बच्चों की कुछ बीमारियां उन्हें जन्म से पहले से ही होती हैं, जबिक कुछ समय के समय उनके शरीर में शुरु होती हैं। एक्वायर्ड हाइपोथायराइडिज्म विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी पहले की तरह ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाइपोथायराइडिज्म के लिए अक्सर जन्मजात कारणों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। एक्वायर्ड हाइपोथायराइडिज्म थायराइड ग्रंथि के कार्य न करने की वजह से शुरु होता है। लेकिन, यह बीमारी कुछ ट्रिगर करने वाले कारकों के चलते भी हो सकती है। फिलहाल, रोग की समय पर पहचान कर बच्चों में हाइपोथायराइडिज्म के जोखिम को कम किया जा सकता है। इस लेख में कोकिलाबेन अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वीके गुप्ता से जानते हैं कि बच्चों को होने वाले हाइपोथायराइडिज्म के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं।
बच्चों को एक्वायर्ड हाइपोथायरायडिज्म होने के कारण - Causes Of Acquired Hypothyroidism In Children In Hindi
ऑटोइम्यून थायरॉयडिटिस (हाशिमोटो थायरॉयडिटिस)
बच्चों में एक्वायर्ड हाइपोथायरायडिज्म के कारणों में ऑटोइम्यून थायरॉयडिटिस को भी शामिल किया जाता है, इसे आमतौर पर हाशिमोटो थायरॉयडिटिस के रूप में जाना जाता है। यह ऑटोइम्यून विकार तब प्रकट होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से थायरॉयड ग्रंथि को टारगेट करती है। ऐसे में थायराइड ग्रंथि में सूजन हो जाती है और थायराइड कार्य प्रभावित हो जाते हैं।
आयोडीन की कमी
आयोडीन, थायराइड हार्मोन के रिलीज के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है। आयोडीन की कमी के कारण बच्चों को थायराइड की समस्या हो सकती है। ऐसे में आयोडीन की कमी थायरॉइड ग्रंथि के कार्य को बाधित करती है। जिससे हाइपोथायराइडिज्म की समस्या हो सकती है।
दवाओं का असर
कुछ प्रकार की मेडिसिन और रेडिएशन थेरेपी की वजह से बच्चों को एक्वायर्ड हाइपोथायरायडिज्म का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं मनोवैज्ञानिक विकारों और हृदय संबंधी रोगों की दवाओं से भी थायराइड ग्रंथि के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। इस तरह कैंसर के उपचार के लिए किए जाने वाले रेडिएशन ट्रीटमेंट भी थायराइड के कार्य को प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चों में कई तरह के रोग उत्पन्न होने का जोखिम बढ़ जाता है।
थायराइड की सर्जरी
अगर, किसी बच्चे की थायराइड सर्जरी हुई है तो उसको थायराइड संबंधी समस्या का खतरा अधिक होता है। ऐसे में बच्चे को एक्वायर्ड हाइपोथायराइडिज्म का जोखिम अधिक होता है। गर्दन में सर्जरी से भी थायराइड के कार्य बाधित हो सकते हैं। ऐसे में हाइपोथायराइडिज्म हो सकता है।
पुरानी व गंभीर बीमारी
लंबे समय से चली आ रही बीमारियों और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की वजह से बच्चों के थायराइड फंक्शन पर गहरा असर पड़ सकता है। जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस, ल्यूपस एरिथेमेटोसिस व सीलिएक रोग में थायराइड समस्या हो सकती है और इसकी वजह से बच्चों को हाइपोथायराइडिज्म होने की संभावना बढ़ जाती है।
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थायराइड की समस्या ज्यादातर वयस्कों में देखने को मिलती है। लेकिन, यह रोग कुछ मामलों में बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। इस रोग के पीछे कई कारक और कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। ऐसे में आपको बच्चे की किसी भी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। साथ ही, नियमित रूप से बच्चे की जांच करानी चाहिए। ताकि, समय रहते रोग की पहचान और इलाज किया जा सके।