Signs Of Loneliness In Elderly In Hindi: न्यूक्लियर फैमिली के कल्चर ने बुजुर्गों की स्थिति को बहुत ज्यादा खराब कर दिया है। एक समय हुआ करता था, जब बुजुर्गों के हाथों की घर की बागडोर होती थी। घर के सभी अहम फैसले वही लेते थे। लेकिन, जैसे-जैसे न्यूक्लियर फैमिली के ट्रेंड को अपनाया गया है, घर के बुजुर्गों की अनदेखी होने लगी है। उन्हें घर के कामकाज से दूर रखा जाने लगा है। इस तरह का व्यवहार करने की वजह से घर के बुजुर्ग खुद को कटा-कटा महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि घर के लोग उनकी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा होने पर वे खुद अक्सर उदासीनता से घिर जाते हैं। हालांकि, वे कुछ बोलते नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि घर के अन्य सदस्य उनकी स्थिति को समझें और उनके अकेलेपन को दूर करने की कोशिश करें। सवाल है, ऐसा आप कैसे कर सकते हैं? यह बहुत आसान है। कुछ संकेतों को नोटिस करके जान सकते हैं कि घर के बुजुर्ग अकेलेपन से जूझ रहे हैं। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।
नींद न आना- Lack Of Sleep
अगर आप नोटिस कर रहे हैं कि घर के बुजुर्ग को सही तरह से नींद नहीं आ रही है, वह कई रातें बिना सोए बिता रहे हैं, तो समझ जाएं यह सही संकेत नहीं है। अक्सर बुजुर्ग परेशानी या टेंशन की वजह से नींद नहीं ले पाते हैं। जब उन्हें लगता है कि घर का इंपॉर्टेंट हिस्सा नहीं रह गए हैं, तो ऐसे में वे खुद को दूसरों से अलग-थलग कर लेते हैं। इस सिचुएशन में वे अक्सर रातें जागर गुजारते हैं।
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भूख की कमी- Lack Of Appetite
अगर आपके घर के बुजुर्गों की अचानक से भूख कम हो गई है, तो समझने में देरी न करें, उनकी मानसिक स्थिति नहीं है। हालांकि, कई तबियत सही नहीं होने की वजह से भी भूख कम हो जाती है। लेकिन, अकेलेपन से जूझ रहे बुजुर्गों में भी इस तरह की परेशानी नजर आ सकती है। इस स्थिति में घर के अन्य सदस्यां को चाहिए कि वे बुजुर्गों का ध्यान रखें और उन्हें अकेला न होने दें।
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घर में डिस्कशन में हिस्सा न लेना- No Participation In Family Discussion
कुछ समय पहले तक जो बुजुर्ग व्यक्ति घर के हर डिस्कशन में अपनी राय रखता था, वह अब बिल्कुल नहीं बोलता है। यह स्थिति भी इस बात की ओर संकेत करती है कि वह खुद को अकेला महसूस करता है। घर के मसलों में बोलने की अब उस व्यक्ति की कोई रुचि नहीं रह गई है। इस तरह की सिचुएशन से बुजुर्ग व्यक्ति को निकालना जरूरी है। ऐसा न किया जाए, तो वह अकेलेपन से ग्रस्त होकर बीमार हो सकता है।
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एक ही जगह बैठे रहना- Not Interested in Doing Anything
एक्सपर्ट्स की मानें, तो अक्सर जो व्यक्ति डिप्रेशन या स्ट्रेस से गुजरता है, उसे कुछ भी करने का मन नहीं करता है। वह न तो दूसरों के साथ दिल खोलकर बातें करता है और न ही कुछ मन का करने में इंट्रेस्ट दिखाता है। यहां तक कि डिप्रेस्ड लोग एक ही जगह पर बैठे-बैठे पूरा दिन बिता देते हैं। इसी तरह, जो बुजुर्ग अकेलेपन से जूझ रहा है, उसके साथ भी इस तरह की समस्या आ सकती है।
खोए हुए साथी को याद करना- Remembering A Lost Friend
अगर आपके घर के बुजुर्ग अचानक से उन लोगों को ज्यादा याद कर रहे हैं, जो उनसे बिछड़ चुके हैं, तो यह भी सही संकेत नहीं है। आपको समझना चाहिए कि व्यक्ति अपने बिछड़े दोस्तों को क्यों याद कर रहा है? इसकी वजह है कि वह अपना सुख-दुख किसी के साथ शेयर नहीं कर पा रहा है। इसलिए उसे अपने पुराने खोए हुए दोस्त याद आ रहे हैं।
आप क्या करें- How To Help Elderly People
अगर आपके घर में ऐसे बुजुर्ग हैं, जो अकेलेपन से ग्रस्त हैं, तो आप उनकी मदद करने की हर संभव कोशिश करें। ऐसा करने के लिए आप निम्न उपाय आजमाएं-
- समय-समय पर उनसे बातचीत करें।
- उन्हें कहीं घुमाने ले जाएं।
- घर के बच्चों को उनके साथ वक्त बिताने दें।
- उन्हें घर के छोटे-बड़े फैसलों में शामिल करें।
- उनकी डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें।
- उन्हें रेगुलर एक्सरसाइज करने की सलाह दें।
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