World Malaria Day 2024: मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है, जिससे हर साल लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। मलेरिया के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। इस वर्ल्ड मलेरिया दिवस की थीम 'Accelerating the fight against malaria for a more equitable world' है। मच्छरजनित मलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। मलेरिया परजीवी से होने वाली बीमारी है, जो कि संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मलेरिया बुखार और इसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए आप आयुर्वेदिक उपचार आजमा सकते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) मलेरिया बुखार कंट्रोल करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार बता रहे हैं, जिन्हें आजमाने से आपको लाभ मिल सकता है।
मलेरिया बुखार का आयुर्वेदिक उपचार - Natural Ayurvedic Remedies For Malaria In Hindi
डॉक्टर श्रेय शर्मा ने बताया कि मादा एनाफिलीज मच्छर से फैलने वाला मलेरिया एक गंभीर बीमारी, जिससे लोगों की मौत भी हो सकती है। मलेरिया होने पर जरा सी लापरवाही भी मरीज के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में लोगों को मलेरिया के लक्षण दिखने पर आयुर्वेदिक या घरेलू देसी इलाजों को आजमाने से पहले बिना देरी किए इसकी जांच करवानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर उचित इलाज फॉलो करना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) के तरफ से बताया गया है कि मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है, इसके अलावा ब्लड ट्रांसफ्यूजन और दूषित सुइयों से भी मलेरिया फैल सकता है। मलेरिया के शुरुआती पहले लक्षण हल्के हो सकते हैं, लेकिन उपचार न किए जाने पर, पी. फाल्सीपेरम मलेरिया 24 घंटों के भीतर गंभीर बीमारी और मृत्यु में बदल सकता है।
मलेरिया के इलाज के बाद इन आयुर्वेदिक उपायों को आजमाने से लाभ मिल सकता है - Ayurvedic Remedies After Treatment Of Malaria
1. डॉक्टर श्रेय ने मलेरिया में चिरायता का काढ़ा लाभदायक बताया है। बता दें कि चिरायता का सेवन सेहत के लिए लाभकारी साबित होता है। मलेरिया बुखार में भी चिरायता के काढ़े का सेवन किया जा सकता है। चिरायता का काढ़ा बनाने के लिए आपको 5 ग्राम चिरायता के चूर्ण को 200 मिलीलीटर पानी में उबालना होगा। काढ़ा तैयार होने पर आप इसे पी सकते हैं।
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2. मलेरिया में क्विनिन या कुनैन का काढ़ा भी पिया जा सकता है। इसका सेवन करने से पहले आप आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लें।
3. मलेरिया से रिकवरी में फिटकरी का सेवन भी लाभकारी हो सकता है। इसके लिए फिटकरी को शुद्ध करके 2 ग्राम फिटकरी चूर्ण को सुबह और शाम में ले सकते हैं।
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4. औषधीय गुणों से भरपूर नीम के पत्ते और नीम का तेल मलेरिया के खिलाफ एक प्रभावी उपचार हो सकता है। नीम में विषाणुनाशक गुण होते हैं जो मलेरिया के जीवाणुओं को मार सकते हैं।
5. गिलोय का उपयोग मलेरिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके सेवन से रक्त की शुद्धि होती है और शरीर की इम्यूनिटी भी बेहतर होती है, जिससे शरीर संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार होता है।
इन प्राकृतिक उपचारों के अलावा आप हेल्दी डाइट ले और भरपूर मात्रा में पानी पिएं। जिससे की आप इस बीमारी से जल्दी रिकवर हो सकें।
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