Doctor Verified

गर्भपात के बाद हार्मोनल इंबैलेंस के कारण हो सकता है डिप्रेशन और हेयर फॉल, जानें इसके अन्य लक्षणों के बारे में

Signs Of Hormone Imbalance After Miscarriage In Hindi: गर्भपात के बाद हार्मोनल इंबैलेंस होने की वजह से हेयर फॉल, अनियमित पीरियड्स जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
गर्भपात के बाद हार्मोनल इंबैलेंस के कारण हो सकता है डिप्रेशन और हेयर फॉल, जानें इसके अन्य लक्षणों के बारे में


Signs Of Hormone Imbalance After Miscarriage In Hindi: गर्भपात अपने आप में बहुत बुरी दुर्घटना है। इसकी वजह से महिलाएं मानसिक-शारीरिक रूप से परेशान हो जाती हैं। किसी भी महिला के लिए यह स्थिति झेलना आसान नहीं होता है। लेकिन, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि गर्भपात के बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर, इन दिनों उन्हें काफी ज्यादा हार्मोनल इंबैलेंस की परेशानी होता है। अगर वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखें, तो उनके लिए दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि किन लक्षणों की मदद से यह जाना जा सकता है कि आपके शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो रहे हैं। इन्हें जानकर आप अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में जरूर सुधार कर सकती हैं। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।

गर्भपात के बाद हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण- Hormonal Imbalance After Miscarriage Symptoms In Hindi

अनियमित पीरियड्स

वैसे तो गर्भपात के बाद पीरियड्स को नॉर्मल होने में थोड़ा समय लगता है। जैसे-जैसे दिन बीतते जाते हैं, वैसे-वैसे इस समस्या में कमी आने लगती है। लेकिन, अगर आपके हार्मोन इंबैलेंस हो रहे हैं, तो आपके पीरियड्स अनियमित रहेंगे। ऐसा लंबे समय तक भी हो सकता है। इसलिए, गर्भपात के बाद हर महिला को अपने पीरियड साइकिल पर नजर रखनी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: मिसकैरेज के बाद हो सकती है हल्की ब्लीडिंग, डॉक्टर से जानें इसके कारण

बार-बार मूड स्विंग होना

Hormonal Imbalance After Miscarriage Symptoms In Hindi

गर्भपात की वजह से पीरियड्स कम होते हैं। ऐसे में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। एस्ट्रोजन महिलाओं के लिए बहुत ही जरूरी हार्मोन है। इसके स्तर में कमी आने की वजह से महिलाओं का बार-बार मूड स्विंग होता रहता है। इससे डील करने के लिए जरूरी है कि महिलाएं करीबियों के साथ अपने दिल की बातें साझा करती रहें।

थकान से भरे रहना

गर्भपात के बाद महिलाओं का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। इससे रिकवरी में महिलाओं के काफी समय भी लगता है। वहीं, अगर सही केयर न मिले, तो रिकवरी धीमी हो सकती है। इसके अलावा, एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण महिलाएं बहुत जल्दी किसी भी काम में थकन महसूस करने लगती हैं। इसका एक कारण मेंटल स्ट्रेस को भी माना जा सकता है। दरअसल, गर्भपात की वजह से महिलाएं तनाव और डिप्रेशन में आ जाती हैं। ऐसे में, वे थकान और कमजोरी भी महसूस करती हैं।

कील-मुंहासे होना

Hormonal Imbalance After Miscarriage Symptoms In Hindi

जैसा कि इसका जिक्र हमने पहले ही कर दिया है कि गर्भपात के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो हार्मोनल इंबैलेंस के कारण कील-मुंहासों की समस्या हो जाती है। ऐसा सिर्फ फेस पर हो, यह जरूरी नहीं है। हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से कभी-कभी सीने, पीठ आदि जगहों पर भी कील-मुहासों की समस्या हो जाती है।

इसे भी पढ़ें: महिलाओं में हार्मोन असंतुलित होने पर नजर आते हैं ये 7 संकेत, जानें इनके बारे में

चेहरे पर बालों का बढ़ना

अगर किसी महिला में हार्मोनल इंबैलेंस की दिक्कत लंबे समय से चलती है, तो उनके चेहरे, ठुड्डी और गर्दन में अनचाहे बाल उग सकते हैं। हालांकि, गर्भपात के बाद शरीर अपने आप खुद को एड्जेस्ट करने की कोशिश करता है। इस स्थिति में धीरे-धीरे सुधार भी होने लगता है।

बालों का झड़ना

चूंकि गर्भपात के बाद हार्मोन के स्तर में कमी आने लगती है। ऐसे में, महिलाओं को हेयर फॉल की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसे आप गर्भपात के बाद हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण के रूप में ले सकते हैं। वैसे, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि गर्भपात के बाद महिलाएं काफी स्ट्रेस में रहती हैं। तनाव भी हेयर फॉल का एक कारण हो सकता है।

All Image Credit: Freepik

Read Next

मिसकैरेज के बाद हो सकती है सिरदर्द की शिकायत, डॉक्टर से जानें इसका कारण

Disclaimer