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छोटे बच्चे को निमोनिया होने पर ब्रेस्ट फीडिंग मदर क्या करें? एक्सपर्ट से जानें

निमोनिया होने पर बच्चों को स्पेशल केयर की जरूरत होती है। ब्रेस्ट फीडिंग मांओं के लिए जरूरी है कि वे बच्चे को रेस्ट करने दें और समय पर दवाईयां दें।
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छोटे बच्चे को निमोनिया होने पर ब्रेस्ट फीडिंग मदर क्या करें? एक्सपर्ट से जानें


Tips For Breastfeeding Mothers To Take Care Of Infant With Pneumonia Hindi: निमोनिया एक खतरनाक बीमारी है। सर्दियों में अक्सर बच्चे निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं। निमोनिया वास्तव में सर्दी-जुकाम की तरह शुरू होता है, जो कि एक समय बाद गंभीर रूप ले लेता है। यह रेस्पिरेटरी से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जो कि फेफड़ों को प्रभावित करती है। यूं, तो थोड़ी सी सावधानी बरतने पर बीमारी से रिकवरी संभव है। लेकिन, कई बार बच्चों, खासकर ब्रेस्ट फीड करने वाले बच्चों की सिचुएशन बहुत गंभीर हो जाती है। ऐसे में ब्रेस्ट फीड करा रही मांओं की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें चाहिए कि वे बच्चों की केयर खास तरह से करें। इस लेख में जानिए छोटे बच्चे को निमोनिया होने पर ब्रेस्ट फीड करा रही हैं मांएं क्या करें?

छोटे बच्चे को निमोनिया होने पर ब्रेस्ट फीड करा रही हैं मांएं क्या करें- How Does Breastfeeding Help With Pneumonia In Hindi

How Does Breastfeeding Help With Pneumonia In Hindi

तुरंत जाएं डॉक्टर के पास- Consult Doctor

नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के Lead consultant Pediatric Critical Care Specialist डॉ. नारजोहन मेश्राम के अनुसार, "निमोनिया एक गंभीर बीमारी है और समय पर इलाज न मिलने पर बच्चे की जान भी जा सकती है। इसलिए, अगर कभी-भी ऐसा लगे कि बच्चे को काफी ज्यादा ठंड लग गई है, सर्दी-जुकाम ठीक नहीं हो रहा है और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो बेहतर है कि आप उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। वे जरूरी ट्रीटमेंट बताएंगे, उसे फॉलो करें।"

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बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराती रहें- Breastfeed Your Baby

डॉ. नारजोहन मेश्राम कहते हैं, "अगर शिशु पूरी तरह ब्रेस्ट फीड पर निर्भर है, तो जरूरी है कि निमोनिया होने के बावजूद आप उसे समय-समय पर दूध पिलाती रहें। मां का दूध न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। मां के दूध के जरिए बच्चे को हर वो चीज मिलती है, जो उसे बीमारी से रिकवर होने में मदद कर सकता है। हां, ब्रेस्टफीड करा रही महिलाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे खुद को सर्दी-जुकाम से बचा कर रख रही हैं और डाइट में हेल्दी चीजें ले रही हैं। अगर बच्चा मां के दूध के अलावा, दूसरी चीजें भी खाता है, तो उसे सिर्फ गर्म चीजें जैसे सूप आदि ही खाने के लिए दें।"

बच्चे को ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करने दें- Let The Child Rest As Much As Possible

Let The Child Rest As Much As Possible

यूं तो शिशु का ज्यादा से ज्यादा समय सोने में ही जाता है। लेकिन, कई बार मांएं घंटों अपने बच्चों के साथ खेलना पसंद करती हैं। वहीं, अगर बच्चे को निमोनिया है, तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करने दें। सोने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बॉडी के रिपेयरिंग सेल्स बेहतर तरीके से काम करते हैं। ऐसा करने से बच्चे की तबियत में सुधार होने की संभावना बढ़ जाती है।

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बच्चे के कमरे को गर्म रखें- Keep Him Warm

निमोनिया हमेशा ठंड लगने की वजह से होता है। इसलिए, बच्चे को ज्यादा से ज्यादा गर्म रखने की कोशिश करें। उन्हें कपड़े या कंबल से अच्छी तरह ढक कर रखें। उसके कमरे में लोगों को ज्यादा आने-जाने न दें। इससे इंफेक्शन के फैलने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, समय-समय पर बच्चे को अपने सीने से चिपका कर सुलाएं। मां के स्पर्श से बच्चे की सेहत में तेजी से सुधार होने की संभावना बढ़ जाती है।

समय पर दवा देना न भूलें- Give Medicine On Time

बच्चों के लिए बहुत जरूरी है कि उन्हें डॉक्टर द्वारा दी गई दवा समय-समय पर देते रहें। कई बार सिर्फ घरेलू उपायों की मदद से छाती में जमा कफ बाहर नहीं निकल पाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को डॉक्टर द्वारा दी गई दवा समय पर दें। कंप्लीट रेस्ट, मां की केयर और समय पर दवा लेने से बच्चे की रिकवरी तेजी से हो सकती है।

Image Credit: Freepik

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