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नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिलाओं का पेल्विक फ्लोर कमजोर होना और इससे जुड़ी समस्याएं होना काफी आम है। पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों और टिशू का एक ग्रुप होता है, जो हमारे पेल्विस के निचले हिस्से में होती है। पेल्विक फ्लोर यूटेरस, ब्लैडर और रेक्टम को सपोर्ट करती हैं। लेकिन, जब ये मांसपेशियां कमजोर या डैमेज होती हैं, तो कई तरह की समस्याएं हो सकती है, जिसे मेडिकल की भाषा में पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन कहा जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में महिलाओं में पेल्विक फ्लोर की समस्या होना नॉर्मल होता है। हालांकि, कई महिलाओं का मानना है कि सी-सेक्शन डिलीवरी करवाने से पेल्विक फ्लोर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं, कुछ महिलाओं के मन में ये सवाल होता है कि सी सेक्शन के बाद पेल्विक में दर्द क्यों होता है? इस बारे में सही जानकारी लेने के लिए हमने जयपुर के दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता से बातचीत की।
क्या सी-सेक्शन पेल्विक फ्लोर को प्रभावित करता है? - Can C-section Affect Your Pelvic floor in Hindi?
डॉ. शिखा गुप्ता के अनुसार पेल्विक फ्लोर से जुड़ी समस्या सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी वाली महिलाओं को ही नहीं होती है, बल्कि सी-सेक्शन यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को पेल्विक फ्लोर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। सी-सेक्शन के बाद भी पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन की समस्या को देखा गया है। पेल्विक फ्लोर की समस्या सिर्फ डिलीवरी के बाद ही महिलाओं में नहीं होती है, बल्कि ये हर उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन डिलीवरी के बाद इसकी संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
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सी-सेक्शन के बाद पेल्विक फ्लोर कैसे प्रभावित होता है?
PubMed Central के एक रिसर्च स्टडी से पता चलता है, "सी-सेक्शन के बाद पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स और यूरिन पर कंट्रोल न होने की समस्या हो सकती है, खासकर उन महिलाओं को जिन्हें पहले से ही पेल्विक फ्लोर की समस्या है।" आइए डॉ. शिखा गुप्ता से जानते हैं कि सी-सेक्शन के बाद पेल्विक फ्लोर किसी तरह प्रभावित होता है?
1. घाव का निशान या टिशू
सी-सेक्शन के दौरा पेट और यूटेरस को काटकर बच्चे को गर्भ से बाहर निकाला जाता है, जिससे शरीर में स्कार टिशू बन जाते हैं। ये टिशू कभी-कभी आसपास की मांसपेशियों में अकड़न या खिंचाव की समस्या को बढ़ा देता है, जिससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर दबाव (c section ke baad pelvic pain kyu hota hai) पड़ता है। इस समस्या के कारण आपके पेल्विक फ्लोर में खिंचाव, जकड़न या दर्द की समस्या हो सकती है।
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2. कमजोरी और मांसपेशियों की समस्या
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय के बढ़ने और हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। ऐसे में डिलीवरी के लिए जब सी-सेक्शन किया जाता है तो महिला को कुछ समय तक बेड रेस्ट पर रहना पड़ता है, जिससे मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन और भी कम हो जाती है। इससे मांसपेशियों में असंतुलन हो सकता है,जो पेल्विक फ्लोर को कमजोर कर देता है।
3. दर्द
कुछ महिलाओं को सी-सेक्शन के बाद पेट या पेल्विक एरिया में लगातार दर्द की समस्या बनी रहती है। यह दर्द कभी-कभी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में खिंचाव या नसों के डैमेज होने का कारण बन सकती है।
4. इनकॉन्टिनेंस
इनकॉन्टिनेंस यानी यूरिन या मल पर कंट्रोल ना होने की समस्या कई महिलाओं में सी-सेक्शन के बाद भी होती है। इसे स्ट्रेस इनकॉन्टीनेंस कहा जाता है, जिसमें हंसने, छींकने, खांसने या वजन उठाने पर पेशाब निकल जाता है, जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के ठीक तरह से काम न करने का संकेत होता है।
निष्कर्ष
सी-सेक्शन के बाद पेल्विक फ्लोर से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं, ये एक गलत धारणा है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में आए बदलाव, हार्मोनल असंतुलन और सर्जरी के कारण पेल्विक फ्लोर प्रभावित हो सकता है। इसलिए, समय रहते सही इलाज लेने की कोशिश करें, ताकि गंभीर समस्याएं होने से रोका जा सके।
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FAQ
पेल्विक फ्लोर की समस्या किन कारणों से होती है?
पेल्विक फ्लोर की समस्या आमतौर पर प्रेग्नेंसी, डिलीवरी, मोटापा, बढ़ती उम्र और सर्जरी जैसे कारणों से हो सकती है।पेल्विक मांसपेशियां कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के कमजोर होने पर आपको कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसमें पेशाब या मल पर कंट्रोल न होना, यौन गतिविधियों के दौरान असुविधा, पेल्विक फ्लोर में भारीपन महसूस हो सकता है।पेल्विक फ्लोर को मजबूत कैसे बनाएं?
पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने के लिए कीगल एक्सरसाइज और अन्य एक्सरसाइज जैसे ब्रिज पोज और सिट-टू-स्टैंड स्क्वाट्स कर सकते हैं।
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Current Version
Oct 16, 2025 12:41 IST
Published By : Katyayani Tiwari