Symptoms Of Growth Hormone Deficiency In Children In Hindi: ग्रोथ हॉर्मोन (जीएच), जिसे सोमाटोट्रोपिन भी कहा जाता है, मस्तिष्क में पिट्यूटरी ग्लैंड से रिलीज होने वाला हॉर्मोन है। शरीर के विकास के लिए यह हॉर्मोन बहुत जरूरी है। इसकी मदद से बच्चे की लंबाई बढ़ती है, हड्डियां बढ़ती हैं और मांसपेशियों का भी बेहतर विकास होता है। ग्रोथ हॉर्मोन का सही होना बहुत जरूरी है। इसकी कमी की वजह से हाइट रुक सकती है, बच्चा कमजोर हो सकता है और उसके ओवर ऑल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है। पुणे स्थित अंकुरा अस्पताल के कंसलटेंट पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ.कोचुरानी अब्राहम से बातचीत पर आधारित।
ग्रोथ हार्मोन क्या करता है? - What Does Growth Hormone Do?
मेयो क्लिनिक के अनुसार, "ग्रोथ हार्मोन (जीएच) बच्चों में विकास को बढ़ावा देने के लिए शरीर के कई हिस्सों पर काम करता है। इसकी मदद से बच्चे का विकास होता है, मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती मिलती है। इसके अलावा, शरीर में फैट का डिस्ट्रीब्यूशन भी आवश्यकता अनुसार होता है। आपको बात दें कि एक बार एक बार जब हड्डियों (एपिफेसिस) में मौजूद ग्रोथ प्लेट्स जुड़ जाती हैं, जो इसके बाद बच्चे की लंबाई नहीं बढ़ती है। हालांकि, लंबाई बढ़ने के बाद भी ग्रोथ हॉर्मोन की भूमिका खत्म नहीं होती है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म सामान्य बनाए रखने में, बॉडी स्ट्रक्चर को मेंटेन करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य बनाए रखने में भी ग्रोथ हॉर्मोन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अगर किसी बच्चे के अंदर पर्याप्त ग्रोथ हॉर्मोन नहीं होते हैं, तो इससे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकात है। वहीं, वयस्कों में, यह विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बनता है, जिसमें शरीर में फैट का बढ़ना और ब्लड शुगर हाई होना शामिल है।"
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शिशुओं और बच्चे में ग्रोथ हॉर्मोन की कमी के लक्षण - Symptoms Of GH Deficiency In Children
शिशुओं और बच्चों में ग्रोथ हार्मोन की कमी (जीएचडी) के कारण खराब विकास होता है। आमतौर पर, बच्चों में जीएचडी का मुख्य लक्षण बच्चे के जन्म तीन साल बाद दिखाई देने लगता है, जैसे-
- दूसरे बच्चों की तुलना में हाइट का बढ़ना कम होना।
- अपनी उम्र के हिसाब से छोटे दिखना।
- खराब बाल और नाखून।
- देरी से दांत आना।
- प्यूबर्टी में करीब 3 से 7 साल की देरी होना।
- शिशुओं और बच्चों में ब्लड शुगर का स्तर (हाइपोग्लाइसीमिया) कम होना।
- नवजात शिशुओं में बहुत छोटा लिंग (माइक्रोपेनिस) होना।
ग्रोथ हॉर्मोन की कमी में बच्चे ज्यादातर हाईट न बढ़ने के कारण डॉक्टर के पास जाते हैं। शारीरिक लक्षणों, हड्डी का एक्स-रे और कुछ विशेष टेस्ट की मदद से ग्रोथ हॉर्मोन की कमी का पता लगाया जा सकता है। हालांकि, ग्रोथ हॉर्मोन को बढ़ाने का कोई नेचुरल तरीका नहीं है। इसके बाजवूद, अगर पहले से इस समस्या का पता लग जाए, तो जरूरी समाधान किए जा सकते हैं।
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