तालमखाना और मिश्री खाने के फायदे: तालमखाना और मिश्री, दोनों ही ऐसे आयुर्वेदिक फूड हैं जो कि आपके पेट को ठंडा करने के साथ सेहत के लिए कई प्रकार से काम कर सकते हैं। दरअसल, बात अगर तालमखाना की करें तो एंटी इंफ्लेमेटरी है जो कि शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। तो मिश्री पेट को ठंडा करने वाली हैं और गर्मियों में पित्त की समस्या को कम कर सकती है। जानते हैं Dr. Mickey Mehta- Global Holistic Health Guru and Life Coach से इस बारे में विस्तार से।
गर्मियों में तालमखाना और मिश्री खाने के फायदे-Talmakhana mishri ke fayde
तालमखाना और मिश्री, आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों, दोनों में पूजनीय दो प्राचीन तत्व हैं। इन दोनों को लोग हेल्दी डाइट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। तालमखाना के बीज आर्द्रभूमि के पास उगाए जाने वाले जलीय पौधे के परिपक्व फलों की कटाई और सुखाने से उत्पन्न होते हैं। पारंपरिक रूप से, बीजों को रात भर भिगोया जाता है और ताकत और स्टैमिना बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टॉनिक, लड्डू और खीर में इस्तेमाल किया जाता है।
फर्टिलिटी बढ़ाने में मददगार है तालमखाना और मिश्री-Talmakhana mishri boosts fertility
एक्सपर्ट बताते हैं कि तालमखाना और मिश्री, दोनों का सेवन पुनर्योजी और कामोद्दीपक गुणों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे बल्या यानी शक्ति बढ़ाने वाला और वृष्य यानी प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले के रूप में जाना जाता है। यह ऊतकों को पोषण देता है, नसों को मजबूत करता है और जीवन शक्ति को बढ़ाता है।
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एल्कलॉइड, फ्लेवोनोइड और सैपोनिन से भरपूर, यह अपने सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और एडाप्टोजेनिक प्रभावों के लिए जाना जाता है। यह ऊर्जा, सहनशक्ति और ऊतक की मरम्मत प्रदान करता है, जिससे यह पुरानी थकान, जोड़ों के दर्द और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
मिश्री, सिर्फ मीठा करने वाली चीज नहीं है, बल्कि आयुर्वेद में इसके शीतलता, पाचन और स्फूर्तिदायक गुणों के लिए मूल्यवान है। चीनी, प्रोसेस्ड शुगर के रूप में जाना जाता है। जबकि मिश्री नेचुरल है और इसमें ट्रेस मिनरल्स बरकरार रहते हैं। यही पेट को ठंडा रखने और पीएच को बैलेंस करने में मददगार है। यह नेचुरल शुगर है इसलिए शरीर इसे किसी दुश्मन की तरह नहीं देखता और आराम से पचा लेता है। फिर इसके ट्रेस मिनरल्स शरीर को हेल्दी रखने का काम करते हैं।
लंबे समय तक जवां रखने में मददगार-Helps in keeping you young for a long time
तालमखाना और मिश्री, दोनों ही आपके शरीर की शक्ति बढ़ाने के साथ आपको जवां रखने में मदद करते हैं। ये आपके टिशूज और सेल्स को हेल्दी रखते हैं और उनके नेचुरल ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा इन दोनों का सेवन आपकी स्किन के लिए भी फायदेमंद है।
पित्त दोष कम करने में मददगार-Calms Pitta dosha
पित्त दोष कम करने में तालमखाना और मिश्री, दोनों का सेवन फायदेमंद है। पित्त, हमारे शरीर का अग्नि तत्व है जिसकी डाइजेशन में एक बड़ी भूमिका है। इन दोनों का सेवन आपके पेट की परतों को हेल्दी रखने और फिर पाचन क्रिया को तेज करने में मदद कर सकते हैं।
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ब्रेन और मसल्स को मिलती है इंस्टेंट एनर्जी-Instant energy to brain and muscles
मिश्री मस्तिष्क और मांसपेशियों को तुरंत ग्लूकोज प्रदान करती है और सही तरीके से उपयोग करने पर मानसिक स्पष्टता और शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ावा देती है। तालमखाना शरीर के ओजस जीवन शक्ति को पुनर्जीवित करता है, लचीलापन बढ़ाता है, जबकि मिश्री अग्नि यानी पाचन अग्नि को स्थिर करती है, चयापचय संतुलन में सुधार करती है। तो इन दोनों का सेवन तालमखाना जीवन शक्ति, तनाव, लचीलापन और प्रतिरक्षा समारोह को बढ़ाता है।
इसके अलावा इन दोनों का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है। इससे आप कई मौसमी बीमारियों से बचे रहते हैं और आपके शरीर के तमाम अंग हेल्दी तरीके से काम करते हैं। इसके अलावा इन दोनों का सेवन आपके आंतों की गति तेज करने और कब्ज की समस्या को दूर करने में मददगार है। साथ ही ये शरीर की गर्मी कम करने और स्किन पर दानों को कम करने में मददगार है।
FAQ
क्या तालमखाना टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है-Does talmakhana increase testosterone?
तालमखाना टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है। यह कामोद्दीपक गुणों के लिए जाना जाता है। इसके सेवन फर्टिलिटी बढ़ती है। इसलिए जो लोग अपनी फर्टिलिटी बढ़ाना चाहते हैं वह इसका सेवन कर सकते हैं। यह एक प्रकार टॉनिक है जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मददगार है।तालमखाना और मखाना में क्या अंतर है-What is the difference between Talmakhana and Makhana?
तालमखाना और मखाना दोनों में काफी अंतर है। तालमखाना, कमल के पेड़ से निकलने वाले छोटे-छोटे बीज हैं और मखाना कमल का फल है। मखाने को कमल के बीज जिसे कमलगट्टा भी कहते हैं उसे आग में पकाकर बनाया जाता है जबकि तालमखाना तिल के बीजों की तरह रहता है जिसे इक्ट्ठा करके तैयार किया जाता है।तालमखाना के बीजों का सेवन कैसे करें-How to consume talmakhana seeds?
तालमखाना के बीजों को आप कई प्रकार से खा सकते हैं। जैसे कि आप बीजों को भूनकर सलाद, सूप और स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं। तालमखाना पाउडर को गर्म पानी, दूध या शहद के साथ मिलाकर भी आप ले सकते हैं।