आज के समय में हम जिस प्रकार की तनावभरी जीवनशैली जी रहे हैं, ऐसे में व्यक्ति को पूरी नींद लेना जरूरी है। लेकिन लोगों का स्लीपिंग पैटर्न खराब होने के कारण ना तो वे भरपूर नींद ले पाते हैं और हर वक्त चिड़चिड़ाहट भी महसूस करते हैं। भरपूर नींद लेने से व्यक्ति का शरीर तनाव से दूर रह सकता है। बता दें कि जब हम रात को सोने जाते हैं तो हमारा शरीर मेलाटोनिन हॉर्मोन रक्तप्रवाह में छोड़ता है, जिसके कारण शरीर के तापमान में गिरावट आ सकती है। वहीं दिन में सूर्य के प्रकाश में मेलाटोनिन के उत्पादन में रुकावट आ सकती है। ऐसे में स्लीप साइकिल का सही होना जरूरी है। हालांकि तनावभरी जीवनशैली के कारण लोगों के सोने की आदत बदलने लगती है और कभी वे जल्दी तो कभी देर से सोना शुरू कर देते हैं। ऐसे में सोने की आदत में सुधार लाना जरूरी है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि स्लीप साइकिल को कैसे बदला जा सकता है। इसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
1 - दिन में सोने से बचें
अकसर आपने देखा होगा कि कुछ लोग दिन में बार-बार उबासी लेते हैं। ऐसे में वे डे नैप लेते हैं। ऐसा उन लोगों के साथ होता है जिनकी नींद रात को पूरी नहीं होती। दिन में सोने से व्यक्ति के स्लीपिंग पैटर्न खराब हो सकता है। हालांकि शुरुआत में दिन में सोने की आदत को बदलने में दिक्कत हो सकती है लेकिन ऐसा करने से व्यक्ति को रात में जल्दी सोने में सहायता मिल सकती है।
2 - हल्की-हल्की आवाज में सुनें म्यूजिक
जिन लोगों को देर से सोने की आदत है उन्हें जल्दी नींद नहीं आ सकती। बता दें कि ऐसे लोग रात को सोते वक्त हल्का म्यूजिक चला सकते हैं। संगीत की मदद से ना केवल मन और दिमाग को शांत रखा जा सकता है बल्कि व्यक्ति को नींद भी समय पर आना शुरू हो जाती है। ध्यान रहे कि रात क सोने से पहले तेज आवाज में म्यूजिक ना चलाएं। ऐसा करने से हो सकता है कि आपकी नींद और भाग जाए।
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3 - डिस्टर्बेंस से बचें
किसी भी तरह के डिस्टर्बेंस से भी व्यक्ति को नींद की समस्या हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति सोने के लिए जिस भी जगह को फाइनल करे उसके आसपास किसी भी प्रकार का डिस्टर्बेंस नहीं होना चाहिए। वरना इसके कारण भी व्यक्ति के सोने की आदत में बदलाव हो सकता है। ध्यान रहे कि आप अपने कानों को कवर करने के लिए किसी रूई काभी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4 - सही खानपान जरूरी
व्यक्ति को रात को सोने से पहले हल्का आहार अपनी डाइट में जोड़ना चाहिए। अगर व्यक्ति रात को भारी खाना खाता है उसे पेट की कई समस्याएं जैसे पेट में ऐंठन, पेट फूलने की समस्या, अपच आदि समस्या हो सकती है। बता दें कि आंतों पर जब ज्यादा जोर पड़ता है तो सेरोटोनिन हार्मोन के उत्पादन में रुकावट आ सकती है। ध्यान दें कि सेरोटोनिन एक हार्मोन है जो ना केवल हमारी नींद को नियंत्रित करता है बल्कि बॉडी क्लॉक को नियंत्रित करने में मददगार है। इसके अलावा मेलाटोनिन हार्मोन अच्छी नींद के लिए जरूरी है। ऐसे में व्यक्ति मेलाटोनिन युक्त फूड और ट्रिप्टोफेन वाले खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में जोड़ सकता है। ऐसे में व्यक्ति पनीर, बीन्स, अंडा, कद्दू के बीज आदि को अपनी डाइट में जोड़ सकते हैं।
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5 - सोने से पहले ना करें व्यायाम
रात को सोने से पहले कुछ लोग एक्सरसाइज करना शुरू कर देते है। बता दें कि ये आदत बेहद गलत है। इससे व्यक्ति के स्लीप साइकिल में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में जब भी आप सोने जाएं तो उससे पहले ना कुछ खाएं और ना ही व्यायाम करें। इन दोनों से रात को सोने से पहले दूर रहने से नींद की समस्या भी दूर रह सकती है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि स्लीप साइकिल यानि अपने सोने की आदत को ठीक करने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव करने की जरूरत है। हालांकि अगर आप समय पर सोना और जगना शुरू कर देते हैं तो इससे स्लीपिंग पैटर्न ठीक हो जाता है। ऐसे में आप ऊपर बताए गए बिंदुओं को अपनी दिनचर्या में जोड़ सकते हैं।
इस लेख में फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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