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प्रेग्नेंसी के दौरान सूरजमुखी के बीज खाना क्यों है फायदेमंद? एक्सपर्ट से जानें

सूरजमुखी के बीजों का सेवन, सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है, लेकिन आज हम एक्सपर्ट से जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में इन बीजों को खाना कैसे मददगार हो सकता है। 
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प्रेग्नेंसी के दौरान सूरजमुखी के बीज खाना क्यों है फायदेमंद? एक्सपर्ट से जानें


प्रेग्नेंसी, एक महिला की जिंदगी का ऐसा फेज होता है जिसमें शरीर में तरह-तरह के बदलाव आते हैं। हर महिला के लिए प्रेग्नेंसी का अनुभव अलग होता है। इस दौरान हार्मोनल असंतुलन के साथ शरीर की भूख और क्रेविंग भी बदलती जाती है। ऐसे में डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना कई सारी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है जैसे कि सूरजमुखी के बीज। दरअसल, सूरजमुखी के बीजों में कुछ जरूरी पोषक तत्व होते हैं जैसे फोलेट, विटामिन ई, मैग्नीशियम और हेल्दी फैट। सबसे खास बात ये है कि गर्भावस्था के शुरुआती दौर में ये सभी विशेष रूप से जरूरी होते हैं क्योंकि यह विकसित हो रहे शिशु में न्यूरल ट्यूब दोषों को रोकने में मदद करते हैं। इसके अलावा भी प्रेग्नेंसी में सूरजमुखी के बीजों के कई फायदे हैं। जानते हैं इस बारे में Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।

गर्भावस्था के दौरान सूरजमुखी के बीज खाने के क्या फायदे हैं?

Dr. N Sapna Lulla बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान सूरजमुखी के बीज खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं क्योंकि ये महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये फोलेट का एक अच्छा स्रोत हैं, जो शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के स्वस्थ विकास में मदद करता है। इसके अलावा भी सूरजमुखी के बीजों के कई फायदे हैं। जैसे

कोशिकाओं की क्षति को कम करने में मददगार

सूरजमुखी के बीज विटामिन ई भी प्रदान करते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य का समर्थन करता है और कोशिकाओं को क्षति से बचाता है। इससे बच्चे की स्किन के साथ मां की स्किन की बनवाट भी बेहतर होती है और प्रेग्नेंसी में होने वाली स्किन से जुड़ी समस्याओं में कमी आती है।

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थकान दूर करने में मददगार

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है और हर महीने के साथ ये थकान बढ़ती जाती है। ये बीज आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, जो थकान को दूर रखने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। सूरजमुखी के बीजों में मौजूद हेल्दी फैट और प्रोटीन ऊर्जा प्रदान करते हैं और मां और शिशु दोनों को हेल्दी रखते हैं।

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जिंक से भरपूर

प्रेग्नेंसी के दौरान सूरजमुखी के बीजों का सेवन शरीर में जिंक बढ़ाने का काम कर सकता है। जिंक, प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है। NIH के अनुसार गर्भावस्था के दौरान, भ्रूण की कोशिका वृद्धि, मस्तिष्क विकास और अंग निर्माण के लिए जिंक बेहद जरूरी है। साथ ही यह मां की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार है। ये समय से पहले जन्म जैसी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मददगार है।

फोलेट से भरपूर

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान सूरजमुखी के बीजों का सेवन फोलेट का एक समृद्ध स्रोत प्रदान करता है, जो एक बी विटामिन है और तंत्रिका नलिका दोषों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दूसरी तिमाही के दौरान, शिशु की नसें, जो अंततः मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी बन जाती हैं, तेजी से बढ़ती हैं। इसलिए आपको नेचुरल तरीके से शरीर में फोलेट बढ़ाने के लिए इन बीजों का सेवन करना चाहिए।

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इन कारणों से भी खाएं सूरजमुखी के बीज

सूरजमुखी के बीजों में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं जो कि शरीर के लिए बेहद हेल्दी फैट में से एक हैं और बच्चे के ब्रेन को बनाने और इसकी ग्रोथ में मदद कर सकता बै। इसके अलावा इसमें आयरन होता है जो कि प्रेग्नेंसी में खून की कमी से बचाता है। साथ ही सूरजमुखी के बीजों का फाइबर मां और बच्चे, दोनों के पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही इन बीजों का सेवन प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

इन्हें नाश्ते के रूप में या सलाद में थोड़ी मात्रा में खाना सुरक्षित है, लेकिन बहुत अधिक नमक या भुने हुए बीजों से बचना चाहिए। आप इस स्मूदी और फिर सलाद में मिलाकर ले सकते हैं। बस एक साथ ज्यादा मात्रा में इसे लेने से बचें।

FAQ

  • गर्भवती महिला को कितने समय तक लेटना चाहिए?

    गर्भवती महिला को दिन में 6 से 7 घंटे की नींद चाहिए होती है। इसके अतिरिक्त 3 घंटे का आराम जो काम के बीच-बीच में जरूरी है। इससे मां ही नहीं बच्चे की सेहत भी बेहतर होती है।
  • गर्भ में बच्चा कैसे कमजोर हो सकता है?

    गर्भ में बच्चा कमजोर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसमें पोषण की कमी से लेकर क्रोमोसोमल समस्या, मां की बीमारियां, डायबिटीज और हाई बीपी जैसी समस्या भी बच्चे को कमजोर कर सकती है।
  • क्या ज्यादा लेटने से प्रेगनेंसी प्रभावित हो सकती है?

    अगर आप लंबे समय तक सोई रहती हैं या ज्यादा आराम करती हैं तो प्रीक्लेम्पसिया का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है और उसकी सेहत पर भी गहरा असर पड़ सकता है।

 

 

 

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