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बच्चों में जेट लेग होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, अनदेखा करने से बढ़ सकती है परेशानी

कुछ बच्चों को लंबी दूरी की यात्रा करते समय जेट लेग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आगे जानते हैं इस समस्या के बारे मे
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बच्चों में जेट लेग होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, अनदेखा करने से बढ़ सकती है परेशानी


Jet Lag In Children: ट्रैवल करना भला किसे पसंद नहीं होगा। लेकिन, कई बार लोगों को यात्रा के दौरान एक टाइम जोन से दूसरे टाइम जोन में जाने से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या अब वयस्कों तक ही सीमित नहीं है, बच्चों को भी जेट लैग की समस्या हो सकती है। इस समस्या में बच्चों का स्लीप पैर्टन (Sleep Pattern in Child) में बदलाव आ जाता है। दरअसल, जब आप लंबी दूरी की यात्रा कर एक टाइम जोन से दूसरे टाइम जोन में जाते हैं तो इससे कुछ घंटों का असर पड़ सकता है। लेकिन यह बदलाव आपके स्लीप पैर्टन को प्रभावित कर सकता है। इसमें बच्चों को नींद न आने की समस्या हो सकती है। इस परेशानी को जेट लैग के नाम से पहचाना जाता है। इस लेख में जानेगें कि बच्चों को जेट लैग होने पर किस तरह लक्षण महसूस हो सकते हैं।

बच्चों में जेट लैग क्या है?- What is Jet Lag In Children in Hindi 

जेट लैग तब होता है जब बच्चे की आंतरिक शारीरिक घड़ी, जिसे सर्कैडियन रिदम के रूप में भी जाना जाता है, उस समय क्षेत्र के साथ तालमेल से बाहर हो जाती है। मैक्स अस्पताल की पीडियाट्रिक्स और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर स्मिता मलहोत्रा के मुताबिक यह समस्या आमतौर पर लंबी दूरी की यात्रा करते समय होती है। शरीर की आंतरिक घड़ी प्रकाश के संपर्क, भोजन के समय और नींद के पैटर्न जैसे कारकों द्वारा नियंत्रित होती है। जब यात्रा के कारण ये संकेत अचानक बदल जाते हैं, तो शरीर को उसके हिसाब से तालमेल बैठाने में समय लग सकता है, जिससे जेट लैग के लक्षण पैदा हो सकते हैं।

बच्चे विशेष रूप से जेट लैग के प्रति संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनकी सर्कैडियन रिदम अभी भी विकसित हो रही होती है। शिशुओं और छोटे बच्चों को, विशेष रूप से, नए समय क्षेत्रों के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई हो सकती है, जिससे उनकी नींद का पैटर्न बाधित हो सकता है और चिड़चिड़ापन हो सकता है।

jet lag in children

बच्चों में जेट लेग के लक्षण - Jet Lag Symptoms In Children In Hindi 

नींद में खलल पड़ना

बच्चों में जेट लैग के सबसे आम लक्षणों में से एक नींद के पैटर्न में खलल पड़ना। बच्चों को अपने सामान्य समय पर सोने या जागने में परेशानी हो सकती है। इससे दिन में नींद और चिड़चिड़ापन हो सकता है, जिससे बच्चे और उनकी देखभाल करने वालों दोनों के लिए मुश्किल हो सकती है। 

चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग 

जेट लैग बच्चों के मूड और व्यवहार को भी प्रभावित कर सकता है। बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं, उधम मचा सकते हैं या उनका मूड भी बदल (Mood Swings in Children) सकता है। यह उन माता-पिता के लिए विशेष रूप से मुश्किल भरा हो सकता है, जो अपने स्वयं के जेट लैग लक्षणों से भी जूझ रहे हैं। 

थकान और सुस्ती 

थकान और सुस्ती (Tiredness In Children) महसूस करना बच्चों में जेट लैग का एक और आम लक्षण है। अगर बच्चा सोने में कामयाब भी हो जाता है, तो भी उनकी नींद की क्वालिटी खराब हो सकती है। इससे उनको सुस्ती और थकान महसूस होती है। इससे उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

भूख में कमी या खाने की आदतों में बदलाव 

जेट लैग होने पर बच्चों की भूख और खाने की आदते प्रभावित हो सकती है। उनकी भोजन में रुचि कम हो सकती है या दिन के किसी भी समय में खाने की इच्छा हो सकती है। 

चीजों को सीखने में कठिनाई 

अंत में, जेट लैग बच्चों के संज्ञानात्मक कार्य (कॉग्नेनेटिव वर्क) और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में बच्चे को मानसिक प्रयास की आवश्यकता वाले कार्यों को पूरा करने में परेशानी हो सकती है। 

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इस दौरान बच्चे को हाइड्रेट रखें ताकि उन्हें किसी तरह की अन्य परेशानियां न हो। साथ ही, बच्चे को ज्यादा से ज्यादा आराम करने दें, क्योंकि बच्चे का शरीर नई जगह के साथ तालमेंल बिठा रहा होता है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की मदद करनी चाहिए। 

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