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स्ट्रोक और मिर्गी के दौरे के लक्षण होते हैं एक जैसे, डॉक्टर से जानें कैसे पहचानें अंतर

ब्रेन में होने वाले बदलावों की वजह से आपको स्ट्रोक और दौरा पड़ सकता है। आगे जानते हैं इनके बीच क्या अंतर होते हैं?
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 स्ट्रोक और मिर्गी के दौरे के लक्षण होते हैं एक जैसे, डॉक्टर से जानें कैसे पहचानें अंतर


समय के साथ व्यक्ति की जीवनशैली में बदलाव आया है। इसकी वजह से व्यक्ति को तनाव व अन्य मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लगातार तनाव व अन्य कारणों के चलते व्यक्ति को स्ट्रोक और दौरे पड़ने आदि गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं में व्यक्ति को रोजाना के कार्य करने में भी परेशानी आने लगती है। साथ ही, ब्रेन अपने नॉर्मल कार्य को नहीं कर पाता है। स्ट्रोक और दौरे पड़ना न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इन दोनों ही समस्याओं के अधिकतर लक्षण समान हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद इनमें कुछ अंतर होते हैं। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन और कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि स्ट्रोक और दौरे पड़ने में क्या अंतर होते हैं। आगे जानते हैं स्ट्रोक और दौरे पड़ना क्या होता है?  

स्ट्रोक क्या है? - What is Stroke In Hindi 

स्ट्रोक, इसे सेरेब्रोवास्कुलर स्थिति (सीवीए) के रूप में भी जाना जाता है। इसमें ब्रेन के एक हिस्से में ब्लड सर्कुलेश बाधित या कम हो जाता है। इससे ब्रेन सेल्स को ऑक्सीजन और पोषक नहीं मिल पाते हैं। ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट के कारण नसों में रुकावट (ischemic stroke) या नसों के टूटने (hemorrhagic stroke) की समस्या हो सकती है। इन स्थितियों में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। 

दौरे पड़ना (Seizure) क्या है? - What is Seizure in hindi 

जब व्यक्ति के ब्रेन में अचानक विद्युत गड़बड़ी होती है, तो व्यकित को दौरा पड़ सकता है। यह समस्या कई तरह से प्रकट हो सकती है। इसमें व्यक्ति को अंगों पर नियंत्रिण नहीं रहता है। यह बुखार, सिर की चोट, मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार आदि कारको से हो सकता है। 

seizure in hindi

स्ट्रोक और दौरे में क्या अंतर होता है? - Difference Between Stroke And Seizure In Hindi 

ब्लड सर्कुलेशन बाधित होना 

स्ट्रोक में व्यक्ति के ब्रेन का ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है। ऐसे में ब्रेन की नसों को पर्याप्त ब्लड नहीं मिल पाता है, जिससे नसों में रुकावट या क्षति हो सकती है। इससे स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता हैं। 

वहीं, ब्रेन में सिंगनल्स में आने वाली परेशानी की वजह से लोगों को दौरे पड़ने की समस्या हो सकती है। बुखार, किसी तरह की चोट, एक्सिडेंट व मेटाबॉलिज्म संबंधी डिऑर्डर इसकी मुख्य वजह मानी जाती है। 

मांसपेशियो में ऐंठन 

स्ट्रोक होने पर व्यक्ति को अंगों में सुन्नता महसूस होती है। ऐसे में व्यक्ति को हाथ-पैरों में झुनझुनी महसूस होती है। साथ ही, कमजोरी होने लगती है। 

जबकि, दौरे पड़ने की स्थिति में व्यक्ति को हाथ-पैरों में मांसपेशियों में अकड़न महसूस होती है। रोगी किसी भी समय कहीं पर भी अचेत होकर मरोड़ महसूस करता है। 

दोबारा अटैक की संभावना 

स्ट्रोक के बाद, व्यक्तियों को ब्रेन में हुए डैमेज के आधार पर कुछ समय या स्थायी रुप से विकलांगता का अनुभव हो सकता है। 

जबकि, मिर्गी के दौरे पड़ने पर व्यक्ति को रुक-रुक कर अटैक आ सकता है। दौरे पड़ते समय व्यक्ति के हाथ-पैरों पर नियंत्रण नहीं रहता है और इसकी अवधि निश्चित नहीं है। 

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इस समस्या में आपको तुरंत किसी नजदीकी डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना चाहिए। स्ट्रोक और दौरा पड़ने पर आपको गंभीर समस्या होने का खतरा अधिक होता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉक्टर रोग की जटिलता के आधार पर दवाओं से इलाज शुरु कर सकते हैं। 

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