बीते कुछ सालों में बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों का बुरा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ा है लेकिन अब एक बार फिर लोगों की रुचि हेल्दी फूड्स की तरफ बढ़ रही है। आज के समय में गाय और भैंस के दूध के अलावा लोग बादाम दूध और नारियल दूध पीना पसंद कर रहे हैं। खासकर वीगन लोगों के लिए बादाम दूध और नारियल दूध एक बेहतर विकल्प है। बादाम दूध और नारियल दूध, दोनों ही प्लांट बेस्ड दूध के विकल्प हैं। जहां बादाम दूध को उसके हाई न्यूट्रिशनल वैल्यू और स्वाद के लिए पसंद किया जाता है, वहीं नारियल दूध अपने कूलिंग इफेक्ट के लिए जाना जाता है। दोनों ही दूध के प्रकार लैक्टोज-फ्री होते हैं, जिससे ये लैक्टोज इंटॉलरेंट लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित होते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) बादाम दूध और नारियल दूध में कौन सा ज्यादा बेहतर है, इसके बारे में बता रहे हैं।
बादाम दूध या नारियल दूध: एक्सपर्ट से जानें क्या है सेहत के लिए फायदेमंद
बादाम दूध
डॉक्टर श्रेय ने बताया कि बादाम का दूध शरीर पर एक टॉनिक की तरह काम करता है और ब्रेन के लिए भी लाभकारी होता है। बादाम दूध का सेवन शरीर में धातुओं की पुष्टि करता है यानी शरीर को ताकत देता है। लेकिन, आजकल के गर्म मौसम में बादाम के दूध का सेवन करने से पहहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह विपाक में गुरु हो जाता है, यानी डाइजेशन के लिए हैवी है। यही वजह है कि गर्म मौसम में बादाम के दूध का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। बादाम दूध पीने का सही समय सर्दियों का मौसम है। जो लोग ज्यादा फिजिकल काम करते हैं और हेल्दी हैं, सिर्फ वही इस मौसम में सीमित मात्रा में बादाम का दूध ले सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादा श्रम करने वाले लोग ही इसे आसानी से पचा सकते हैं।
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नारियल का दूध
डॉक्टर ने बताया कि कोकोनट मिल्क का ज्यादा सेवन साउथ में होता है और उत्तर भारत के लोगों को इसकी ज्यादा जरूरत नहीं होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोकोनट का पौधा समुद्र के किनारा पाया जाता है और इसका लाभ भी उन लोगों के लिए ही ज्यादा होता है जो समुद्र के किनारे रहते हैं। उत्तर भारत के लोगों को कोकोनट मिल्क का इस्तेमाल सिर्फ अप्रैल, मई और जून के महीनों में ही करना चाहिए। हालांकि, कोकोनट मिल्क की तासीर ठंडी होती है और कोई भी इसका सेवन कर सकता है। जिन लोगों की अग्नि मंद नहीं है वे आसानी से कोकोनट मिल्क का सेवन कर सकते हैं। लेकिन जिन लोगों को किसी तरह की मेडिकल बीमारी या रोग हो वह इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें। खासकर, जो लोग बहुत दुबले-पतले होते हैं उनके लिए कोकोनट मिल्क का सेवन लाभकारी हो सकता है।
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निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार, बादाम दूध और नारियल दूध दोनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, लेकिन इनका उपयोग आपके शरीर के प्रकार और स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार किया जाना चाहिए। अगर आप एनर्जी, हड्डियों की मजबूती, और त्वचा के निखार के लिए कुछ ढूंढ रहे हैं, तो बादाम दूध आपके लिए उपयुक्त है। वहीं, अगर आप पाचन सुधार, शीतलता और इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं, तो नारियल दूध बेहतर विकल्प हो सकता है। इसलिए, अपने शरीर की जरूरतों को समझें और उसी के अनुसार सही दूध का चयन करें।
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