
Copper T Yeast Infection: प्रेग्नेंसी से बचाव के लिए महिलाएं आमतौर पर कॉपर टी (Copper T) लगाना ज्यादा प्रेफर करती हैं। कॉपर टी या IUD (Intrauterine Device) बहुत ही आसान और लंबे समय तक चलने वाला गर्भनिरोधक तरीका है। इस प्रोसेस में एक छोटी ‘T’ शेप की नॉन-हॉर्मोनल डिवाइस यूटरस में लगाया जाता है। कॉपर टी लगने के बाद महिलाओं के अंडाणु तक स्पर्म नहीं पहुंच पाते और इससे प्रेग्नेंसी से बचाव हो जाता है। डॉक्टर आमतौर पर कॉपर टी लगाने की सलाह देते हैं क्योंकि यह तरीका 3 से 10 साल तक असरदार रहता है और सबसे अच्छी बात यह होती है कि इसमें हार्मोनल बदलाव नहीं होते। अक्सर महिलाओं को यह भी परेशानी होती है कि कॉपर टी लगवाने के बाद उन्हें योनि में खुजली, जलन और सफेद डिस्चार्ज जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कॉपर टी यीस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकता है? इस बारे में हमने नवी मुंबई के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. पारुल साठे ( Dr Parul Sathe, Consultant- Obstetrician and Gynecologist at Cloudnine Group of Hospitals, Nerul, Navi Mumbai) से बात की।
क्या कॉपर टी से यीस्ट इंफेक्शन होती है?
इस बारे में डॉ. पारुल साठे ने कहा, “ दरअसल, कॉपर टी खुद किसी भी तरह का इंफेक्शन नहीं करती, लेकिन जब कोई बाहर की चीज गर्भाश्य में लगाई जाती है, तो यूटरस में हल्की सूजन या योनि के pH में बदलाव हो सकता है। इससे अपने आप में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होता। लेकिन यह एक विदेशी वस्तु है, जो गर्भाशय में लगाई जाती है। कुछ महिलाओं में इससे हल्की सूजन या योनि के पीएच में बदलाव हो सकता है, जो यीस्ट (फंगल) इंफेक्शन की संभावना को बढ़ा सकता है। आमतौर पर कॉपर टी एक नॉन हार्मोनल डिवाइस है, तो उससे सीधे फंगस नहीं फैलता। अगर योनि का नेचुरल संतुलन (microflora) बिगड़ जाता है, तो वहां फंगस तेजी से पनप सकता है। यह वजह यीस्ट इंफेक्शन का कारण बनता है।”
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क्या कॉपर टी से pH लेवल बदल सकता है?
डॉ. पारुल कहती हैं, “महिलाओं की योनि में हल्का एसिडिक पीएच लेवल होता है, जो गुड बैक्टीरिया का बैलेंस बनाए रखती है और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। इससे कॉपर टी लगवाने के बाद कुछ महिलाओं में पीएच लेवल बैलेंस बिगड़ जाता है। जब पीएच लेवल अल्कलाइन हो जाता है, तो यीस्ट फंगस तेजी से फैल जाता है। इससे जलन, खुजली और सफेद डिस्चार्ज जैसी समस्या हो सकती है।”
कमजोर इम्यून सिस्टम और साफ-सफाई की कमी
डॉ. पारुल कहती हैं, “अगर कोई महिला लंबे समय तक किसी बीमारी की वजह से एंटीबायोटिक ले रही हो या फिर स्ट्रेस ज्यादा होता है, तो उसकी इम्युनिटी कमजोर हो सकती है। ऐसे में जब महिला कॉपर टी लगाती है, तो यीस्ट इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ अगर पर्सनल हाइजीन का ध्यान न रखा जाए, तो इंफेक्शन का रिस्क और ज्यादा बढ़ सकता है। इंफेक्शन सीधे कॉपर टी की वजह से नहीं, बल्कि शरीर की इंफेक्शन के प्रति संवेदनशीलता के कारण होता है।
यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण
डॉ. पारुल ने यीस्ट इंफेक्शन से जुड़े लक्षणों की जानकारी दी है। अगर ये लक्षण दिखें, तो इसे सामान्य समझकर न टालें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- योनि में लगातार खुजली या जलन
- दही जैसा गाढ़ा सफेद डिस्चार्ज निकलना
- पेशाब के दौरान जलन होना
- सेक्स के दौरान जलन या दर्द होना
- योनि में सूजन या लालिमा होना
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यीस्ट इंफेक्शन से कैसे करें बचाव
डॉ. पारुल ने यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं।
- कॉपर टी लगवाने के बाद सफाई और सावधानी से यीस्ट इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
- पर्सनल हाइजीन पर ज्यादा ध्यान रखें।
- रोजाना साफ और सूखे अंडरगार्मेंट पहनें।
- टाइट या सिंथेटिक कपड़े न पहनकर बल्कि कॉटन के कपड़े चुनें।
- योनि में परफ्यूम वाले साबुन, डूशिंग स्प्रे या जेल का इस्तेमाल न करें।
- अगर लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह पर एंटी-फंगल क्रीम, टैबलेट या योनि सपोसिटरी की सलाह दे सकते हैं।
- महिलाएं बैलेंस्ड डाइट लें
- स्ट्रेस को मैनेज करने की कोशिश करें।
निष्कर्ष
डॉ. पारुल जोर देते हुए कहते हैं कि कॉपर टी सीधे यीस्ट इंफेक्शन का कारण नहीं बनती, लेकिन कुछ कंडीशन्स में योनि के नेचुरल बैलेंस को प्रभावित कर सकती है। अगर किसी महिला को बार-बार इंफेक्शन हो रहा हो या फिर दर्द के साथ बदबूदार डिस्चार्ज हो रहा हो, तो यह सिर्फ यीस्ट इंफेक्शन नहीं बल्कि बैक्टीरियल वेजिनोसिस या अन्य इंफेक्शन भी हो सकता है। इसलिए जल्द से जल्द डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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Current Version
Oct 16, 2025 07:03 IST
Published By : Aneesh Rawat