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शरीर में टॉक्सिन बढ़ने के संकेत क्या हैं? डॉक्टर से जानें

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खान-पान और प्रदूषण के कारण शरीर में टॉक्सिन्स (विषाक्त पदार्थ) जमा होने लगते हैं। यहां जानिए, टॉक्सिन बढ़ने के क्या लक्षण हैं?
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शरीर में टॉक्सिन बढ़ने के संकेत क्या हैं? डॉक्टर से जानें


शरीर में किसी भी प्रकार के विषाक्त पदार्थों (toxins) का संचय होने से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जब शरीर इन टॉक्सिन्स को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता, तो धीरे-धीरे कई स्वास्थ्य समस्याएं उभरने लगती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में विषाक्त पदार्थों का बढ़ना पाचन तंत्र को कमजोर करने के साथ-साथ त्वचा, मानसिक स्वास्थ्य और एनर्जी लेवल पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, टॉक्सिन बढ़ने के क्या लक्षण हैं?

शरीर में टॉक्सिन बढ़ने के संकेत क्या हैं? - Signs Of Toxin Buildup In The Body

1. जीभ पर सफेद परत

जीभ पर सफेद परत का होना शरीर में विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन के संचय का प्रमुख संकेत हो सकता है। यह स्थिति अक्सर पाचन तंत्र में असंतुलन, पित्त विकार और अपच का परिणाम होती है। जब शरीर के पाचन अंग सही से काम नहीं करते, तो शरीर से बाहर निकलने वाले अवशेष शरीर में जमा होने लगते हैं और यह जीभ पर सफेद परत के रूप में दिखते हैं।

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साफ और हेल्दी जीभ, पाचन तंत्र के ठीक होने का संकेत है। यदि आपके मुंह में या जीभ पर सफेद परत है, तो यह पाचन क्रिया में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। इसके लिए उचित डिटॉक्स उपाय जैसे कि हल्का आहार, सही मात्रा में पानी का सेवन और आयुर्वेदिक हर्ब्स का उपयोग लाभकारी हो सकता है।

2. शरीर में भारीपन और भूख में कमी

अगर आप शरीर में भारीपन महसूस कर रहे हैं और आपकी भूख में कमी आ रही है, तो यह भी विषाक्त पदार्थों के संचय का संकेत हो सकता है। शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करते हैं और शरीर के सामान्य कार्यों में रुकावट डालते हैं, जिससे आपको सामान्य से अधिक थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है। टॉक्सिन के कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे भूख कम हो जाती है। इससे शरीर के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Signs Of Toxin Buildup

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इस समस्या से निपटने के लिए, आयुर्वेद में विशेष रूप से कफ और पित्त संतुलन की सलाह दी जाती है। हल्का और ताजगी से भरपूर आहार, जैसे कि ताजे फल और हरी सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है।

3. मानसिक स्पष्टता की कमी

शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय मानसिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है। यदि आप अक्सर मानसिक स्पष्टता की कमी महसूस करते हैं, ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते या थकान महसूस करते हैं, तो यह भी विषाक्त पदार्थों के संचय का एक संकेत हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में विषाक्त पदार्थ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जिससे मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है।

विषाक्त पदार्थ मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकते हैं और इसे सुस्त बना सकते हैं। मानसिक स्पष्टता की कमी से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक उपायों जैसे कि शहद और ब्राह्मी का सेवन किया जा सकता है। इन हर्ब्स का उपयोग मानसिक शक्ति को बढ़ावा देने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है।

4. कब्ज और दस्त के साथ अपच

जब शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, तो यह आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको कब्ज, दस्त या अपच जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव पेट और आंतों में असंतुलन उत्पन्न करता है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और वह ठीक से काम नहीं करता।

यदि अपच, कब्ज या दस्त की समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने का एक संकेत हो सकता है। इसके लिए सही आहार, हर्बल चाय और आयुर्वेदिक उपचार जैसे त्रिफला का सेवन किया जा सकता है, जो पाचन क्रिया को सुधारने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

निष्कर्ष

शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आपको उपरोक्त संकेतों में से कोई भी समस्या हो, तो यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने का संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करने की जरूरत हो सकती है।

All Images Credit- Freepik

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