Tests To Check Blood Sugar: डायबिटीज होने पर शरीर में ग्लूकोज को संभालने की क्षमता कम हो जाती है। इस वजह से रक्त में उच्च शर्करा के स्तर की मात्रा बढ़ जाती है। डायबिटीज के दो प्रकार हैं- टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 1 में शरीर की इंसुलिन उत्पादन की प्रक्रिया में कमी आ जाती है। टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन प्रतिरोध के रूप में शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। डायबिटीज की जांच के लिए कई प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं। इनमें पांच मुख्य टेस्ट हैं जिनके बारे में हम आपको आगे बताएंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट- Fasting Blood Sugar Test
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट को सुबह उठने के बाद किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पूरे दिन व्यक्ति को भूखा रहने की जरूरत न पड़े। इस जांच को करने के लिए 8 घंटे का गैप करने की आवश्यकता होती है। फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट की मदद से डॉक्टर खाली पेट में शर्करा के स्तर की जांच करते हैं। अगर टेस्ट के परिणाम में शर्करा की मात्रा अधिक होती है, तो डायबिटीज की संभावना हो सकती है और आपको अधिक जांच करानी पड़ सकती है।
2. रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट- Random Blood Glucose Test
शरीर में लो-ब्लड शुगर लेवल की जांच करने के लिए रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है। रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट, फास्टिंग से अलग होता है। इस जांच को दिन के किसी भी समय किया जा सकता है। ब्लड शुगर लेवल की निगरानी के लिए डॉक्टर इस टेस्ट को करने की सलाह देते हैं।
3. ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट- Oral Glucose Tolerance Test
ओरल ग्लूकोज टोलेरेंस टेस्ट की मदद से भी ब्लड शुगर लेवल चेक किया जाता है। इस टेस्ट को सुबह के समय खाली पेट किया जाता है। सबसे पहले नमूना खाली पेट लिया जाता है। दूसरी जांच से पहले ग्लूकोज ड्रिंक पीने के लिए दी जाती है। इसके बाद 2 घंटे के भीतर रक्त के नमूने लिए जाते हैं। यह टेस्ट डायबिटीज टाइप 2 की पहचान करने के लिए जरूरी माना जाता है। यह टेस्ट डायबिटीज से पहले की स्थिति को भी माप सकता है जिसे प्री-डायबिटिक स्टेज कहा जाता है। अगर आपके रक्त में शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक होती है, लेकिन डायबिटीज के कैटेगरी में नहीं आते हैं, तो वह स्टेज प्री-डायबिटिक कहलाती है।
4. एचबीए1सी टेस्ट- HbA1c Test
एचबीए1सी टेस्ट को ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन टेस्ट भी कहते हैं। इस टेस्ट में रक्त में शुगर के स्तर को पिछले 2-3 महीनों के सैंपल के साथ मिलान किया जाता है। यह टेस्ट डायबिटीज के प्रबंधन की गुणवत्ता को जानने में मदद करता है। इस टेस्ट को करने के लिए रक्त का एक नमूना लिया जाता है। नमूना को जांच लैब में होती है। यह टेस्ट हेमोग्लोबिन के साथ शर्करा के बंधन की मात्रा को मापता है और इस आधार पर परिणाम दिया जाता है।
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5. यूरिन ग्लूकोज टेस्ट- Urine Tests for Diabetes
यूरिन ग्लूकोज टेस्ट की मदद से यूरिन में ग्लूकोज की मात्रा को मापा जाता है। यह टेस्ट डायबिटीज के लक्षणों (Diabetes Symptoms in Hindi) की पहचान करने में मदद कर सकता है। इस टेस्ट को करने के लिए यूरिन का सैंपल लिया जाता है। यह सैंपल सुबह के पहले यूरिन से लिया जाता है क्योंकि उसमें शर्करा की मात्रा ज्यादा होती है। यूरिन में शर्करा की मात्रा बढ़ी हुई है, तो व्यक्ति को डायबिटीज की संभावना हो सकती है। हालांकि यूरिन ग्लूकोज टेस्ट केवल पहला स्तर है। इस टेस्ट में संकेत मिलने पर डॉक्टर फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
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