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Healthy Uterus: इन 3 संकेतों से समझें आपका गर्भाशय स्वस्थ है या नहीं?

जिन महिलाओं को नियमित रूप से पीरियड्स होते हैं, ब्लीडिंग फ्लो नॉर्मल रहता है, उनका यूट्रस हेल्दी माना जा सकता है।
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Healthy Uterus: इन 3 संकेतों से समझें आपका गर्भाशय स्वस्थ है या नहीं?


Signs Of Healthy Uterus: यूट्रस यानी गर्भाशय महिला के शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग होता है। गर्भाशय वह जगह होती है, जहां भ्रूण ठहरता है और उसका विकास होता है। अगर यूट्रस में किसी भी तरह की दिक्कत हो जाए, तो महिला के लिए कंसीव करना मुश्किल हो सकता है। मां बनने के लिए महिला का यूट्रस हेल्दी होना चाहिए। मौजूदा जीवनशैली ऐसी हो गई है कि ज्यादातर महिलाएं यूट्रस से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त हो रही हैं। बताते चलें कि गर्भाशय से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को यूटराइन प्रॉब्लम के नाम से जाना जाता है। यूट्रस से जुड़ी परेशानियों में यूटरिन फाइब्रॉयड, एंडोमेट्रियोसिस, बच्चेदानी का खिसकना और बच्चेदानी में टीबी होना शामिल हैं। इनमें से कोई भी समस्या होने पर महिला को तरह-तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं। सवाल है, आपका यूट्रस हेल्दी है या नहीं, इसका कैसे पता लगाया जा सकता है? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।

हेल्दी यूट्रस के लक्षण- Signs Of Healthy Uterus In Hindi

Signs Of Healthy Uterus In Hindi

असामान्य ब्लीडिंग का न होना

कई तरह की हेल्थ कंडीशन के कारण एब्नॉर्मल और हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। अगर आपको ऐसी समस्या नहीं है, तो समझ सकते हैं कि आपका यूट्रस हेल्दी है। हां, अगर कभी-कभार ऐसी समस्या होती है, तो इसे गर्भाशय की समस्या से जोड़कर देखना सही नहीं होगा। कई बार, स्ट्रेस की वजह से भी हैवी या एब्नॉर्मल ब्लीडिंग होती है।

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इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग न होना

अगर किसी महिला को इंटरकोर्स के दौरान दर्द और तकलीफ होने के साथ-साथ इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग होती है, तो यह सही संकेत नहीं है। यह फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है। अगर आपको इंटरकोर्स के बाद किसी तरह की समस्या नहीं होती है, तो समझ सकते हैं कि आपका यूट्रस हेल्दी है।

फ्रीक्वेंट ब्लीडिंग न होना

अगर किसी महिला पीरियड साइकिल सही है, तो इसे हेल्दी होने की निशानी समझा जाना चाहिए। असल में, यूट्रस में दिक्कत होने पर कई महिलाओं को फ्रीक्वेंटली ब्लीडिंग होती रहती है। यह कंडीशन सही नहीं है। अगर किसी महिला के साथ ऐसा होता है, तो उन्हें इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। हालांकि, ऐसा कब से हो रहा है, इस बात पर नजर रखना चाहिए। अगर लंबे समय से यह समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

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गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं के लक्षण- Symptoms Of Uterine Problems In Hindi

Symptoms Of Uterine Problems In Hindi

गर्भाशय में समस्या होने पर कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे-

  • पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना और दर्द का बने रहना।
  • लंबे समय तक और फ्रीक्वेंटली ब्लीडिंग होना
  • पैल्विक एरिया में प्रेशर बने रहना या दर्द होना।
  • बार-बार पेशाब आना या पेशाब करने में परेशानी होना।
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
  • कब्ज की समस्या का होना।
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना या सेक्स के दौरान और बाद में दर्द होना।

गर्भाशय को हेल्दी रखने के टिप्स- How To Keep Uterus Healthy In Hindi

  • रेगुलर एक्सरसाइज करें। जरूरी नहीं है कि हैवी एक्सरसाइज की जाए। आप वॉकिंग, स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज की मदद से यूट्रस को हेल्दी रख सकते हैं।
  • डाइट को हमेशा बैलेंस्ड रखें। हेल्दी डाइट लेने से ओवर ऑल हेल्थ सही रहती है। इसका अच्छा असर आपके गर्भाशय पर भी पड़ता है।
  • खुद को हाइड्रेट रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और ओवर ऑल हेल्थ में सुधार होता है। इसका पॉजिटिव असर आपके गर्भाशय पर भी पड़ता है।
  • अपने सोने का पैटर्न सही रखें। अगर आप रोजाना पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो इससे हार्मोन में बदलाव हो सकते हैं। यह गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।

All Image Credit: Freepik

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