सर्दी में वायरल और कॉमन इंफेक्शन से बचाव के लिए करें इन 7 हर्ब्स का सेवन, आयुर्वेदाचार्य से जानें सही तरीका

सर्दियों में कई तरह की बीमारियां आपको आसानी से परेशान कर सकती है। ऐसे में आप इन हर्ब्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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सर्दी में वायरल और कॉमन इंफेक्शन से बचाव के लिए करें इन 7 हर्ब्स का सेवन, आयुर्वेदाचार्य से जानें सही तरीका


सर्दियों में कई तरह के वायरल बुखार और सर्दी-जुकाम आपको परेशान कर देते हैं क्योंकि इस मौसम में कई तरह के वायरस पनपने लगते हैं। मौसम में नमी के कारण ये आसानी से आपको अपना शिकार बना सकते हैं। हालांकि ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जिनके इस्तेमाल से आप सर्दी-जुकाम, पेट के इंफेक्शन, सिरदर्द, कफ और गले की खराश में काफी आराम पा सकते हैं। इसके उपयोग से न केवल आप कई तरह के इंफेक्शन और वायरल बीमारियों से ठीक हो सकते हैं बल्कि यह हर्ब्स आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर को कई अन्य लाभ भी मिलते हैं। ऐसे ही कुछ हर्ब्स के फायदे और इस्तेमाल के बारे में बता रहे हैं आयुर्वेदाचार्य डॉ राहुल चतुर्वेदी

इंफेक्शन में इन हर्ब्स का करें इस्तेमाल

1. अजुर्न छाल

अर्जुन की छाल का उपयोग कई तरह की बीमारियों में किया जाता है। इसकी छाल में पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनिशियम, जिंक और कॉपर आदि पाए जाते हैं। इससे हृदय और सर्दी-जुकाम संबंधी इंफेक्शन और वायरल बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साथ ही इसका उपयोग क्रोनिक डिजीज को कम करने में भी किया जा सकता है।

2. सोंठ 

सोंठ में कई एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कई तरह की बीमारियों में आराम दिलाता है। साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, सोडियम, विटामिन ए, सी और जिंक पाया जाता है। यह सभी चीजें सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। सोंठ के सेवन से कफ में आराम मिलता है।

3. काकड़ा सिंगी

काकड़ा सिंगी में कई गुण होते हैं। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण के कारण सर्दी-खांसी और पेट के दर्द में काफी आराम मिलता है। इसके अलावा इससे उल्टी और बुखार संबंधी समस्याओं में भी काफी आराम मिलता है।

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Image Credit- Freepik

4. पिपप्ल

पिपप्ल का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है, जिससे शरीर को कई लाभ होता है। पिपप्ल में फ्लेवॉइड्स, टैनिक एसिड, एसपारटिक एसिड, विटामिन और ग्लाइसिन पाया जाता है। इसे उचित मात्रा लेने पर कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है।

5. दालचीनी

दालचीनी में थाइमीन, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन, कैल्शियम, मैंग्नीज, पोटैशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा और तीखा होता है। स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ यह वात कफ से जुड़े रोगों को दूर करने में उपयोगी है। कई औषधियां बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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6. काली मिर्च

आमतौर पर हमारे घरों में काली मिर्च का उपयोग चाय बनाने में किया जाता है। काली मिर्च में पैपरीन, आयरन, पोटैशियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। सर्दी-खांसी में इसके सेवन से काफी आराम मिलता है। इसके साथ आप तुलसी के पत्ते और अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

7. अजवाइन

अजवाइन में कई गुण होते हैं। घरों में खाने बनाने में इस्तेमाल होने से लेकर चाय बनाने में अजवाइन का उपयोग किया जाता है। अजवाइन में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, थायमिन, राइबोफ्लेविन और फाइबर पाया जाता है। इससे सूजन और गले की खराश को कम करने में मदद मिलती है।

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इन जड़ी-बूटियों का ऐसे करें इस्तेमाल

1. काली मिर्च, सोंठ और पिपप्ल को बराबर मात्रा में ले लें। तीनों को अच्छे से सूखाकर स्टोर कर लें और चाय बनाने के लिए चायपत्ती की जगह इस मिश्रण का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कफ और टॉन्सिल जैसी परेशानी में राहत पा सकते हैं।

2. दालचीनी, अर्जुन की छाल और काकड़ा सिंगी को बराबर मात्रा में ले लें। तीनों को आधा लीटर पानी में उबालकर पीएं। इससे सर्दी-जुकाम और हृदय संबंधी रोगों में काफी आराम मिलता है।

3. साथ ही आप 5 ग्राम अजवाइन में बड़ी इलायची, 100 ग्राम काला नमक मिला लें। तीनों के मिश्रण का पाउडर बना लें। सुबह-शाम खाना खाने के बाद 5 ग्राम मात्रा के सेवन से पेट के इंफेक्शन और फूड प्वाइजनिंग में काफी मददगार होता है।

4. 100 ग्राम अजवाइन को 1 लीटर पानी में उबाल लें। इसे तब तक उबालें, जब तक पानी की मात्रा 700 ग्राम न हो जाएं। फिर 40 ग्राम पानी का सेवन सुबह-शाम करें। इससे सिरदर्द और गले के दर्द में काफी आराम मिलता है।

5. इसके अलावा आप अजवाइन, तुलसी पत्ता, काली मिर्च और गुड़ की चाय बनाकर भी पी सकते हैं।

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