Symptoms Of Growth Hormone Deficiency in Adults in Hindi: जन्म के साथ ग्रोथ हार्मोन हमारे शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। ग्रोथ हार्मोन सिर्फ हमारे बचपन में ही हड्डियों और हाइट की ग्रोथ में मदद करता है, बल्कि बड़े होने के बाद भी ये हमारे शरीर के बेहतर रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। ग्रोथ हार्मोन बड़ों में ताकत, एनर्जी और सेहत को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है। ग्रोथ हार्मोन (Growth Hormone) पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है, जो शरीर के विकास, मेटाबोलिज्म, मांसपेशियों की ताकत, हड्डियों के घनत्व और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है। लेकिन, बड़ों में ग्रोथ हार्मोन की कमी (What are the signs of growth hormone deficiency) से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। ऐसे में आइए नोएडा के यथार्थ अस्पताल के एसोसिएट कंसल्टेंट - एंडोक्रिनोलॉजी डॉ. वर्षा काचरू से जानते हैं कि बड़ों में ग्रोथ हार्मोन कम होने के क्या लक्षण हैं? (symptoms of low growth hormone in elderly person)
बड़ों में ग्रोथ हार्मोन कम होने के लक्षण - Symptoms Of Low Growth Hormone in Adults in Hindi
1. थकावट - Fatigue
शरीर में ग्रोथ हार्मोन कम होने के कारण बड़ों को अक्सर लगातार थकान और एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है। रोजाना के नॉर्मल काम जैसे सीढ़ियां चढ़ना या रोजमर्रा के काम भी आपको काफी थका सकते हैं। कई बार ये थकान इतनी ज्यादा हो सकती है कि आपकी लाइफ क्वालिटी को भी प्रभावित कर सकती है। दरअसल, ग्रोथ हार्मोन शरीर के एनर्जी मेटाबोलिज्म को कंट्रोल करता है। इसलिए, जब आपके शरीर में ग्रोथ हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है तो शरीर में ग्लूकोज और फैट के मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे एनर्जी की आपूर्ति कम हो जाती है और थकावट बड़ जाती है।
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2. मांसपेशियों में कमजोरी - Reduced Muscle Mass
ग्रोथ हार्मोन की कमी से मांसपेशियों का साइज कम हो सकता है और ताकत में भी कमी आ सकती है। ऐसे में जिस व्यक्ति के शरीर में ग्रोथ हार्मोन का स्तर कम होता है, उसे रोजमर्रा के काम जैसे किसी चीज को उठाने, धकेलने या चलन में मुश्किल लग सकता है। उठाना, धकेलना या चलना भी मुश्किल लग सकता है। इसके साथ ही शरीर में चर्बी बढ़ जाती है, खासकर पेट के आसपास। दरअसल, ग्रोथ हार्मोन मांसपेशियों के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए, इसकी कमी से मांसपेशियों में प्रोटीन का प्रोडक्शन कम हो जाता है, जिससे मांसपेशियां प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा, हार्मोन की कमी से मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे शरीर में चर्बी बढ़ जाती है।
3. हड्डियों पर प्रभाव पड़ना - Poor Bone Health
शरीर में ग्रोथ हार्मोन की कमी से हड्डियों की घनत्व में कमी आ सकती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इससे हड्डियों के टूटने का जोखिम बढ़ जाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियां बढ़ा सकती है। इसके अलावा, हड्डियों में दर्द और फ्रैक्चर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। बता दें कि ग्रोथ हार्मोन हड्डियों के विकास और रखरखाव में अहम भूमिका निभाता है। यह हड्डियों में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स के अवशोषण को कंट्रोल करता है। इसलिए, जब ग्रोथ हार्मोन का लेवल कम होता है, तो हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और वे कमजोर होने लगती है, जिसके कारण फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है।
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निष्कर्ष
बड़ों के शरीर में ग्रोथ हार्मोन में कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती है। लेकिन, आप इसके लक्षणों को पहचान कर समय पर इसका इलाज कर सकते हैं। इसलिए, अगर आपको लगातार थकान महसूस हो, मांसपेशियों में कमजोरी हो या फिर हड्डियों में दर्द जैसी समस्याएं हो तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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