
डायबिटीज में एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर शुगर नहीं पचा पाता है। इस बीमारी में शरीर इंसुलिन प्रड्यूस नहीं कर पाता है और शुगर पचने की जगह खून में मिलने लगता है। इससे शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं। दरअसल, जब आपका शुगर बढ़ा रहता है तो डायबिटीज सही से मैनेज नहीं हो पाता है इसका असर आपके पाचन क्रिया, लिवर, किडनी, दिल और नसों पर होता है। शुगर का बढ़ना इन तमाम अंगों के काम काज को प्रभावित करता है और स्लो कर देता है लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान आपके पैंक्रियाज को हो सकता है। दरअसल, पैंक्रियाज इसुलिन प्रोडक्शन में अहम भूमिका निभाती है लेकिन तब क्या जब आपके पैंक्रियाज डैमेज हो जाएं? आइए जानते हैं Dr. Pooja Pillai, Consultant Physician and Diabetologist, Aster CMI Hospital, Bangalore से इस बारे में विस्तार से।
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डायबिटीज में खराब पैंक्रियाज के लक्षण-Symptoms of pancreas damage in diabetes
Dr. Pooja Pillai बताती हैं कि पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जब डायबिटीज में यह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो शरीर का शुगर संतुलन प्रभावित होता है। डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में, लगातार हाई ब्लड शुगर का स्तर धीरे-धीरे पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे पर्याप्त इंसुलिन बनाने की उसकी क्षमता कम हो जाती है। पैंक्रियाज की क्षति के शुरुआती लक्षणों में व्यक्ति इन तमाम समस्याओं को महसूस करता है जैसे कि
- -अकारण रहने वाली थकान या कमजोरी है, क्योंकि शरीर ऊर्जा के लिए शुगर का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है।
- - बार-बार प्यास लगना
- - पेशाब का अधिक आना
- -अचानक वजन कम होना शामिल हैं।
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पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं
डायबिटीज में पैंक्रियाज खराब होने पर पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कुछ लोगों को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है जो पीठ तक फैल जाता है, साथ ही मतली या उल्टी भी हो सकती है। अगर पैंक्रियाज गंभीर रूप से प्रभावित होता है, तो पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट फूलना, दस्त या तैलीय मल हो सकता है क्योंकि यह अंग भोजन को पचाने में भी मदद करता है।

बार-बार हाई और लो शुगर की समस्या
डायबिटीज में खराब पैंक्रियाज की वजह से ब्लड शुगर का स्तर बहुत अस्थिर हो जाता है, जिससे बार-बार हाई और लो शुगर स्तर की समस्याएं होती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज नियंत्रण में अचानक गिरावट या इंसुलिन की अधिक खुराक की जरूरत एक चेतावनी संकेत हो सकती है। कभी-कभी, पैंक्रियाज की क्षति से पीलिया या त्वचा और आंखों का पीलापन भी हो सकता है।
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इन लक्षणों के होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है क्योंकि शीघ्र निदान और उपचार से पैंक्रियाज या पैंक्रियाज फेलियर जैसी गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है। इसके अलावा ब्लड शुगर की नियमित निगरानी, स्वस्थ आहार का पालन, शराब से परहेज और दवाइयां न छोड़ना अग्न्याशय की सुरक्षा में मदद कर सकता है।
इन तमाम चीजों के अलावा अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको अपने शुगर लेवल को चेक करते रहना चाहिए और बढ़ते-घटते शुगर पर नजर रखना चाहिए। चाहे डाइट हो या एक्सरसाइज हर किसी का ध्यान रखते हुए इस बीमारी को कंट्रोल रखें ताकि अगर शरीर में कोई और भी दिक्कत हो तो ये दिक्कत न बढ़े। विश्व मधुमेह दिवस पर, विशेषज्ञ याद दिलाते हैं कि जागरूकता और समय पर चिकित्सा जांच डायबिटीज और अग्नाशय के स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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FAQ
डायबिटीज में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
डायबिटीज में सबसे ज्यादा फाइबर से भरपूर चीजों को सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आपको मोटे अनाज और सब्जियों का सेवन करना चाहिए जो कि शुगर पचाने के साथ डायबिटीज मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।डायबिटीज में कौन-कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?
डायबिटीज में आपको हाई शुगर और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों के सेवन से बचना चाहिए जो कि अक्सर शुगर स्पाइक का कारण बनते हैं और डायबिटीज की दिक्कत को बढ़ा देते हैं। जैसे कि आलू, सफेद ब्रेड और चावल आदि।शुगर पेशेंट को सुबह खाली पेट क्या खाना चाहिए?
शुगर के मरीजों को सुबह खाली पेट ड्राई फ्रूट्स, अंकुरित मेथी दाना और अलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आप नाश्ते में अंकुरित अनाज या ओट्स खा सकते हैं। यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने में कारगर तरीके से मददगार है। इसके अलावा कच्चा पनीर भी आप खा सकते हैं।
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Nov 12, 2025 15:03 IST
Published By : Pallavi Kumari