घर में नवजात का जन्म होता है तो पेरेंट्स के साथ परिवार के सभी सदस्य शिशु की देखभाल में लग जाते हैं। लेकिन फिर भी शिशुओं में कमजोर इम्यूनिटी के कारण सर्दी और जुकाम जैसी समस्याएं हो जाती है। दरअसल, शिशुओं को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है, खासकर बदलते मौसम के दौरान शिशु की खास देखभाल की जानी चाहिए और अगर फिर भी शिशु को सर्दी-जुकाम होता है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यूं तो शिशुओं में सर्दी-खांसी एक आम समस्या है, लेकिन अगर इसके साथ सीने या पेट में गड्ढे जैसा यानी अंदर की ओर धंसता दिखाई दे, तो यह स्थिति कई संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है। हाल ही में किरण मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और न्यूबोर्न स्पेशलिस्ट डॉ. पवन मंडाविया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने सर्दी-खांसी के साथ शिशु के पेट और सीने में गड्ढे पड़ने की समस्या के बारे में बात की है।
सर्दी-खांसी के साथ शिशु के पेट में गड्ढे पड़ना किस बात का संकेत है?
शिशुओं में सर्दी-जुकाम के लक्षण जैसे नाक बहना, खांसी, गले में खराश, बुखार और छींक आना सामान्य होते हैं, लेकिन यदि सही समय पर देखभाल न की जाए, तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। जब शिशु के पेट में सर्दी-खांसी के साथ गड्ढा पड़ने जैसा दिखाई देता है, तो यह संकेत देता है कि शिशु को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। पेट का धंसना रेस्पिरेटरी सिस्टम में कठिनाई का संकेत हो सकता है और यह निमोनिया या एक्यूट ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का लक्षण हो सकता है। यह लक्षण अक्सर तब दिखाई देता है जब शिशु की श्वसन नलिकाओं (respiratory tract) में अवरोध होता है और वह सही से सांस नहीं ले पाता। डॉक्टर का कहना है कि शिशुओं में दिखने वाले इस लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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निमोनिया के कारण
- शिशुओं में निमोनिया का सबसे आम कारण वायरस होता है।
- बैक्टीरियल संक्रमण भी निमोनिया का कारण बन सकता है।
- फंगस भी फेफड़ों में संक्रमण कर सकता है, जिससे निमोनिया हो सकता है।
- शिशुओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है।
एक्यूट ब्रोंकाइटिस के कारण
- एक्यूट ब्रोंकाइटिस का मुख्य कारण वायरल संक्रमण होता है।
- धूल, धुआं या एलर्जी के कारण भी शिशुओं में ब्रोंकाइटिस हो सकता है।
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शिशु की देखभाल कैसे करें?
- शिशु को आराम करने दें और उसे भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रखें।
- शिशु को भाप दिलाने से उसके रेस्पिरेटरी सिस्टम में सुधार हो सकता है।
- शिशु के आसपास साफ-सफाई का वातावरण बनाएं ताकि उसे और संक्रमण न हो।
- मां का दूध शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाता है, इसलिए उसे नियमित रूप से दूध पिलाते रहें।
निष्कर्ष
सर्दी-खांसी के साथ शिशु के पेट में धंसने जैसा लक्षण एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, जिसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह निमोनिया या एक्यूट ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का लक्षण हो सकता है, जो शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है। समय पर इलाज और उचित देखभाल से इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है। यदि शिशु के लक्षण गंभीर हो रहे हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
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