Panjiri Laddu Benefits for Breastfeeding Mothers: बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए स्तनपान (Breastfeeding) बहुत जरूरी होता है। मां के दूध में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शिशु के शुरुआती जीवन के सभी पोषण जरूरतों को पूरा करते हैं। इसलिए स्तनपान के महत्व को बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल अगस्त के पहले हफ्ते को विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week 2024) के रूप में मनाया जाता है। अधिकतर माताएं बच्चे के विकास के लिए स्तनपान करवाती हैं। लेकिन इस दौरान माताओं को कई मुश्किलों को सामना भी करना पड़ता है। खासकर, जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं, उन्हें स्तनपान के दौरान कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। दिल्ली की 37 वर्षीय भावना कपूर बाजपेयी को भी ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
आपको बता दें कि भावना की 7 साल की बेटी (अर्शिया बाजपेयी) है। जब अर्शिया का जन्म हुआ, तो भावना फूल ही नहीं समा पा रही थीं। भावना बेहद खुश थीं और वह अपनी बेटी को एक अच्छा जीवन देने को तैयार थीं। हालांकि, बेटी को जन्म देने के बाद, भावना को कमर दर्द के साथ ही, स्तनपान से जुड़ी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा था। विश्व स्तनपान सप्ताह के मौके पर, आज हम आपको भावना की ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) जर्नी के बारे में विस्तार ने बताने जा रहे हैं-
शुरुआत में हुई काफी मुश्किल
भावना बताती हैं, "मैं 30 साल की उम्र में मां बनी थी। शुरुआत में स्तनपान के दौरान मुझे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। पहले तो मेरे स्तनों में दूध का उत्पादन नहीं हो पा रहा था। मेरे निपल्स भी कठोर और सख्त हो जाते थे। जब मेरी बेटी ब्रेस्टफीड करती थी, तो मुझे काफी दर्द का अनुभव होता था। मैं इस दर्द को सहन नहीं कर पाती थी।"
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ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए खाएं पंजीरी लड्डू
भावना बताती हैं, "शुरुआत में मेरा ब्रेस्ट मिल्क नहीं बन पाता था। मैं अपनी बेटी को स्तनपान सही तरीके से नहीं करवा पाती थी। इसलिए कुछ दिनों तक मुझे अपनी बेटी को फॉर्मूला मिल्क देना पड़ा था। लेकिन मैं अपनी बेटी को स्तनपान ही करवाना चाहती थी। ऐसे में ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए मैंने अपनी डाइट का खास ख्याल रखा। मैंने पंजीरी लड्डू का खूब सेवन किया। पंजीरी लड्डू सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। साथ ही, ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसके साथ ही, मैंने जीरा और अजवाइन के पानी का भी सेवन किया।"
ढाई साल तक करवाई ब्रेस्टफीडिंग
भावना बताती हैं, "ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मैंने हेल्दी डाइट ली। मैंने शुरुआत में भले ही अर्शिया को फॉर्मूला मिल्क पिलाया था। लेकिन मैंने उसे स्तनपान ही करवाना चाहती थी। फिर जब हेल्दी डाइट लेने के बाद मेरा ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ने लगा, तो मैंने स्तनपान करवाना शुरू कर दिया। मैंने अपनी बेटी को ढाई साल तक ब्रेस्टफीड कराया था। इसके बाद, कुछ महीनों तक मैंने सिर्फ रात को सोते समय ब्रेस्टफीड करवाया, ताकि उसे अच्छी नींद आ जाए।"
डिलीवरी के बाद किया वर्क फ्रॉम होम
भावना बताती हैं, "पहले मैं फुल टाइम वर्किंग थी। मैं रोज ऑफिस जाती थी। लेकिन डिलीवरी के बाद मैंने वर्क फ्रॉम होम किया। मैं ऑनलाइन ही काम मैनेज कर लेती थी। इस दौरान मेरे कलीग्स ने भी मुझे काफी सपोर्ट किया। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मैंने घर से ही काम किया है, इसलिए ऑफिस और बच्चे को संभालना, मुझे ज्यादा मुश्किल नहीं लगा।"
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कमर दर्द से रहती हूं परेशान
भावना बताती हैं, "मेरी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई थी। जब से मेरी डिलीवरी हुई है, मैं कमर दर्द से काफी परेशान हूं। शुरुआत में मुझे तेज कमर दर्द होता था। हालांकि, आज भी मुझे कमर दर्द रहता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कमर दर्द से बचने के लिए मैंने तकिए का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, मैंने कोई प्रोडक्ट यूज नहीं किया। ब्रेस्टफीडिंग की जर्नी के दौरान मेरे पति, सासू मां और मेरी मां मेरे सपोर्ट सिस्टम बनकर खड़े रहे थे।"