गले का कैंसर कई अंगों को प्रभावित करता है जिनमें से एक है कान। कान में लगातार दो हफ्तों से ज्यादा समय से दर्द हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ये गले में कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपके कान में खाते समय लगातार दर्द बना हुआ है तो ये गले में ट्यूमर या कैंसर के लक्षण हैं इसे नजरअंदाज न करें। ये लक्षण गंभीर तब होते हैं जब गुटकने में परेशानी होने लगे या गर्दन में गांठ महसूस हो। गले में मौजूद कैंसर मुंह, जीभ, गर्दन, स्किन आदि पर भी असर डालता है। इस लेख में हम गले के कैंसर के लक्षण और अन्य अंगों पर उसके प्रभाव पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
गले के आसपास के किन अंगों में दिखते हैं गले के कैंसर के लक्षण? (Symptoms of throat cancer in other parts near throat)
- कान: अगर सुनने में परेशानी हो रही है या लगातार कानों में दर्द है तो ये गले के कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
- गर्दन: गले में कैंसर होने पर गर्दन में गांठ महसूस हो सकती है।
- वोकल कॉर्ड: गले में कैंसर होने पर आवाज में बदलाव महसूस हो सकता है।
- मुंह: गले में कैंसर होने पर मुंह या जीभ में सूजन नजर आ सकती है।
- गला: गले में कैंसर होने पर गुटकने में परेशानी महसूस हो सकती है।
- स्किन: गले में कैंसर होने पर कुछ लोगों के चेहरे के आसपास की स्किन कलर में फर्क नजर आता है, पर ये लक्षण बहुत कम लोगों में होता है।
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गले में कैंसर के कारण (Causes of throat cancer)
- अगर आप ज्यादा शराब पीते हैं तो गले में कैंसर हो सकता है।
- तंबाकू खाना या धूम्रपान करना गले में कैंसर का मुख्य कारण बनता है।
- प्रदूषित हवा में रहने से भी गले में कैंसर हो सकता है।
- गले के कैंसर से बचना चाहते हैं तो इन तीन चीजों से दूरी अवश्य बनाएं।
गले में कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (How throat cancer diagnosed and treated)
अगर किसी खास अंग में दर्द है तो सबसे पहले उसके स्पेशलिस्ट के पास जाएं अगर उस अंग से संबंधित समस्या है तो वहीं आपको इलाज मिल जाएगा अगर इलाज के बाद भी दर्द बना हुआ है तो डॉक्टर आपको ब्लड या यूरीन टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। इन टेस्ट के बाद एंडोस्कोपी की जाती है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन या एमआरआई भी किया जा सकता है। गले के कैंसर का इलाज दवा, कीमोथैरेपी आदि की मदद से किया जाता है।
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गले में कैंसर होने पर कान में दर्द क्यों होता है? (Connection between ear and throat cancer)
अगर आपको दो हफ्तों से ज्यादा काने में दर्द हो तो ईएनटी स्पेशलिस्ट को जरूर दिखाएं। कान या उसके आसपास के हिस्से में दर्द खाते समय भी महसूस हो सकता है। गले की एक नस मिडल ईयर से जुड़ी होती है इसलिए गले के दर्द को कभी-कभी कान का दर्द समझ लिया जाता है। गले में मौजूद कैंसर टोंसिल या जीभ के पीछे छुपा हो सकता है जिसको एक सामान्य रूटीन चेकअप में पकड़ पाना मुश्किल है इसके लिए डॉक्टर सीटी स्कैन या अन्य टेस्ट करते हैं। गले में कैंसर होने पर कान में घंटी की आवाज़ भी सुनाई दे सकती है। ये दर्द लगातार बना रह सकता है या फिर कभी आता-जाता दर्द भी लोगों को महसूस होता है।
अगर आप लक्षणों को जल्दी समझ लें और इलाज करवाएं तो कैंसर से कुछ हद तक जंग जीती जा सकती है, देरी होने पर इलाज उतना कारगर साबित नहीं होता।
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