स्ट्रोक एक जटिल समस्या है, जिसके मामले में दुनियाभर में काफी ज्यादा हैं। इस कारण हर साल लाखों लोग जान गंवाते हैं। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 में दुनियाभर में स्ट्रोक के मामले कुल 10 मिलियन होंगे। हाल ही लांसेट न्यूरोलॉजी जर्नल (Lancet Neurology journal) के मुताबिक अन्य देशों के मुकाबले भारत में स्ट्रोक का खतरा अधिक बढ़ गया है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
भारत में बढ़ा स्ट्रोक का खतरा
स्टडी के मुताबिक अन्य देशों जैसे एशिया और अफ्रिका में स्ट्रोक का खतरा थोड़ा कम है, लेकिन भारत में इससे प्रभावित होने वालों का जोखिम ज्यादा है। हाल ही में जारी रिपोर्ट की मानें तो हर साल $2 डॉलर से कम की आय वाले देशों में स्ट्रोक का जोखिम अधिक रहता है। लेकिन यह साल 2020 से 2050 के दौरान ज्यादा आय वाले देशों को भी अपना शिकार बना सकता है। इसके मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ सकते हैं।
भारत में क्यों है ज्यादा खतरा?
भारत में अन्य देशों के मुकाबले स्ट्रोक का ज्यादा खतरा रहता है। दरअसल, इसके पीछे वैज्ञानिकों ने हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, लाइफस्टाइल में बदलाव, स्मोकिंग, कोलेस्ट्रॉल, मोटापे और अनहेल्दी लाइफस्टाइल और हार्ट से जुड़ी समस्याएं को मुख्य कारण बताया है। पिछले कुछ समय में इन बीमारियों के मामले ज्यादा बढ़े हैं। जिससे साल 2050 तक इसके मामलों की संख्या 10 मिलियन होने की बात कही जा रही है। चीनी, नमक और शराब आदि का सेवन करना भी इसके पीछे बड़ा कारण माना जाता है।
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हार्ट स्ट्रोक से बचने के तरीके
- हार्ट स्ट्रोक से बचने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। इसके लिए नियमित योग और व्यायाम करें।
- हार्ट स्ट्रोक से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।
- अगर आप हार्ट से जुड़ी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में इसे नजरअंदाज करने के बजाय चिकित्सक की सलाह लें।
- इसके लिए गुस्से पर काबू करें साथ ही अच्छी और हेल्दी नींद लें।