Postpartum Hemorrhage in Hindi: महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कई समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद डिलीवरी होने के साथ भी कई समस्याओं का खतरा रहता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं में होने वाली एक मुख्य समस्या है पोस्टपार्टम हेमरेज। पोस्टपार्टम हेमरेज एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला शिशु को जन्म देने के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का सामना करती है। यह एक गंभीर स्थिति होती है, अगर समय रहते इस समस्या का इलाज नहीं किया गया तो जान जाने का खतरा भी रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, पोस्टपार्टम हेमरेज के बारे में।
पोस्टपार्टम हेमरेज कारण- What Causes Postpartum Hemorrhage in Hindi
स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की सीनियर स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक पोस्टपार्टम हेमरेज के मुख्य कारण इस तरह से हैं-
1. योनि से ज्यादा ब्लीडिंग
गर्भाशय के बाहर के रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए नावद्वार के नरम होने के कारण, डिलीवरी के बाद योनि से अधिक रक्तस्राव हो सकता है।
2. जननांग में घाव
जननांग के छेद में टियर या घाव के कारण भी अत्यधिक ब्लीडिंग हो सकती है।
3. गर्भाशय एटोनी
गर्भाशय की एटोनी (uterine atony) एक और सामान्य कारण है जिससे पोस्टपार्टम हेमरेज हो सकता है। इसमें गर्भाशय की मांसपेशियों का अच्छे से संकुचित होने और ब्लड वेसल्स के नरम होने के कारण ब्लीडिंग हो सकता है।
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पोस्टपार्टम हेमरेज के लक्षण- Postpartum Hemorrhage Symptoms in Hindi
पोस्टपार्टम हेमरेज के लक्षण इस तरह से हैं-
1. अत्यधिक रक्तस्राव
अगर प्रसव के बाद योनि से अधिक ब्लीडिंग हो रही है, तो यह पोस्टपार्टम हेमरेज का लक्षण हो सकता है।
2. कमजोरी और चक्कर आना
रक्तस्राव के कारण आपके शरीर में रक्त की कमी हो सकती है, जिससे आपको कमजोरी और चक्कर आ सकता है।
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3. सांस लेने में कठिनाई
अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण शरीर में रक्त की कमी हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
4. ब्लड प्रेशर में गिरावट
ब्लीडिंग के कारण आपके ब्लड प्रेशर में गिरावट हो सकती है, जिससे आपको चक्कर और अनियमित दिल की धड़कन महसूस हो सकती है।
पोस्टपार्टम हेमरेज का बचाव
यदि आपको पोस्टपार्टम हेमरेज के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। इसके अलावा प्रसव के दौरान किसी भी समस्या को नजरअंदाज करने से बचें। ऐसा करने से आपकी परेशानियां और गंभीर हो सकती हैं। डॉक्टर से मिलकर समय-समय पर ब्लड टेस्ट जरूर कराएं। डिलीवरी के बाद संतुलित आहार लें और पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स का सेवन करें।
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