Effect of Progesterone Hormone Deficiency in Women in Hindi: प्रोजेस्टेरोन हार्मोन, महिलाओं और पुरुषों दोनों में होता है। यह महिलाओं की प्रेग्नेंसी, मासिक धर्म यानी पीरियड्स से जुड़ा होता है। साथ ही, पुरुषों में यह स्पर्म काउंट से जुड़ा हुआ होता है। अगर कोई महिला कंसीव करना चाहती है, तो उसके शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का पर्याप्त मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है। यानी गर्भावस्था के लिए महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की जरूरत होती है। लेकिन जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होता है, तो महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आइए, जानते हैं महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर क्या होता है?
महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर क्या होता है?
1. हॉट फ्लैशेस की समस्या
जब महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होता है, तो उन्हें हॉट फ्लैशेस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह से आपको छाती, गर्दन या चेहरे पर अचानक से गर्मी का अनुभव हो सकता है। हॉट फ्लैशेस की वजह से त्वचा लाल हो सकती है। दरअसल, जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कम होता है, तो फिर एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इसकी वजह से आपको हॉट फ्लैशेस की समस्या हो सकती है।
2. डिप्रेशन या चिंता
महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर आपको डिप्रेशन या चिंता हो सकती है। जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होता है, तो चिड़चिड़ापन या चिंता का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, प्रोजेस्टेरोन की कमी से अनिद्रा की समस्या भी हो सकता है। अगर आप अक्सर ही तनाव या चिंता में रहते हैं, तो आपको प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की जांच जरूर करवानी चाहिए।
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3. कंसीव न करन पाना
अगर महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी हो गई है, तो आपको कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है। प्रोजेस्टेरोन की कमी गर्भपात और बांझपन का कारण बन सकता है। यानी प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर आपको गर्भवती होने में दिक्कत हो सकती है। अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहते हैं, तो अपने शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर जरूर बनाए रखें।
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4. अनियमित मासिक धर्म
प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर आपको अनियमित पीरियड्स की समस्या हो सकती है। वैसे तो मासिक धर्म चक्र लगभग 28 दिनों का होता है। लेकिन कुछ लोगों को पीरियड्स कई दिनों बाद होता है। ऐसे में अक्सर लड़कियों को चिंता होने लगती है। यह प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने का संकेत हो सकता है।
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