Tea Brewing Help Filter Out Heavy Metals from Water : मौसम चाहे सर्दियों का हो या गर्मियों का चाय के शौकीन हर मौसम में इस ड्रिंक का सेवन करते हैं। उनके दिन का आगाज बिना चाय पिए नहीं होता है। अगर इन लोगों की सुबह की चाय मिस हो जाती है, तो दिनभर लोगों के सिर में दर्द रहता है। कुल मिलाकर, चाय के बिना जिंदगी अधूरी सी लगती है। अगर आपको भी चाय पीने की आदत है, तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए है। जैसा हम सभी जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती है। ऐसे में अगर आप रोजाना 5 से 6 कप चाय पीना पसंद करते हैं, तो इससे सेहत को नुकसान होता है। हालांकि, अगर आप रोजाना सीमित मात्रा में चाय का सेवन करते हैं, तो शरीर को फायदे भी हो सकते हैं। इन फायदों में से एक पाने में मौजूद अशुद्धियों को छानकर बाहर निकालना है। आइए जानते हैं कि इस बारे में स्टडी में क्या कहा गया है और न्यूट्रिशनिस्ट की राय क्या है। बता दें कि चाय पत्ती पानी की अशुद्धियों को छानती है या नहीं, इस बारे में जानकारी हमें डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी (Nutritionist & Dietician Divya Gandhi) ने दी है।
स्टडी में बताए चाय पत्ती के ये फायदे- Benefits of Tea Leaves According to Study
- पानी से लेड की मात्रा होती है कम
बता दें कि नॉर्थवेस्टर्न शोधकर्ताओं के मुताबिक, चाय बनाने की प्रक्रिया में पीने के पानी से लगभग 15% लेड को कम किया जा सकता है। बता दें कि शोधकर्ताओं ने इसका अनुमान एक “सामान्य” कप चाय के आधार पर लगाया है। इस स्टडी के लिए एक मग पानी और एक टी बैग को तीन से पांच मिनट के लिए पानी में रखने के बाद निकाला गया।
- पानी की अशुद्धियों को निकाला जा सकता है
बता दें कि चाय पत्ती को जितनी देर उबाला जाता है, यह पानी से उतनी ही अशुद्धियों को बाहर निकालने का काम करती है। चाय पत्ती के लंबे समय तक पानी में रहने से पानी में मौजूद हैवी मेटल्स को छानकर निकाला जा सकता है। हालांकि, स्टडी के दौरान कुछ चाय के सैम्पल्स को 24 घंटे तक उबाला गया, जिससे वे चाय के रूप में पीने योग्य नहीं रह गए थे।
एक्सपर्ट की राय क्या है?- What is the Expert's Opinion
न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी के मुताबिक, चाय बनाने से वास्तव में कई लाभ हो सकते हैं, जिसमें भारी धातुओं को छानने में मदद करना भी शामिल है। आइए जानते हैं, ये कैसे हो सकता है :
- हैवी मेटल को अब्सॉर्ब करना
चाय पत्ती पानी में मौजूद सीसा, पारा और आर्सेनिक जैसे हैवी मेटल्स को अब्सॉर्ब कर सकती है। ऐसे में जब आप चाय बनाते हैं, तो हैवी मेटल्स चाय की पत्तियों में ही रह जाते हैं, बजाय इसके कि वे चाय में निकल जाएं। इसके बाद आप जब चाय पत्ती को छानते हैं, तो ये मेटल्स बाहर निकल जाते हैं।
- चाय नेचुरल फिल्टर की तरह करती है काम
चाय बनाने की प्रक्रिया में चाय की पत्तियों को गर्म पानी में भिगोना शामिल है, जिससे एंटी-ऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड जैसे लाभकारी यौगिक चाय में मिल जाते हैं। साथ ही, चाय की पत्तियां एक नेचुरल फिल्टर की तरह काम करती हैं, जो हैवी मेटल्स और अन्य अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद कर सकती है।
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किन प्रभावी चाय का सेवन कर सकते हैं?- Which Effective Teas Can You Consume
न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या के मुताबिक, कुछ चाय दूसरों की तुलना में भारी धातुओं को छानने में ज्यादा प्रभावी होती है। उदाहरण के लिए:
- हरी चाय (Green Tea) : ग्रीन टी को लेड और पारा जैसी भारी धातुओं को अब्सॉर्ब करने के लिए ज्यादा बेटर ऑप्शन माना जाता है।
- काली चाय (Black Tea) : ब्लैक टी में भी हैवी मेटल्स को अब्सॉर्ब करने की क्षमता ज्यादा पाई जाती है।
- हर्बल चाय (Herbal Tea) : पुदीना और कैमोमाइल जैसी कुछ हर्बल चाय फिल्टरिंग में फायदेमंद साबित होती हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि करने के लिए अभी शोध की आवश्यकता है।
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चाय की पत्तियों की क्वालिटी और जिस मिट्टी में वे उगाई जाती हैं, इस पर निर्भर करता है कि हैवी मेटल्स कितने ज्यादा अब्सॉर्ब हो सकते हैं। साथ ही, आपको चाय बनाने के तरीके पर भी ध्यान देना चाहिए। कुल मिलाकर, चाय बनाना हैवी मेटल्स के संपर्क को कम करने का एक अच्छा तरीका है। ऐसे में आपको हाई क्वालिटी वाली चाय पत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए।