
Singhparni jadd ki chai: यूटीआई (UTI) की समस्या जिन लोगों को होती है कई बार ये दिक्कत रह-रहकर बार बार परेशान करनी लगती है। ऐसी स्थिति में पानी पीने के अलावा ये समझ नहीं आता कि क्या करें। दवाओं का सेवन कई बार भारी लगता है और परेशान करने वाला भी होता है। ऐसी स्थिति में सिंहपर्णी की चाय पीना फायदेमंद हो सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये क्या है? दरअसल, सिंहपर्णी एक पौधा है जिसके फूल और जड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। माना जाता है कि इसमें कुछ खास औषधीय गुण होते हैं जो कि यूटीआई की समस्या में भी फायदेमंद है। इसके अलावा ये ब्लैडर को डिटॉक्स करने के साथ बैक्टीरियल ग्रोथ को भी कम करने में मददगार है। तो आइए जानते हैं डॉ. दीपक जोशी, आयुर्वेद एक्सपर्ट - प्रवेक कल्प से कि यूटीआई में सिंहपर्णी कैसे फायदेमंद है?
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यूटीआई में कैसे फायदेमंद है सिंहपर्णी जड़ की चाय?
डॉ. दीपक जोशी बताते हैं कि सिंहपर्णी (Dandelion) जड़ की चाय एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक (Diuretic) मानी जाती है, जो शरीर से अतिरिक्त पानी व विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। सिंहपर्णी की जड़ मूत्रवह स्रोतस को साफ करने, सूजन कम करने और किडनी के काम को हल्का करने में सहायक होती है। इसके अलावा ये यूटीआई के लक्षणों को भी कम करने में मददगार है। जैसे कि
पेशाब की जलन को कम करने में मददगार
डॉ. दीपक जोशी बताते हैं कि यूटीआई यानी मूत्र संक्रमण में जब बार-बार और जलन के साथ पेशाब होता है तब शरीर को ऐसे प्राकृतिक पेय की जरूरत होती है जो बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग से बाहर निकालने में मदद करे। सिंहपर्णी जड़ की चाय पेशाब की मात्रा बढ़ाकर संक्रमण पैदा करने वाले जीवाणुओं को फ्लश आउट करने में सहयोग करती है। इससे जलन में कमी आती है और मरीज बेहतर महसूस करते हैं।
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ब्लैडर में सूजन कम करने वाला
NIH के इस शोध में बताया गया है कि सिंहपर्णी की चाय एंडीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर है जो कि ब्लैडर की सूजन को कम करने के साथ आपको बेहतर महसूस करवा सकता है। दरअसल, जब यूटीआई होता है तो पूरे मूत्र मार्ग में सूजन की वजह से दर्द महसूस होता है और कई बार ये लंबे समय तक परेशान करने वाला होता है। ऐसी स्थिति में सिंहपर्णी की चाय पीना सूजन कम करने के साथ ब्लैडर के दर्द से बचा सकता है।

मूत्रवर्धक है सिंहपर्णी जड़ की चाय
सिंहपर्णी जड़ की चाय मूत्रवर्धक यानी ड्यूरेटिक गुणों से भरपूर है जो कि ब्लैडर डिटॉक्स को बढ़ावा देने के साथ इसे फ्लश ऑउट करने में मदद करती है। इसके अलावा इस चाय को पीने के पेशाब खुलकर होने लगती है और मरीज राहत महसूस करता है। इस तरह ये सिंहपर्णी जड़ की चाय यूटीआई की समस्या से आपको बचा सकता है।
सिंहपर्णी चाय कैसे बनाते हैं?
सिंहपर्णी चाय बनाने के लिए उबलते पानी में 1 चम्मच सूखी डेंडिलियन जड़ डालें और अच्छी तरह से उबाल लें। आंच धीमी कर दें और स्वाद तथा लाभकारी यौगिक निकालने के लिए इसे 15 मिनट तक उबलने दें। चाय को कप में छान लें और सिंहपर्णी की जड़ निकाल दें। प्रतिदिन 1–2 कप पर्याप्त होता है। सही मात्रा में इसका सेवन संक्रमण से राहत, पेशाब बढ़ाने और किडनी की सफाई में प्राकृतिक सहायता प्रदान करता है।
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अंत में डॉ. जोशी कहते हैं कि सिंहपर्णी जड़ में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मूत्रमार्ग की सूजन और जलन को भी कम करते हैं। हालांकि, यह किसी भी तरह एंटीबायोटिक का विकल्प नहीं है। अगर तेज बुखार, खून के साथ पेशाब या तेज दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। सामान्य यूटीआई या शुरुआती लक्षणों में यह चाय सहायक रूप से ली जा सकती है। गर्भवती महिलाएं, किडनी की गंभीर बीमारी वाले लोग या जो डाइयूरेटिक दवाएं ले रहे हैं, वे इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न पिएं।
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FAQ
अगर आप रोजाना सिंहपर्णी की चाय पीते हैं तो आपके शरीर का क्या होता है?
सिंहपर्णी की चाय पीते हैं तो इससे बीपी मैनेज करने में मदद मिलती है। इसके अलावा ये पाचन क्रिया को तेज करने के साथ मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने में मददगार है जिससे वेट लॉस में मदद मिल सकती है।यूटीआई में नारियल पानी पीने के फायदे
नारियल पानी, ब्लैडर को डिटॉक्स करने के साथ बैक्टीरिया को फ्लश ऑउट करने में मददगार है। ये मूत्रवर्धक है जो कि ब्लैडर को फ्लश ऑउट करने के साथ आपको बेहतर महसूस करवाता है।खाली पेट कौन सी चाय पी सकते हैं?
खाली पेट आप काली चाय, नींबू की चाय और कैमोमाइल टी पी सकते हैं जो कि बॉडी डिटॉक्स में मददगार है। साथ ही आप कुछ हर्बल टी भी इस स्थिति में पी सकते हैं।
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Nov 26, 2025 16:53 IST
Modified By : Pallavi KumariNov 26, 2025 16:53 IST
Published By : Pallavi Kumari