसे पहले टिटनेस का इंजेक्शन लगाते हैं जिससे कि शरीर में टिटनेस के इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके साथ ही इसके बैक्टीरिया को मारा जा सके।
इसे भी पढ़ें: क्यों होता है फंगल इंफेक्शन? जानें बारिश में त्वचा के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी टिप्स
टिटनेस के कारण क्या है?
टिटनेस एक गहरी चोट के बाद ही हमारे शरीर में फैलता है। ये एक बैक्टीरिया के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है जो शरीर में जाने के बाद कई गुना ज्यादा तादात में हो जाते हैं। टिटनेस फैलाने वाले बैक्टीरिया क्लॉस्ट्रिडियम टेटनी होता है जो मिट्टी, प्रदूषण और जानवरों में पाया जाता है। जब ये किसी घाव पर आ जाते हैं तो उसके जरिए शरीर में आसानी से प्रवेश कर लेते हैं और फैलने लगते हैं।
लक्षण
- गर्दन की मांसपेशियों में जकड़न रहना।
- कुछ भी निगलने में दिक्कत होना।
- शरीर में लगातार दर्द रहना।
- जबड़ों में ऐंठन महसूस होना।
- कई मामलों में बीपी बढ़ने लगता है।
- दिल की धड़कनों में तेजी आने लगती है।
इसे भी पढ़ें: आम वायरल की तरह ही होते हैं निमोनिया के लक्षण, जानें क्या है इसके मुख्य कारण और इलाज
इलाज
इलाज में सबसे ज्यादा जरूरी टिटनेस का इंजेक्शन ही होता है जो टिटनेस के बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मददगार होता है। टिटनेस होने पर डॉक्टर टिटनेस इम्यून ग्लोब्युलिन नाम का एंटीटॉक्सीन देते हैं। इसके साथ ही मांसपेशियों में दर्द पर रोकथाम करने के लिए सेडेटिव दवाएं देते हैं। इसलिए हमेशा चोट लगने के साथ ही घाव को हाइड्रोजन पैराक्साइड या डिटॉल जैसी चीजों से साफ कर सकते हैं और टिटनेस का इंजेक्शन लगवाने से आप इस गंभीर रोग से अपनी दूरी बना सकते हैं।
Read more articles on Other Diseases in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version