Triple X Syndrome in Hindi: ट्रिपल एक्स सिंड्रोम क्या है? ट्रिपल एक्स सिंड्रोम एक आनुवंशिक स्थिति है, जो महिलाओं में देखने को मिलती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी महिला की प्रत्येक कोशिका में 3 एक्स गुणसूत्र होते हैं। दरअसल, महिलाओं की सभी कोशिकाओं में आमतौर पर 2 एक्स गुणसूत्र (X chromosome) होते हैं। लेकिन जब किसी महिला में एक अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र होता है, तो इस स्थिति को ट्रिपल एक्स सिंड्रोम (Triple X Syndrome in Hindi) कहा जाता है। यह एक बेहद दुर्लभ स्थिति है, जो एक हजार महिलाओं में से किसी एक को प्रभावित करती है। इस ट्राइसोमी एक्स या 47,XXX के रूप में भी जाना जाता है। आइए, मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर, नई दिल्ली की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं ट्रिपल एक्स सिंड्रोम के लक्षण, कारण और इलाज-
ट्रिपल एक्स सिंड्रोम के लक्षण- Triple X Syndrome ke Lakshan
ट्रिपल एक्स सिंड्रोम के लक्षण महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। किसी महिला को इसके हल्के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, तो किसी महिला को इसके किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है। लेकिन, कुछ मामलों में ट्रिपल एक्स सिंड्रोम होने पर शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल से जुड़े लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- मुड़ी हुई छोटी उंगलियां
- मसल टोन खराब होना
- दौरे पड़ना
- चौड़ी आंखें
- डिप्रेशन या अवसाद
- मांसपेशियां कमजोर होना
- कोई नई चीज सीखने में मुश्किल होना
- प्रजनन से जुड़ी समस्याएं
- किडनी से जुड़ी समस्याएं
- हाइपोथायरायडिज्म
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- चिंता या तनाव

ट्रिपल एक्स सिंड्रोम के कारण- Triple X Syndrome ke Karan
ट्रिपल एक्स सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह किसी महिला में तब होता है, जब उसकी सभी कोशिकाओं में 2 के बजाय 3 एक्स गुणसूत्र होते हैं। ट्रिपल एक्स सिंड्रोम के अधिकतर मामले, उन गलतियों के कारण होते हैं, जब अंडे या शुक्राणु कोशिकाओं के निर्माण के दौरान गुणसूत्र गुणा या विभाजित हो जाते हैं। इसके अलावा, 35 साल की उम्र के बाद किसी लड़की को जन्म दिया जाता है, तो उस लड़की में भी ट्रिपल एक्स सिंड्रोम होने का जोखिम हो सकता है।
ट्रिपल एक्स सिंड्रोम का इलाज- Triple X Syndrome ka ilaz
आपको बता दें कि ट्रिपल एक्स सिंड्रोम का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। किसी महिला में ट्रिपल एक्स सिंड्रोम के लक्षणों के आधार पर ही उपचार दिया जाता है। लेकिन इस स्थिति में डॉक्टर कुछ स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इसमें शामिल हैं-
- किडनी की संरचना के लिए अल्ट्रासाउंड
- हृदय की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम
- न्यूरोलॉजिकल परामर्श
- कुछ मामलों में फिजिकल थेरेपी, स्पीच थेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी की भी दी जा सकती है।
ट्रिपल एक्स सिंड्रोम जीवन को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन, इस स्थिति की वजह से किडनी और हार्ट हेल्थ प्रभावित हो सकता है। जल्दी डायग्नोज और इलाज करवाने से इसके प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए पेरेंट्स को बच्चों की नियमित जांत करवानी चाहिए।