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इन जेनेटिक डिसऑर्डर में डॉक्टर दे सकते हैं आईवीएफ करवाने की सलाह, जानें कैसे काम करती है यह साईकिल

आनुवांशिक विकारों को दूर करने के लिए आप आईवीएफ साइकिल अपना सकते हैं। जानें इस बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर। 

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: May 26, 2023 20:58 IST
इन जेनेटिक डिसऑर्डर में डॉक्टर दे सकते हैं आईवीएफ करवाने की सलाह, जानें कैसे काम करती है यह साईकिल

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कुछ बच्चों को जन्म से ही आनुवांशिक विकार होते हैं। इन विकारों का इलाज बेहद ही जटिल होता है। जबकि, कुछ रोग तो ऐसे होते हैं, जिनका इलाज पूरे जीवनभर चल सकता है। यदि समय पर सही निर्णय लिया जाए, तो बच्चों को जन्म से होने वाले कई अनुवांशिक बीमारियों से बचाया जा सकता है। आज के समय में इनफर्टिलिटी से परेशान दम्पतियों को चिकित्सकों द्वारा आईवीएफ साइकिल का सुझाव दिया जाता है। लेकिन, इस साइकिल का फायदा उन लोगों को भी मिल सकता है जिनकी फर्टिलिटी ठीक होती है। फर्टिलिटी और आईवीएफ स्पेशिलिस्ट डॉक्टर प्राची बनेरा के अनुसार आईवीएफ साइकिल के द्वारा बच्चो में जन्म से होने आनुवांशिक विकारों को समय रहते दूर किया जा सकता है।

आईवीएफ के द्वारा किन आनुवांशिक विकारों के जोखिम को दूर किया जा सकता है -  Reduce Genetic Disorders Risk Through IVF Technology In Hindi

डॉक्टर प्राची बनेरा के अनुसार यदि किसी के परिवार में पहले से ही आनुवांशिक विकार जैसे थैलेसिमिया, डाउन सिंड्रोम या गैलेक्टोसिमिया आदि होता है, तो ऐसे में डॉक्टर आपको आईवीएफ साइकिल का सुझाव दे सकते हैं। इसका सुझाव उन लोगों को भी दिया जा सकता है जिनकी फर्टिलिटी सामान्य होत है। दरअसल, डॉक्टर इस सुझाव से बच्चे को जन्म से पहले होने वाले अनुवांशिक विकारों के जोखिम को कम करना चाहते हैं। इस दौरान डॉक्टर आईवीएफ साइकिल में एम्ब्रयो (Embriyo - भ्रूण बनाने का प्रथम चरण) को बनाने के बाद एम्ब्रयो बायोप्सी के द्वारा टेस्टिंग करते हैं। इस टेस्ट में एम्ब्रयो में होने वाले आनुवांशिक विकारों की जांच की जाती है। इस जांच में जो एम्ब्रयो स्वस्थ होते हैं उन्हें ही महिलाओं के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। इससे आने वाले बच्चे में आनुवांशिक विकारों को जोखिम को दूर किया जा सकता है।

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थैलेसीमिया, डाउन सिंड्रोम और गैलेक्टोसिमिया क्यों होता है?

  • थैलेसीमिया - थैलेसीमिया एक तरह आनुवांशिक विकार होता है। इस विकार में नवजात शिशु को हर महीने रक्त बदलने की आवशयकता होती है। इसमें व्यक्ति के जीन प्रभावित होते हैं।
  • डाउन सिंड्रोम - डाउन सिंड्रोम की समस्या तब होती है, जब क्रोमोसोम का स्तर बढ़ जाता है। क्रोमोसोम शरीर के कई छोटे-छोटे जीन से मिलकर बनते हैं। यह जीन का एक पैकेज होते हैं। बच्चे का शरीर कैसे बनेगा व कैसे कार्य करेगा, यह क्रोमोसोम पर भी निर्भर करता है।
  • गैलेक्टोसिमिया - गैलेक्टोसिमिया मेटाबॉलिज्म से जुड़ी एक दुर्लभ आनुवांशिक स्थिति है। इसका 'खून में गैलेक्टोज' पाया जाता है। इस समस्या में अनडाइजेस्टेड यानी बिना पची हुई शुगर खून में इकट्ठा होने लगती है।

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आईवीएफ तकनीक इनफर्टिलिटी के साथ ही आनुवांशिक विकारों को दूर करने के लिए भी प्रयोग में लाई जा सकती है। इसका उपयोग कर आप आने वाली पीढ़ी को रोग मुक्त और स्वस्थ बना सकते हैं।

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