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पेल्विक फ्लोर को हेल्दी रखने के लिए इन 5 टॉयलेट की आदतों से करें परहेज

टॉयलेट में बैठने जा जाने से जुड़ी हमारी कुछ आदतें ऐसी होती है, जो पेल्विक फ्लोर पर दबाव डाल सकती हैं। आइए जानते हैं वो कौन-सी आदतें हैं? 
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पेल्विक फ्लोर को हेल्दी रखने के लिए इन 5 टॉयलेट की आदतों से करें परहेज


पेल्विक फ्लोर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो ब्लैडर, आंतों और यौन अंगों को बढ़ावा देते हैं और उन्हें हेल्दी रखने में मदद करता है। पेल्विक फ्लरो की मांसपेशियों और टिशू का समूह, हमारे यूरिन और मल को कंट्रोल करने में मदद करता है। अक्सर स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं, ब्लैडर या मल त्याग की समस्या से जुड़ी होती है। बता दें कि टॉयलेट से जुड़ी कुछ आदतें ऐसी होती है, जिन पर समय पर ध्यान न दिया जाए तो पेल्विक फ्लोर से जुड़ी समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में आइए एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानते हैं कि पेल्विक फ्लोर को हेल्दी रखने के लिए टॉयलेट की किन आदतों से परहेज करना चाहिए?

हेल्दी पेल्विक फ्लोर के लिए इन टॉयलेट हैबिट्स से करें परहेज

टॉयलेट जाने से जुड़ी कुछ आदतें ऐसी होती है, जो आपके पेल्विक फ्लोर को नुकसान पहुंचा सकती हैं और सेहत पर भी बुरा असर डाल सकती हैं, जैसे- 

1. पूरे दिन यूरिन रोककर रखना

बहुत से लोग ऑफिस में या अन्य कामों में व्यस्त रहने के कारण घंटों तक पेशाब रोककर रखते हैं। यह आगत आपके मूत्राशय पर बहुत ज्यादा दबाव डालती है और समय के साथ उसकी सेंसिटिविटी को कम कर सकती है। इससे बार-बार इंफेक्शन, ब्लैडर ओवरएक्टिविटी या पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है। इसलिए, आप हर 3 से 4 घंटे में पेशाब करने जाए, यह आपकी एक हेल्दी आदत बन जाएगी।

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2. टॉयलेट पर देर बैठे रहने की आदत

कुछ लोग टॉयलेट पर बैठकर फोन चलाना, किताब पढ़ना या सिर्फ सोच में डूबे रहना पसंद करते हैं। लेकिन, लंबे समय तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहने से पेल्विक फ्लोर पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे बवासीर, मलद्वार की नसों में सूजन और पेल्विक फ्लोर मसल्स की कमजोरी हो सकती है। इसलिए, आप टॉयलेट में उतनी ही देर बैठे जितना जरूरी हो।

3. होवर या स्क्वाट पोजीशन में पेशाब करना

कई महिलाएं पब्लिक टॉयलेट में हाइजीन के कारण परेशान रहती हैं, जिससे वे कमोड पर न बैठकर हवा में ही बैठकर पेशाब करती हैं। यह स्थिति आपके पेल्विक फ्लोर मसल्स के तनाव को बढ़ा सकती है, और पूरी तरह से ब्लेडर खाली होने से रोकती है। इसलिए, जब भी संभव हो आराम से यूरिन पास करने के लिए बैठें। अगर सफाई को लेकर परेशानी हो तो डिस्पोजेबल सीट कवर या टॉयलेट सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

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4. मल त्यागते समय जोर लगाना या सांस रोकना

कब्ज या जल्दी में होने पर लोग मल त्याग करते समय जोर लगाते हैं या अपनी सांस रोक लेते हैं। टॉयलेट की ये आदत पेल्विक फ्लोर पर बहुत दबाव डालती है और समय के साथ मसल्स को कमजोर कर देते हैं। लेकिन, आप मल त्याग करने के दौरान गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों की मदद से धीरे-धीरे मल त्याग करें और जोर लगाने से बचें।

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5. मल त्याग को रोकना

जब शरीर संकेत देता है कि आपको मल त्याग करना है तब उसे अनदेखा करना शरीर के नेचुरल सिस्टम को बिगाड़ सकता है। इससे कब्ज, पेट दर्द और पेल्विक फ्लोर पर दबाव की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए, जब भी आपको मल त्याग करने की इच्छा हो तो तुरंत टॉयलेट जाएं और इसे रोकें न।

निष्कर्ष

पेल्विक फ्लोर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी टॉयलेट की इन आदतों पर ध्यान दें। छोटी-छोटी गलतियां धीरे-धीरे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकती हैं। इसलिए अगर आप की भी ये आदतें है तो इन्हें बदलने की कोशिश करें।
Image Credit: Freepik 

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  • Oct 10, 2025 20:10 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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