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शरीर में एस्ट्रोजन की कमी से हो सकती हैं ये 4 समस्याएं, इन चीजों का करें सेवन

मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जो कि हार्ट स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
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शरीर में एस्ट्रोजन की कमी से हो सकती हैं ये 4 समस्याएं, इन चीजों का करें सेवन

Lower Estrogen Levels Impact On Health In Hindi: एस्ट्रोजन एक हार्मोन है, जो कि महिलाओं और पुरुषों, दोनों में पाया जाता है। महिलाओं में इस हार्मोन की संख्या ज्यादा होती है। एस्ट्रोजन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हार्मोन है। मणिपाल हॉस्पिटल मिलर्स रोड में कंसलटेंट-कार्डियोलॉजी डॉ. सुनील द्विवेदी की मानें, तो एस्ट्रोजन लिपिड मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत ही जरूरी होता है, जो कि फैट और कार्डियोवस्कुलर हेल्थ को प्रमोट करने के लिए अहम भूमिका निभाता है। एस्ट्रोजन की मौजूदगी की वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आने लगती है, जिस वजह से महिलाओं के शरीर पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिलता है। विशेषज्ञों की मानें, तो खराब जीवनशैली और खराब खानपान की आदत महिलाओं में कम उम्र में ही एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट का एक कारण बनकर उभर रहा है। इसका हेल्थ पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।

कार्डियोवस्कुलर हेल्थ पर असर- Cardiovascular Health

Lower Estrogen Levels Impact On Health

‘मिरर’ के काफाउंडर संजीत शेट्टी की मानें, तो एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर कार्डियोवस्कुलर यानी हार्ट हेल्थ पर बहुत असर पड़ सकता है। आपको बता दें कि मिरर एक मेनोपॉज कम्यूनिटी है, जिसके फाउंडर संजीत शेट्टी हैं। वे मेनोपॉज से संबंधित समस्याओं की बारीक समझ रखते हैं। उनका कहना है, ‘मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना और गुड कोलेस्ट्रॉल का घटना आम बात है। जैसे ही शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, तो इससे हार्ट हेल्थ पर बुरा प्रभाव देखने को मिलता है।

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लाइफ की क्वालिटी इफेक्टेड होती है- Affects Quality of Life

Lower Estrogen Levels Impact On Health

मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं में कई तरह की समस्याओं की शुरुआत हो जाती है। इन्हीं में से एक है कि क्वालिटी लाइफ का इफेक्टेड होना। दरअसल, मेनोपॉज के बाद महिलाओं की ओवर ऑल हेल्थ भी प्रभावित होती है, जिनके लक्षणों को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। इससे हेल्थ से जुड़े कई रिस्क फैटर्स उभरने लगते हैं।

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हेल्थ मैनेजमेंट मुश्किल हो जाती है- Tough Health Management

मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए अपनी हेल्थ को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। दरअसल, मेनोपॉज की शुरुआती दिनों में महिलाओं को कई तरह के शारीरिक समस्याओं से जुड़े लक्षण देखने को मिलते हैं। इनमें थकन होना, ऊर्जा की कमी, हॉट फ्लैशेस होना आदि शामिल हैं। अगर शुरुआती दिनों में लक्षणों को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव किए जाए, तो महिलाओं की परेशानियां कुछ हद तक कम हो जाती हैं।

एथेरोस्क्लेरोसिस की रोकथाम- Risk of Atherosclerosis

हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल के जमाव का कारण बन सकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस या प्लाक का निर्माण हो सकता है। इसकी वजह से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो प्रभावित हो सकता है। ऐसी कंडीशन में कई बार हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक का रिस्क बन जाता है

image credit: freepik

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