Pregnancy and Pelvic Floor: प्रेग्नेंसी की स्टेज हर महिला के लिए खास होती है लेकिन इस महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव भी होते हैं, जिसमें ब्रेस्ट में बदलाव, थकान, मतली, उल्टी, बार-बार पेशाब आना, मूड स्विंग और स्किन में चेंज (changes in pregnancy) शामिल है। प्रेग्नेंसी में पेल्विक फ्लोर भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यूटरस को सहारा देता है और साथ ही पेशाब को कंट्रोल करने में मददगार होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को पेशाब की भी समस्या काफी ज्यादा रहती है। अगर पेल्विक फ्लोर यूटरस को सहारा देता है, तो इसका मतलब है कि यूटरस का बढ़ता भार फ्लोर पर प्रेशर डालता है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कमजोर पेल्विक फ्लोर की वजह से प्रेग्नेंसी पर असर पड़ सकता है। इस बारे में हमने फरीदाबाद की क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की कंसल्टेंट डॉ. पूजा सी ठुकराल (Dr. Pooja C Thukral, Consultant - Obstetrician & Gynecologist, Cloudnine Group of Hospitals, Faridabad) से बात की। सबसे पहले जानते हैं कि पेल्विक फ्लोर होता क्या है?
पेल्विक फ्लोर क्या है?
डॉ. पूजा कहती हैं, “दरअसल पेल्विक फ्लोर महिलाओं में नीचे की तरफ होता है, जो मांसपेशियों और लिगामेंट्स के नेटवर्क की तरह होता है। इसका काम यूटरस, मूत्राशय और मलाशय को सहारा देता है। महिलाओं के पेशाब और स्टूल पास करने को कंट्रोल करता है। पेल्विक फ्लोर यौन संबंधों को सेहतमंद और बैलेंस बनाने में भी मदद करता है।
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प्रेग्नेंसी में पेल्विक फ्लोर क्यों हो जाता है कमजोर?
डॉ. पूजा कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं का वजन काफी बढ़ जाता है और यूटरस (uterus) का भी प्रेशर पेल्विक फ्लोर पर पड़ता है। इसके अलावा, इस दौरान महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का असर भी रहता है और साथ ही मांसपेशियों और लिगामेंट्स में भी ढीलापन आ जाता है। इस वजह से पेल्विक फ्लोर कमजोर हो सकता है। अगर महिला बार-बार प्रेग्नेंट होती है, कब्ज की समस्या है या फिर भारी वजन उठाती है, तो उसका भी नेगेटिव असर पेल्विक फ्लोर पर पड़ता है।
कमजोर पेल्विक फ्लोर के कारण प्रेग्नेंसी में समस्याएं
डॉ. पूजा ने बताया है कि अगर प्रेग्नेंसी में पेल्विक फ्लोर कमजोर हो जाए, तो ये समस्याएं हो सकती हैं।
- पेशाब कंट्रोल न कर पाना - हंसने, खांसने या भारी चीज उठाते समय पेशाब का लीक होना।
- स्टूल (पॉटी) कंट्रोल न करन पाना - अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो पॉटी कंट्रोल करना भी मुश्किल हो जाता है।
- पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स - इस स्थिति में गर्भाशय या मूत्राशय नीचे खिसक सकते हैं।
- डिलीवरी में दिक्कत होना - कमजोर मांसपेशियों के कारण पुशिंग कमजोर हो सकती है, जिससे डिलीवरी का समय लंबा हो सकता है।
- सेक्चुल जीवन में दिक्कत - दर्द, असुविधा और स्ट्रेस सकता है।
पेल्विक फ्लोर कमजोर होने पर डिलीवरी में दिक्कत
डॉ. पूजा कहती हैं कि हर बार कमजोर पेल्विक फ्लोर की वजह से सिजेरियन हो, ऐसा नहीं होता, लेकिन इससे डिलीवरी की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। कमजोर पेल्विक फ्लोर की वजह से महिला को पुश करने में दिक्कत हो सकती है। नार्मल डिलीवरी लंबी खिंच सकती है और अगर महिला का बहुत ज्यादा दिक्कत होती है, तो सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
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पेल्विक फ्लोर को सेहतमंद रखने के तरीके
डॉ. पूजा ने पेल्विक फ्लोर को मजबूत रखने के टिप्स दिए हैं।
- पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Kegels)- किसी भी अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लेकर प्रेग्नेंसी में रेगुलर करें।
- फिजियोथेरेपी - प्रेग्नेंसी में फिजिथेरेपिस्ट या एक्सपर्ट की निगरानी में मांसपेशियों को मजबूत करने की ट्रेनिंग लें।
- फिजिकल एक्टिवटी - प्रेग्नेंसी में भारी वजन न उठाएं और साथ ही सही तरीके से बैठना-खड़ा होना सीखें।
- कब्ज न होने दें - फाइबर से भरपूर डाइट लें और पानी पिएं। कब्ज होने पर पेल्विक फ्लोर पर प्रेशर पड़ता है।
- स्ट्रेस मैनेज करें - स्ट्रेस और पोस्टपार्टम डिप्रेशन से पेल्विक फ्लोर पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। परिवार की मदद जरूर लें।
- रेगुलर चेकअप - प्रेग्नेंसी और इसके बाद डॉक्टर से सलाह लें और डॉक्टर को अपनी परेशानी जरूर बताएं।
निष्कर्ष
डॉ. पूजा कहती हैं कि अगर पेल्विक फ्लोर कमजोर हो, तो प्रेग्नेंसी और डिलीवरी दोनों पर असर डाल सकता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि ये कुछ समय के लिए हो सकती है, अगर खानपान, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव कर दिया जाए। अगर पेल्विक में दर्द या भारीपन महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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Sep 20, 2025 06:03 IST
Published By : Aneesh Rawat