थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है। इस समस्या में नवजात शिशु को हर माह रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। यह रोग अभिभावकों से बच्चों तक स्थानांतरित होता है। इसमें व्यक्ति को जीन प्रभावित होते हैं। जिन बच्चों के माता-पिता को थैलेसीमिया होता है, उन बच्चों को इस रोग का खतरा 25 फीसदी बढ़ जाता है। इस रोग की वजह से बच्चे के विकास पर पड़ता है। इसके अलावा, बार-बार रक्त चढ़ाने की वजह से बच्चे के शरीर में आयरन की मात्रा अधिक होने लगती है। इसकी वजह से उनको अन्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, जिन व्यस्कों को थैलेसीमिया होता है, उनको अक्सर थकान बनी रहती है। थैलेसीमिया के रोगियों का रक्त बदलने के साथ ही, केलेशन और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के द्वारा इलाज किया जाता है। इस रोग के साथ जीना असंभव नहीं है, आप लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर इस रोग को कंट्रोल में रख सकते हैं। इस विषय पर हमने मैक्स सुपर स्पेशिलिएटी अस्पताल के सेंटर फॉर बोन मैरो ट्रांसप्लांट बीएलए, के एसोशिएट डायरेक्टर डॉ. पवन कुमार सिंह ने बात कि तो उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया में मरीज को लाइफस्टाइल में किन बदलावों को करना आवश्यक होता है।
थैलेसीमिया में मरीज को लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए?
नियमित रूप से वैक्सीनेशन लें
रोगों से बचने के लिए समय पर वैक्सीनेशन कराना बेहद आवश्यक होता है। थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों और व्यस्कों को समय-समय पर डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीनेशन कराना चाहिए। इस रोग की वजह से लोगों को संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है। मुख्य रूप से स्पीन (शरीर का एक अंग) निकलवाने के बाद संक्रमण की स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।
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अपनी स्थिति को समझें
थैलेसीमिया को मैनेज करने में मरीज को सबसे पहले अपने रोग की मौजूद स्थिति के बारे में समझना चाहिए। इस समय आपको डॉक्टर से मिलकर रोग के लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करनी चाहिए।
नियमित जांच करना आवश्यक
थैलेसीमिया के रोगियों को नियमित रूप से जांच की आवश्यकता होती है। इसके लिए आप डॉक्टर से रेगुलर मिलकर स्वास्थ्य की जांच कराएं। थैलेसीमिया के रोगियों को नियमित रूप से रक्त चढ़ाने और आयरन केलेशन थेरेपी कराने की आवश्यकता होती है।
एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल में करें शामिल
एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने से आप रोग से सुरक्षित रहते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है और संक्रमण से आपका बचाव होता है। थैलेसीमिया रोग में एक्सरसाइज करने से आपका हार्ट और डायबिटीज जैसे कुछ रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही, आपके लंग्स भी मजबूत बनते हैं।
इंफेक्शन से बचें
थैलेसीमिया वाले मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण उन्हें संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है। ऐसे में व्यक्ति को नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए। साथ ही, बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए।
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डाइट में करें बदलाव
स्वस्थ रहने के लिए आपको अपनी डाइट में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। डॉक्टर लोगों को डाइट में पौष्टिकि आहार और फल लेने की सलाह देते हैं। ऐसे में आपको डाइट में ब्रोकली, बिन्स, आदि सब्जियों और फलों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। इस समय आप आयरन युक्त आहार को अधिक मात्रा में न लें। इस समय आप न्यूट्रिशिनिस्ट से मिलकर अपने लिए विशेष डाइट प्लान बना सकते हैं।
गर्भधारण करने से पहले यदि अभिभावक रक्त संबंधी जांच कराएं, तो थैलेसीमिया की पहचान कर इस रोग को बच्चे तक ट्रांसफर होने से रोका जा सकता है। इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी होगी।
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