भारत में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है और हिंदू धर्म में इसकी पूजा भी की जाती है, भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में भी तुलसी खास स्थान रखती है। तुलसी केवल एक धार्मिक पौधा ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर एक जड़ी-बूटी भी है। खासकर, मानसून के दौरान, जब वातावरण में नमी बढ़ जाती है, तो गले के संक्रमण, सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इस मौसम में तुलसी के पत्तों का सेवन और उनका उपयोग गले के इंफेक्शन से बचाव और इलाज में प्रभावी साबित हो सकता है। दरअसल, तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) गले के संक्रमण के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग और इसके फायदे बता रहे हैं।
तुलसी के औषधीय गुण
तुलसी के पत्तों में विटामिन C, कैल्शियम, जिंक के साथ कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा, तुलसी का सेवन शरीर में विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन्स को निकालने में भी सहायक होता है, जिससे बदलते मौसम में सेहतमंद रहने में मदद मिलती है। डॉक्टर ने बताया कि तुलसी की तासीर गर्म होती है, ऐसे में इसके पत्तों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए और जिन लोगों में पित्त बढ़ा होता है उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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गले के संक्रमण में तुलसी के फायदे
तुलसी में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण गले के संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। गले में इंफेक्शन के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए तुलसी प्रभावी है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल गले की सूजन को कम करता है और दर्द से राहत दिलाता है। तुलसी के पत्ते खांसी और बलगम को दूर करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही तुलसी के पत्ते सर्दी और फ्लू जैसे लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि तुलसी की तासीर गर्म होती है ऐसे में इसके सेवन से शरीर में गर्मी आती है, जो सर्दी और फ्लू के वायरस को खत्म करने में मदद करती है। तुलसी के पत्ते पाचन तंत्र को सुधारने जैसे कि अपच, गैस और पेट की अन्य समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं।
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तुलसी के पत्तों का उपयोग
डॉक्टर का कहना है कि तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर इसका पानी पी सकते हैं, जिससे गले के इंफेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती हैं। तुलसी का पानी बनाने के लिए 5-6 तुलसी के पत्तों को 1 कप पानी में उबालें। इसमें थोड़ा सा अदरक और शहद मिलाकर पीने से गले के संक्रमण से राहत मिलती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। इसके अलावा तुलसी के तेल की कुछ बूंदे भी पानी में मिलाकर ले सकते हैं। लेकिन अगर इंफेक्शन के कारण गला अंदर से छिल गया है तो तुलसी के पत्तों का सीधा सेवन करने से बचें।
डॉक्टर की सलाह है कि जिन लोगों के शरीर में गर्मी ज्यादा होती है और जिन्हें ज्यादा गुस्सा आता है, उन्हें तुलसी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप किसी खास बीमारी से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
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