How Toxins Enter In The Body In Hindi: आजकल हम देखते हैं कि लोग आए दिन शरीर को डिटॉक्स करने के लिए कोई न कोई नया नुस्खा ढूंढने में लगे रहते हैं। इन दिनों कई हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स भी सोशल मीडिया पर शरीर को डिटॉक्स करने के लिए तरह-तरह के ड्रिंक और नुस्खे शेयर करते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि क्या वाकई आपको शरीर को डिटॉक्स करने की जरूरत है भी या नहीं? ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि हम जो उल्टा-सीधा खाते हैं, उससे ही हमारे शरीर में गंदगी जमा होती है और टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ती है, जबकि ऐसा नहीं है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हमारे शरीर में टॉक्सिन्स कई तरह से प्रवेश करते हैं। इनमें से ज्यादातर तरीकों में हमारी दैनिक जीवनशैली या रोजमर्रा की कुछ ऐसी आदतें भी शामिल हैं, जो हमें देखने में तो नॉर्मल लगती हैं, लेकिन वास्तव में हमारे शरीर में टॉक्सिन जमा करने में योगदान देती हैं। बहुत से लोग अक्सर यह सवाल भी पूछते हैं कि आखिर हमारे शरीर में टॉक्सिन्स प्रवेश कैसे कर सकते हैं? लगभग 40 वर्ष से न्यूट्रिशन और डाइट के क्षेत्र में कार्यरत न्यूट्रिशनिस्ट अंजली मुखर्जी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बताया है। जानें किन-किन तरीकों से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं टॉक्सिन...
शरीर के भीतर टॉक्सिन कैसे प्रवेश करते हैं- How Toxins Enter In The Body In Hindi
न्यूट्रिशनिस्ट अंजली मुखर्जी के अनुसार, टॉक्सिन्स विभिन्न माध्यमों से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जैसे कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं, जो भोजन हम खाते हैं और जो स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हम उपयोग करते हैं। हालांकि, टॉक्सिन्स का निर्माण शरीर में रातों रात नहीं होता है, यह एक ऐसा निर्माण है जो समय के साथ होता है। लेकिन इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। श्वसन संबंधी समस्याएं, एलर्जी से लेकर हार्मोनल असंतुलन और यहां तक कि क्रोनिक बीमारियों तक, टॉक्सिन्स के कारण हो सकती हैं। हालांकि कि स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करके शरीर में टॉक्सिन्स के प्रवेश को रोका जा सकता है।
- जो भोजन हम खाते हैं, वह रंग, प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल स्वाद से भरपूर और बासी होता है। इनमें फैट, ट्रांस फैट, कीटनाशक, हार्मोन, एंटीबायोटिक्स और भी कई अन्य चीजें शामिल हैं।
- हम जो उत्पाद लगाते हैं, जैसे साबुन, शैम्पू, त्वचा देखभाल उत्पाद, उनमें बहुत सारे केमिकल होते हैं, जो हमारी त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाते हैं।
शरीर में टॉक्सिन की अधिकता से सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं?
सभी टॉक्सिन सिर्फ एक दिन में ही हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह वर्षों का गलत खान-पान, ओवरईटिंग है जिसके कारण ये सभी टॉक्सिन हमारे शरीर में जमा हो जाते हैं। अब, एक बार जब वे जमा हो जाते हैं, तो शरीर अपने हिस्से से अधिक टॉक्सिन को निकालने की क्षमता खो देता है।
इससे हमारे शरीर की कार्यप्रणाली बाधित होती है। हमें बहुत कम उम्र में ही मेटाबॉलिक सिंड्रोम, इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी बीमारी होने लगती है। जब कोई व्यक्ति मध्यम आयु का होता है, मान लीजिए 30 या 35, तो हम टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, हाई बीपी के मामले काफी देखने को मिलते हैं। बहुत से युवाओं को वयस्कों की बीमारियां हो रही हैं। यहां तक कि ऑटोइम्यून बीमारियां भी बढ़ रही हैं।
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इसलिए आपको सही खान-पान की आवश्यकता है, और यदि आप 21वीं सदी में जीवित रहना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से वर्ष में कम से कम दो बार शरीर को डिटॉक्स जरूर करना चाहिए।
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