Internal Bleeding Symptoms: गुरुग्राम के सेक्टर 10 इलाके में ट्रैक्टर-ट्राली से कार की टक्कर होने के बाद व्यक्ति घायल होने के बावजूद भी हॉस्पिटल नहीं गया। हादसे में व्यक्ति को सिर और छाती में अंदरूनी चोट आई थी, लेकिन माता-पिता को पता चलने के डर से हॉस्पिटल जाने से मना कर दिया। जिसके कुछ समय बाद व्यक्ति की मौत हो गयी। आमतौर पर सामान्य इंजरी या एक्सीडेंट के बाद लोग डॉक्टर से स्क्रीनिंग कराने से बचते हैं। ऐसा करना जानलेवा हो सकता है, क्योंकि इंजरी होने पर शरीर में आईं अंदरूनी चोट का पता नहीं चल पाता है। इस दौरान होने वाली इंटरनल ब्लीडिंग बहुत गंभीर और खतरनाक होती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं इंटरनल ब्लीडिंग के बारे में।
इंटरनल ब्लीडिंग क्या होती है?- What is Internal Bleeding in Hindi
इंटरनल ब्लीडिंग या आंतरिक रक्तस्राव तब होता है जब शरीर की अंदरूनी रक्त वाहिकाओं को चोट पहुंचती है। एक्सीडेंट, सामान्य इंजरी और खेलकूद के दौरान इस तरह की समस्या का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इंटरनल ब्लीडिंग के कारण चक्कर आना, दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने जैसी परेशानियां होती हैं। किसी भी इंजरी के बाद इंटरनल ब्लीडिंग को अनदेखा करना जानलेवा होता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं, "रोड एक्सीडेंट में इंटरनल ब्लीडिंग के कारण ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है। इस स्थिति में मौत का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। इसलिए सामान्य या गंभीर चोट लगने के बाद डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।"
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इंटरनल ब्लीडिंग के लक्षण- Internal Bleeding Symptoms in Hindi
शरीर में आंतरिक रक्तस्राव या इंटरनल ब्लीडिंग बाहर से दिखाई नहीं देता है और इसकी वजह से अक्सर लोग इसे समझ नहीं पाते हैं। इसकी वजह से शरीर में ब्लड की कमी, ब्लड क्लॉटिंग समेत कई तरह के गंभीर खतरे की संभावना बढ़ जाती है। इंटरनल ब्लीडिंग होने पर दिखने वाले लक्षण इस तरह से होते हैं-
- सिरदर्द और चक्कर आना
- शारीरिक कमजोरी
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और कमजोरी
- ब्लड प्रेशर कम होना
- दस्त, अक्सर गहरे, भूरे या काले रंग का
- भ्रम और मेमोरी लॉस
- शरीर सुन्न होना
- पेट में गंभीर दर्द
- छाती में दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- पेशाब में खून आना
- हार्ट रेट बढ़ना
- खून की उल्टी होना
- आंख, कान या नाक से खून का रिसाव
इंटरनल ब्लीडिंग के कारण- What Causes Internal Bleeding in Hindi
कोई भी ऐसी स्थिति या इंजरी जिसमें ब्लड वेसल्स को चोट पहुंचती है, इंटरनल ब्लीडिंग का कारण बन सकती है। मामूली चोट लगने पर ब्लीडिंग बंद करने के लिए प्रोटीन और रेड ब्लड सेल्स प्लग बनाकर इसे बंद कर देता है। लेकिन जब चोट गंभीर होती है, टो ब्लीडिंग नहीं रूकती है। इसके अलाव कुछ बीमारियों में भी मरीज को इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा रहता है। इंटरनल ब्लीडिंग के मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- इंजरी, एक्सीडेंट
- शरीर में आंतरिक घाव
- लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर होना
- ब्लड थिनर का सेवन
- एंटीडिप्रेसन्ट और एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
- धूम्रपान
- लंबे समय तक शराब का सेवन
- खून का थक्का जमने से रोकने वाली दवाएँ
- स्ट्रोक या दिल का दौरा
- कैंसर
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इंटरनल ब्लीडिंग का इलाज- Internal Bleeding Treatment in Hindi
इंटरनल ब्लीडिंग का पता करना बहुत मुश्किल होता है। कुछ मरीजों में तो इंटरनल ब्लीडिंग के कारणों का भी पता नहीं चल पाता है। इंटरनल ब्लीडिंग की जांच के लिए शारीरिक लक्षणों के आधार पर सीटी स्कैन, एमआरआई समेत कई इमेजिंग परीक्षण किये जाते हैं। जांच के बाद डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर इलाज करते हैं। कुछ मरीजों को दवाओं के सेवन से आराम मिल सकता है और कुछ लोगों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इंटरनल ब्लीडिंग के लक्षण दिखने पर बिना देर किये जांच और इलाज लेना चाहिए। इस स्थिति में लापरवाही जानलेवा होती है।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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