मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव होता है, लेकिन शिशु की देखभाल के साथ-साथ घर और ऑफिस का काम भी संभालना हो, तो यह स्थिति कठिन हो जाती है। शिशु के शुरुआती महीनों में उनकी हर जरूरत का ध्यान रखना, उनके सोने-जागने के पैटर्न को समझना और खुद की सेहत का ख्याल रखना मां के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है। कई महिलाएं इस स्थिति में गिल्ट फील करने लगती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे सोचती हैं कि वे शिशु और काम दोनों में से किसी एक के साथ न्याय नहीं कर पा रही हैं। हालांकि, सही प्लानिंग और एक्सपर्ट की मदद से आप इस स्थिति को आसानी से संभाल सकती हैं। इस लेख में बच्चों की डॉक्टर माधवी भारद्वाज से जानिए, शिशु के साथ काम को मैनेज करने की टिप्स।
शिशु के साथ काम मैनेज करने के लिए टिप्स
1. शुरुआती 45 दिन शिशु के साथ बिताएं और नींद का तालमेल बनाएं
डॉक्टर माधवी भारद्वाज का कहना है कि मां और शिशु के लिए शुरुआती 45 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान मां को शिशु के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए। मां और बच्चे की स्लीप साइकिल को एक जैसा बनाना जरूरी है। जब शिशु सोए, आप भी उसके साथ सोएं, शिशु को 14-15 घंटे की नींद और मां को 6-7 घंटे की नींद चाहिए होती है। शिशु के साथ सोने से आपकी थकान कम होगी और आप एनर्जेटिक महसूस करेंगी।
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2. शिशु को दिन और रात का अंतर समझाएं
डॉक्टर का सुझाव है कि शिशु को दिन और रात के अंतर को समझाना बेहद जरूरी है। दिन में शिशु को रोशनी और प्राकृतिक वातावरण में रखें। रात में शिशु को अंधेरे और शांत माहौल में सुलाएं, डॉक्टर का अनुभव बताता है कि सुबह बच्चे को सूरज दिखाने और चिड़ियों की आवाज सुनाने से शिशु की स्लीप साइकिल जल्दी सेट होती है।
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3. ब्रेस्टफीडिंग और काम का तालमेल बनाएं
कई न्यू मॉम्स का सवाल होता है कि ब्रेस्टफीडिंग करते हुए काम कैसे करें। इसका हल सही प्लानिंग और शेड्यूलिंग में है। एक बार बच्चे को दूध पिलाने के बाद, वह 2-3 घंटे तक आराम से रह सकता है। इस समय का उपयोग आप अपने काम के लिए कर सकती हैं। शिशु को रात के समय सोते-सोते दूध पिलाने से उसका मेलाटोनिन हार्मोन बढ़ता है, जिससे उसे अच्छी नींद मिलती है।
4. अपना काम प्लान करें और मदद लें
नई मां के लिए यह समझना जरूरी है कि हर काम अकेले करना संभव नहीं है। आपको अपने पार्टनर और परिवार के साथ सहयोग लेना चाहिए। अपने दिन का शेड्यूल बनाएं और कामों को प्राथमिकता दें। किसी बड़ी मीटिंग या काम के दौरान शिशु की देखभाल के लिए पार्टनर या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से मदद लें।
निष्कर्ष
नई मां बनने के बाद काम और शिशु के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण जरूर हो सकता है, लेकिन सही प्लानिंग और टिप्स को अपनाकर आप इस चुनौती को आसानी से पार कर सकती हैं। शिशु के साथ समय बिताने और अपने करियर को संभालने के लिए सही माइंडसेट और सपोर्ट सिस्टम का होना बेहद जरूरी है।
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